Last Updated:July 12, 2025, 15:48 IST

सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी ने चुनाव आयोग के खिलाफ दलीले पेश कीं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले को मजाक करार दिया और सवाल उठाया कि अगर मांगे गए दस्तावेजों के अभाव में एसआईआर से ज्यादातर वोटरों को निकाल दिया गया, तो चुनाव निष्पक्ष कैसे होगा? वह सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर एक प्रेस ब्रीफिंग में बोल रहे थे.
12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कांग्रेस सांसद और मामले में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में SIR पर INDIA गठबंधन की जीत है क्योंकि कोर्ट में SIR पर याचिका संयुक्त थी. अगर चुनाव आयोग SIR से ज्यादातर लोगों को निकाल देगा तो लेवल प्लेइंग फील्ड कहां है?”
उन्होंने कहा, “अजीब बात है कि SIR में चुनाव आयोग ने ‘आधार’ को किनारे कर दिया. चुनाव आयोग का फैसला मजाक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मसला महत्वपूर्ण है. 28 जुलाई को अगली सुनवाई है. हमारी सारी दलीलें खुली हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तीन दस्तावेज पर विचार करने का सुझाव दिया है. हमने मांग किया है कि सुप्रीम कोर्ट SIR को निरस्त करे.”
निर्वाचन आयोग का दावा है कि अब तक वह राज्य के 4.53 करोड़ (57.48 प्रतिशत) मतदाताओं तक पहुंच चुका है. दरअसल, विपक्ष आरोप लगा रहा है कि यह प्रक्रिया बड़ी संख्या में लोगों को मताधिकार से वंचित करने की ‘साजिश’ है, जिससे सत्तारूढ़ राजग को ‘फायदा’ होगा. जद (यू) भी राजग का हिस्सा है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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New Delhi,Delhi