कतर के बाद इस ताकतवर मुस्लिम देश को निशाना बनाएगा इजरायल, मिडिल ईस्ट में मचा तहलका

3 weeks ago

Israel planning deadly attack on Turkey : गाजा, यमन और कतर में इज़रायल के हमलों के बाद अब नजरें तुर्किये पर हैं. साइप्रस में इज़राइल ने अपने अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम बराक-MX को तैनात कर दिया है, जो 150 किलोमीटर तक खतरों को रोकने की क्षमता रखता है. ये कदम तुर्किये के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गया है. सवाल उठ रहा है कि क्या इज़रायल जल्द ही तुर्किये को अपना अगला निशाना बना सकता है. तुर्किये की बेचैनी बढ़ने के पीछे सिर्फ बराक MX की  तैनाती ही नहीं, बल्कि मिडिल ईस्ट में बढ़ती राजनीतिक और सैन्य अस्थिरता भी है. अगर टकराव हुआ, तो अमेरिका और नाटो की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ सकती है. 

इजरायल का बारूदी ज़खीरा गाजा में हमास को मिट्टी में मिला रहा है. पिछले 2 साल में इजरायल ने गाजा का नक्शा बदल कर रख दिया है. इज़रायली फौज हमास के ठिकानों को चुन-चुन कर खंडहर में तब्दील कर रही है. आसमान से लेकर जमीन तक गाजा में कुछ नजर आ रहा है तो वो है बस बर्बादी और बर्बादी. लेकिन गाजा में इजरायल के मिसाइल अटैक का हिसाब तुर्किये लगा रहा है. यमन में हूती के ठिकानों पर इजरायल बम बरसा रहा है तो सबसे ज्यादा तुर्किये ही घबरा रहा है. इजरायल ने कतर को दहलाया तो सबसे ज्यादा तुर्किये ही तिलमिलाया जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या पश्चिमी एशिया में इजरायल नया युद्ध छेड़ने वाला है?

क्या आने वाले वक्त में ईरान का दावा सच साबित होने जा रहा है? क्या गाज़ा, कतर और यमन के बाद इजरायल का अगला टारगेट तुर्किये है?  क्या जल्द ही तुर्किये पर हमला करने वाला है इजरायल ?

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ये सवाल क्यों उठ रहे हैं उसकी वजह भी समझ लिजिए. तुर्किये की बेचैनी बढ़ने का बड़ा कारण इजरायल का ताज़ा कदम माना जा रहा है. दरअसल, इजरायल ने तुर्किये के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए अपने आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम बराक एमएक्स को गुपचुप तरीके से साइप्रस में पहुंचा दिया है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने साइप्रस में बराक-MX तैनात करने का फैसला लिया है. बराक-MX एक अत्याधुनिक हवाई इंटरसेप्टर है, जो 150 किलोमीटर की दूर तक अपनी तरफ बढ़ने वाले खतरों को रोकने की क्षमता रखता है. बताया जा रहा है कि लिमासोल बंदरगाह के रास्ते बराक-MX साइप्रस पहुंचाई गई और अगले साल तक इसे पूरी तरह एक्टिव कर दिया जाएगा. 

ये पहली बार नहीं है जब इजरायल ने साइप्रस को बराक एमएक्स की डिलीवरी की है. करीब 10 महीने पहले, यानी दिसंबर 2024 में भी बताया गया था कि साइप्रस को इजरायली बराक एमएक्स एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी मिली है. हालांकि उस समय भी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी और अब एक बार फिर इस डिफेंस सिस्टम की दूसरी डिलीवरी भी साइप्रस को चुपचाप की गई है. 
अब जरा ये समझिए कि आखिर इजरायल के बराक एमएक्स को लेकर तुर्किये की टेंशन क्यों बढ़ गई है. 

IAI यानी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने 2018 में बराक MX को लॉन्च किया था. 
ये एक मॉड्यूलर सिस्टम है, जो एक साथ कई खतरों से निपटने में सक्षम है.
इसमें लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल तक रोकने की क्षमता है.
और तो और.. इसकी रेंज भी 15 किलोमीटर से 150 किलोमीटर तक बताई जा रही है.

खास बात ये है कि कतर पर इजरायली अटैक के बाद से ही कहा जा रहा है कि इजरायल अब तुर्किये पर हमला कर सकता है. कतर पर हमले के बाद से ही कुछ इजराइल समर्थकों ने संकेत देने शुरू कर दिए थे कि अगला टारेगट तुर्किये हो सकता है. 

इजराइल की राजनीतिक हस्ती मीर मसरी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आज कतर, कल तुर्किये. जिसके बाद तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन के एक सलाहकार ने इजराइल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि जल्द ही उसका नाम नक्शए से मिट जाएगा. 

तुर्किये और इजराइल के रिश्ते हमेशा से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. गाजा युद्ध के बाद अगस्त में तुर्किये ने इजराइल के साथ व्यापार खत्म कर दिया. तुर्किए का आरोप है कि इजराइल पूरे मिडिल ईस्ट पर दबदबा बनाना चाहता है और बाकी देशों को कमजोर कर रहा है. 

इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी कहा था कि वो ग्रेटर इजराइल का सपना देखते हैं, जिसमें सीरिया, लेबनान, मिस्र और जॉर्डन के कुछ हिस्से शामिल हो सकते हैं. तुर्किये इस सोच का विरोध करता है. 

दिलचस्प बात ये है कि 1949 में इजराइल को मान्यता देने वाला पहला मुस्लिम देश तुर्किये ही था. लेकिन अब कहा जा रहा है कि इजराइल सिर्फ गाजा या लेबनान तक सीमित नहीं है. वो सीरिया में भी हमले कर रहा है और जरूरत पड़ने पर तुर्किये के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है.

और अब साइप्रस जैसे इलाकों में इजरायल की बढ़ रही सैन्य मौजूदगी तुर्किये के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है और अगर दोनों देशों के बीच टकराव हुआ तो उसके सबूत सीरिया की जमीन या आसमान में दिख सकते हैं.  आपको बता दें कि इजराइल पहले भी यमन, सीरिया, ट्यूनीशिया और ईरान पर हमला कर चुका है और तुर्किये भी अब समझ चुका है कि उसकी सुरक्षा सिर्फ अमेरिका या नाटो देशों पर निर्भर नहीं हो सकती. जब कतर पर हमला हुआ, तब भी अमेरिका ने इजराइल को नहीं रोका. ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर तुर्किये पर हमला होता है तो क्या अमेरिका वाकई नाटो चार्टर के तहत उसे अपने ऊपर हमला मानेगा? या फिर इज़रायल से दोस्ताना रिश्तों को देखते हुए अमेरिका अपनी आंखें मूंद लेगा. 

अगर ऐसा हुआ तो पश्चिमी एशिया में एक नया वॉर फ्रंट खुल सकता है. जिसमें एक गुट मुस्लिम देशों का होगा तो दूसरा इज़रायल और अमेरिका समर्थित देश और इस स्थिति में तीसरा वर्ल्ड वॉर भी छिड़ सकता है.

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