Last Updated:October 03, 2025, 22:48 IST
POK Protests Against Pakistan: पीओके में चल रहे हिंसक प्रदर्शन बताते हैं कि पाकिस्तानी फौज के दमन और संसाधनों की लूट से जनता किस कदर त्रस्त है. 'आजाद कश्मीर' की बात करने वालों को भारत से सीखना चाहिए कि कश्मीर की असली जीत लोगों की जिंदगी सुधारने में है.

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर ने महिला वर्ल्ड कप के दौरान प्रॉपेगेंडा फैलाने की कोशिश की. उन्होंने कमेंट्री में एक पाकिस्तानी खिलाड़ी को ‘आजाद कश्मीर’ से बताते हुए इंट्रोड्यूस किया. ये घटना मामूली लग सकती है लेकिन यही घटना पाकिस्तान की सोच की पोल खोल देती है. पाकिस्तान हर मंच पर ‘आजाद कश्मीर’ का झूठा नैरेटिव बेचता है. मगर असलियत ये है कि जिसे वो ‘आजाद’ कहते हैं, वहां लोग भूख, दमन और हिंसा से जूझ रहे हैं. सना मीर को बाद में सोशल मीडिया पर सफाई देनी पड़ी कि उनका मकसद राजनीति करना नहीं था. लेकिन सवाल ये है कि खेल की कमेंट्री में भी पाकिस्तान के लोग अगर पीओके को ‘आजाद’ बताने लगें तो यह वहीं से शुरू होने वाला झूठ है, जो दशकों से पाकिस्तान चला रहा है. असल हालात इस झूठ से बिल्कुल उलट हैं.
पीओके की हकीकत क्या है?
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में लगातार जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग सड़कों पर उतरे, पुलिस से भिड़ गए, कई मारे गए. इंटरनेट बंद कर दिया गया, बाजार ठप हो गए. लोगों की मांगें क्या हैं? सस्ती बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं, नौकरियां और भ्रष्टाचार से मुक्ति.
सिर्फ इतना ही नहीं, संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के आंदोलन ने बता दिया कि लोग पाकिस्तान से अब तंग आ चुके हैं. पीओके की जनता खुलेआम पाकिस्तानी सेना और सरकार पर अत्याचार का आरोप लगा रही है. कुछ नेताओं ने तो सेना की तुलना ‘चुड़ैल’ तक से कर दी. यह वही ‘आजाद कश्मीर’ है, जिसकी कल्पना पाकिस्तानी नेताओं ने नारेबाजी में बेची थी.
भारत का कश्मीर, 2019 के बाद बदली तस्वीर
अब इसकी तुलना भारतीय जम्मू-कश्मीर से कीजिए. 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई. कश्मीर अब अलगाव और आतंक की जगह पर्यटन और विकास के लिए जाना जा रहा है.
पर्यटन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, गुलमर्ग और श्रीनगर में होटल महीनों पहले फुल. इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े प्रोजेक्ट, नई टनल्स, हाइवे और रेलवे नेटवर्क. युवाओं को शिक्षा और रोजगार में नए अवसर, स्टार्टअप्स और आईटी इंडस्ट्री की एंट्री. निवेशकों के लिए दरवाजे खुले, देश-विदेश की कंपनियां प्रोजेक्ट लगा रही हैं.कभी जो घाटी आतंक और बंद के लिए पहचानी जाती थी, आज वहां के युवा क्रिकेट, आईटी और टूरिज्म से अपने सपने पूरे कर रहे हैं.
फर्क साफ है
पीओके में लोग ‘आजादी’ की तलाश में पुलिस की गोलियां खा रहे हैं. भारत के कश्मीर में लोग बर्फीली वादियों में सैलानियों को गाइड कर रहे हैं, होटलों और कैफे चला रहे हैं, इंटरनेट कंपनियों में काम कर रहे हैं. पाकिस्तान ने पीओके को सिर्फ अपने नारे और दमन का इलाका बनाया. भारत ने अपने कश्मीर को विकास, शिक्षा और रोज़गार से जोड़ा. फर्क जमीन से आसमान का है.
सना मीर की कमेंट्री से शुरू हुआ विवाद पाकिस्तान की मानसिकता का आईना है. लेकिन माइक पर बोले गए शब्दों से सच नहीं बदलता. सच ये है कि पीओके जल रहा है और भारतीय कश्मीर खिल रहा है. पाकिस्तान अगर वाकई कुछ सीखना चाहता है तो भारत से सीखे. कश्मीर को नारों और झूठ से नहीं, विकास और भरोसे से जन्नत बनाया जाता है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 03, 2025, 22:34 IST