को-पायलट के पास था प्‍लेन का कंट्रोल, टेकऑफ के वक्‍त कहां बिजी थे कैप्‍टन?

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Last Updated:July 12, 2025, 12:01 IST

Co-Pilot Control on Plane, Right or Wrong?: टेकऑफ के वक्‍त प्‍लेन की कमान को-पायलट क्‍लाइव कुंदर के हाथों में थी. उस समय प्‍लेन के पायलट इन कमांड कहां व्‍यस्‍त थे, इस बात का खुलासा एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट में कि...और पढ़ें

को-पायलट के पास था प्‍लेन का कंट्रोल, टेकऑफ के वक्‍त कहां बिजी थे कैप्‍टन?

हाइलाइट्स

अहमदाबाद प्‍लेन क्रैश में एएआईबी ने जारी की अपनी रिपोर्ट.12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787 प्‍लेन हुआ था क्रैश.प्‍लेन क्रैश में 241 पैसेंजर्स और क्रू की हो गई थी मृत्‍यु.

Ahmedabad AI 171 Plane Crash Report: अहमदबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्‍लेन क्रैश मामले में एयरक्राफ्ट एक्‍सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्‍यूरो (एएआईबी) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. एएआईबी के अनुसार, टेकऑफ के दौरान, प्‍लेन का कंट्रोल पायलट-इन-कमांड (पीआईसी) यानी कैप्‍टन सुमीत सभरवाल के हाथों में ना होकर को-पायलट क्‍लाइव कुंदन के हाथों में थे. रनवे से रोल होने से लेकर क्रैश होने तक प्‍लेन को को-पायलट ही ऑपरेट कर रहे थे.

ऐसे में, सवाल यह उठता है कि कैप्‍टन के मौजूदगी के बावजूद को-पायलट के हाथों पर प्‍लेन का कंट्रोल क्‍यों था? यह तब था, जब कैप्‍टन सुमीत सभरवाल के पास 8600 घंटे प्‍लेन उड़ाने का अनुभव था. जबकि को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास उस समय तक सिर्फ 1100 घंटे प्‍लेन उड़ाने का अनुभव था. सवाल यह भी उठता है कि उस वक्‍त कैप्‍टन समीत सभरवाल कहां बिजी थे और ऐसा करना कितना सही और कितना गलत है. जहां तक सवाल कैप्‍टन समीत कहां बिजी होने का है, तो इसका जवाब एएआईबी ने दे दिया है.

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पीआईसी समीत सभरवाल पर उठे सवाल
एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार, को-पायलट क्‍लाइव कुंदर उस समय पायलट फ्लाइंग (पीएफ) थे, जबकि पीआईसी समीत सभरवाल पायलट मॉनिटरिंग की भूमिका में थे. वह फ्लाइट एआई-171 के टेकऑफ को मॉनिटर कर रहे थे. ऐसे में, अब सवाल यह उठता है कि ऐसा करना कितना सही और कितना गलत है. एक निजी एयरलाइंस के सीनियर पायलट के अनुसार, ऐसा करने के लिए पायलट इन कमांड को तीन शर्तें पूरी करनी होंगी. इसमें पहली शर्त पायलट के कुल 3000 से अधिक फ्लाइट आवर्स होने चाहिए.

पीआईसी समीत सभरवाल ने सही किया गया गलत
दूसरी शर्त, पीआईसी के तौर पर उसके 1000 से अधिक घंटे होने चाहिए. वहीं, तीसरा शर्त ऑन टाइप फ्लाइट में बतौर पीआईसी 300 घंटे से अधिक घंटे का अनुभव चाहिए. यानी, पायलट जिस मेक का एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं, उसमें पीआईसी के तौर पर 300 घंटे का अनुभव चाहिए. उनके अनुसार, कैप्‍टन समीत सभरवाल न केवल इन तीनों शर्तो को पूरा करते थे, बल्कि को-पायलट के तौर पर 300 घंटे का ऑन टाइम अनुभव की शर्त को-पायलट क्‍लाइव कुंदर भी पूरी कर रहे थे. ऐसे में पीआईसी की निगरानी में प्‍लेन का कंट्रोल लेना किसी भी नियम का उल्‍लंघन नहीं है.

एएआईबी ने प्‍लेन क्रैश की बताई यह वजह
एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि प्‍लेन के टेकऑफ करते ही दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच एक सेकेंड के अंदर कटऑप हो गए. जिसके चलते, इंजन में फ्यूल सप्‍लाई पहुंचना बंद गई. प्‍लेन अपना थ्रस्‍ट और पॉवर खोने लगा. महज कुछ के अंदर प्‍लेन अहमदाबाद एयरपोर्ट के समीप क्रैश हो गया.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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