Last Updated:July 12, 2025, 07:17 IST
Ahmedabad Plane Crash Report: अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान कुछ ही सेकेंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, प्लेन क्रैश की इस भीषण दुर्घटना में 260 लोगों ...और पढ़ें

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में दो पायलटों के बीच की बातचीत का ब्योरा सामने आया है. (फोटो: पीटीआई)
Ahmedabad Plane Crash Report: 12 जून 2025 को देश कभी भुला नहीं सकता है. इसी दिन अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयर इंडिया के विमान ने लंदन के लिए उड़ान भरी थी. प्लेन में 230 पैसेंजर के साथ ही चालक दल के 12 सदस्य सवार थे. इस भीषण हादसे में एक यात्री की जान बच गई. हालांकि, वे गंभीर रूप से घायल हो गए. विमान मेडिकल कॉलेज पर गिर गया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस हादसे में कुल मिलाकर 260 लोगों की जान चली गई. हादसे की जांच करने वाली एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी AAIB ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें प्लेन के कॉकपिट में क्रैश होने से कुछ सेकेंड पहले दो पायलटों के बीच बातचीत का ब्योरा भी शामिल है.
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में पायलट के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इसमें एक पायलट दूसरे से पूछ रहा है – तुमने कटऑफ क्यों किया?. इसपर दूसरे पायलट ने जवाब दिया – मैंने नहीं किया. दोनों पायलटों के बीच इस बातचीत के तुरंत बाद प्लेन क्रैश हो गया. इस तरह प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने पायलटों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बोइंग 787 विमान के इंजन फ्यूल स्विच को कुछ क्षणों के लिए ऑफ कर दिया गया था, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई. संभवतः यही हादसे का प्रमुख कारण बना.
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और मीडिया स्रोतों के आधार पर दोनों पायलटों के बैकग्राउंड की समीक्षा से पता चलता है कि दोनों ही अनुभवी थे, लेकिन हादसे से पहले कॉकपिट में कोऑर्डिनेशन में कमी का पता चलता है. आइए जानते हैं एयर इंडिया के क्रैश विमान के दोनों पायलट कौन थे -:
कैप्टन सुमीत सभरवाल
56 साल के कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस था, जो 14 मई 2026 तक वैलिड था. वह बोइंग 787, 777 और एयरबस A310 सहित कई विमानों के पायलट-इन-कमांड के तौर पर अधिकृत थे. उनके पास कुल 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जिसमें से 8,596 घंटे उन्होंने बोइंग 787 उड़ाते हुए बिताए थे. उनकी अंतिम उड़ान से पहले उन्होंने हवाई अड्डे से अपने परिवार को कॉल किया था और यह आश्वासन दिया था कि वे लंदन पहुंचकर दोबारा संपर्क करेंगे. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक साथी पायलट ने उन्हें सभ्य और सज्जन शख्स बताया है.
फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर
32 साल के को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 2020 में जारी हुआ कमर्शियल पायलट लाइसेंस था, जो 26 सितंबर 2025 तक वैलिड है. उन्हें सेसना 172 और पाइपर PA-34 सेनेका विमान को पायलट-इन-कमांड के तौर पर उड़ाने की अनुमति थी और एयरबस A320 व बोइंग 787 पर को-पायलट की भूमिका में उड़ान भरने की मंजूरी भी प्राप्त थी. उनके पास कुल 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था, जिनमें से 1,128 घंटे उन्होंने बोइंग 787 पर को-पायलट के रूप में उड़ान भरते हुए बिताए. बचपन से ही उड़ान के प्रति जुनून रखने वाले कुंदर ने साल 2012 में इस क्षेत्र में कदम रखा और 2017 में एयर इंडिया से जुड़े.
As per the EAFR data, the aircraft crossed the take-off decision speed V1 and achieved 153 kts IAS at 08:08:33 UTC. The Vr speed (155 kts) was achieved as per the EAFR at 08:08:35 UTC. The aircraft air/ground sensors transitioned to air mode, consistent with liftoff at 08:08:39… pic.twitter.com/k8H8PaDTv7
हादसे का कारण: तकनीकी खामी या मानवीय चूक?
जांच रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के दौरान ईंधन स्विच को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे दोनों इंजन रुक गए. यहीं से कॉकपिट में भ्रम की स्थिति बनी, क्योंकि विमान के कंप्यूटर और सेंसरों ने तत्काल चेतावनी नहीं दी. इस दौरान पायलटों ने आपात प्रक्रियाएं अपनाने की कोशिश की, लेकिन समय की कमी और समन्वय की गड़बड़ी के चलते विमान को नियंत्रित नहीं किया जा सका. अधिकारियों का कहना है कि अब फोकस विमान की डिज़ाइन, पायलट प्रशिक्षण प्रक्रिया और क्रू समन्वय पर केंद्रित है. डीजीसीए और एयर इंडिया ने इस हादसे को लेकर एक विस्तृत जांच शुरू कर दी है.
आगे की राह
यह हादसा भारत की विमानन सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी की तरह है. जहां एक ओर तकनीकी दक्षता और अनुभव मौजूद थे, वहीं दूसरी ओर प्रक्रियात्मक चूक और निर्णय लेने में देरी ने एक जानलेवा मोड़ ले लिया. अब सवाल यह है कि क्या मौजूदा पायलट ट्रेनिंग मॉड्यूल और कॉकपिट क्रू समन्वय को नए सिरे से जांचने की आवश्यकता है? फिलहाल, जांच जारी है और अंतिम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट होगा कि इस दुर्घटना के पीछे असली वजह क्या थी तकनीकी खामी या मानवीय चूक.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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