ट्रंप की चौखट पर हुए जलील... तब भी नहीं सुधरे जेलेंस्की, भारत से दगाबाजी देखिए

6 hours ago

Last Updated:September 09, 2025, 11:03 IST

Russia-Ukraine War: वोलोदिमीर जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ के फैसले का समर्थन किया है. यूक्रेन ने भारत से दगाबाजी पहली बार नहीं की है. इससे पहले पाकिस्तान को हथियार देना और यूएन में भारत...और पढ़ें

ट्रंप की चौखट पर हुए जलील, तब भी नहीं सुधरे जेलेंस्की , भारत से दगाबाजी देखिएजेलेंस्की और ट्रंप फाइट फोटो.

28 फरवरी 2025 की तारीख कोई कैसे भूल सकता है. यह वही दिन है, जब वाइट हाउस के आंगन में एक राष्ट्रपति की सरेआम बेइज्जती हुई थी. उस राष्ट्रपति का नाम है वोलोदिमीर जेलेंस्की. जी हां, शांति की उम्मीद लिए यूक्रेन के राषष्ट्रपति जेलेंस्की ट्रंप के दरबार गए थे. रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवाने के लिए वह अमेरिका गए थे. मगर 28 मार्च को सबके सामने ट्रंप ने जेलेंस्की को जलील कर दिया. ऑन कैमरा जेलेंस्की ट्रंप की चौखट पर बेइज्जत किए गए थे. आज वही जेलेंस्की डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने में लगे हैं. यही कारण है कि जेलेंस्की अब ट्रंप की भाषा ही बोल रहे हैं. ट्रंप के गलत फैसले को भी सही बता रहे हैं. इल तरह अमेरिका का चहेता बने रहने के लिए यूक्रेन ने भारत से दगाबाजी का एक और सबूत दिया है.

सबसे पहले जानते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने किस बात पर ट्रंप की हां में हां मिलाया है. दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत का नाम तो नहीं लिया, मगर रूस के साथ सौदा करने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के विचार को सही कहा है. जेलेंस्की ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन देशों पर टैरिफ लगाने का विचार सही है जो रूस के साथ सौदे करना जारी रखे हुए हैं…मुझे लगता है कि यह सही विचार है.’ अमेरिका ने रूस से सौदा करने और तेल खरीदने वाले देशों पर अधिक टैरिफ लगाए हैं. भारत पर 50 फीसदी टैरिफ है.

ट्रंप को खुश करने में लगे जेलेंस्की

जेलेंस्की ने ट्रंप के बयान का समर्थन कर उन्हें केवल खुश करने की कोशिश की है. वह यह बात भूल गए, जब रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई उनके देश नहीं गया था, तब शांति की कवायद करने खुद पीएम मोदी कीव पहुंचे थे. रूस-यूक्रेन जंग के दौरान कीव पहुंचने वाले पीएम मोदी एशियाई देशों में सबसे पहले राष्ट्राध्यक्ष थे. पीएम मोदी ने पुतिन को भी समझाया और जेलेंस्की को भी शांति का पाठ पढ़ाया. यूक्रेन जाकर बुद्ध का संदेश देकर आए थे. मगर जेलेंस्की उस चीज को भूल गए हैं. उन्हें तो केवल अमेरिका के प्रति अपनी वफादारी साबित करनी है. तभी तो उन्हें टैरिफ लगाने के विचार को सही माना है. वैसे यूक्रेन ने पहली बार भारत संग दगाबाजी नहीं की है. उसका इतिहास रहा है.

यूक्रेन रहा है दगाबाज

यूक्रेन अक्सर भारत-पाकिस्तान के मसलों पर पाकिस्तान का साथ देता है. इतना ही नहीं, पाकिस्तान को हथियार देकर भी उसे समय-समय पर मजबूत करता रहा है. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां यूक्रेन को भारत के बजाय पाकिस्तान का समर्थन करते हुए देखा गया है. चाहे वह हथियारों की बिक्री हो या यूएन में वोटिंग. यूक्रेन का भारत और पाकिस्तान दोनों संग सैन्य और राजनियक संबंध है. मगर वह अक्सर पाकिस्तान को ही प्राथमिकता देता रहा है. जब यूक्रेन ने पाकिस्तान को T-80UD टैंक दिए थे, तब भी भारत ने यूक्रेन से इस बात पर चिंता जताई थी. मगर यूक्रेन ने भारत की चिंता को दरकिनार कर दिया और 1997-1999 के बीच पाकिस्तान को ये टैंक डिलीवर किए.

हथियारों के मामले में यूक्रेन ने पाक को किया मजबूत

यूक्रेन ने भारत की चिंता जाहिर करने के बावजूद पाकिस्तान को T-80UD टैंक दिए. साल 2008 में यूक्रेन ने पाकिस्तान को चार Il-78 हवाई ईंधन भरने वाले विमान बेचे, जो 2012 तक डिलीवर हुए. 2020-2021 में यूक्रेन ने पाकिस्तान के T-80UD टैंकों की मरम्मत के लिए एक अनुबंध किया और एक Il-78 विमान को अपग्रेड किया.

यूएन में भी यूक्रेन ने भारत का नहीं दिया साथ

जब 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया, तब भी यूक्रेन ने दगाबाजी की. यूएन में इसे लेकर वोटिंग हुई. इसमें भारत के 1998 के परमाणु परीक्षणों की निंदा की गई. यूक्रेन ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रेजोल्यूशन 1172 के पक्ष में वोट किया. मतलब यूक्रेन भी उन 26 देशों में शामिल था, जिन्होंने भारत के परमाणु परीक्षण कार्यक्रम की निंदा की.

कश्मीर पर भी यूक्रेन का पाक प्रेम

कश्मीर मुद्दे पर भी यूक्रेन का ज्यादातर मामलों में पाकिस्तान प्रेम ही दिखा है. यूक्रेन ने 1990 के दशक में यूएन ह्यूमन राइट्स कमीशन में कश्मीर पर यूएन हस्तक्षेप के पक्ष में वोट किया या समर्थन दिया था. यूक्रेन का यह कदम पाकिस्तान से मिलता जुलता रहा है. बहरहाल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसे ही अब जेलेंस्की सही मान रहे हैं. उनके हिसाब से अमेरिका ने अच्छा कदम उठाया.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...

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First Published :

September 09, 2025, 10:59 IST

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