Last Updated:October 02, 2025, 00:01 IST
Rajnath Singh News: राजनाथ सिंह ने भुज में जवानों संग बड़ाखाना मनाया. ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करने के साथ ही नई चुनौतियों पर चर्चा की. उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' और सैनिक कल्याण पर सरकार की प्रतिबद्धता भी जताई.

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी की पूर्व संध्या पर गुजरात के भुज में सशस्त्र बलों के जवानों के साथ पारंपरिक ‘बड़ाखाना’ में शामिल होकर यह पर्व उनके साथ मनाया. इस मौके पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए सेना के शौर्य और पराक्रम की तारीफ की. पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को ठिकाने लगाने के संदर्भ में उन्होंने माता सीता और हनुमान के संवाद का जिक्र भी किया.
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “माता सीता जी ने हनुमान जी से पूछा था -हनुमान लंका को क्यों जलाया और लोगों को क्यों मारा? हनुमान जी ने जवाब दिया – माता मैंने सिर्फ उसी को मारा जिनलोगों ने मुझे मारा… ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान हमारी सेना ने भी सिर्फ आतंकवादियों को मारा.”
जवानों को संबोधित करते हुए तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य और रोज सामने आ रही नई चुनौतियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है, और भुज जैसी वीरता और धैर्य की भूमि पर सैनिकों के साथ इसे मनाना उनके लिए सौभाग्य की बात है.
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज की दुनिया में वही शक्ति अजेय रहती है, जो लगातार सीखती है और नई चुनौतियों के अनुरूप ढलती है. प्रौद्योगिकी का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. जो तकनीक कुछ समय पहले तक आधुनिक मानी जाती थी, वह अब पुरानी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक खतरों के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर हमले, ड्रोन युद्ध और सूचना युद्ध जैसी नई चुनौतियां बहुआयामी जोखिम बनकर सामने आई हैं. इनसे निपटने के लिए केवल हथियार पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि मानसिक शक्ति, अद्यतन ज्ञान और त्वरित अनुकूलन क्षमता भी आवश्यक है.
राजनाथ सिंह ने सैनिकों को आह्वान किया कि वे लगातार प्रशिक्षण लें, नई तकनीकों को अपनाएं और हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखें. उन्होंने कहा, “युद्ध केवल हथियारों से नहीं जीते जाते, बल्कि अनुशासन, मनोबल और निरंतर तत्परता से जीते जाते हैं.” रक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार सैनिकों के कल्याण, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण, पूर्व सैनिकों के सम्मान और सैनिक परिवारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
उन्होंने आगे कहा कि एक मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित भारत का सपना हमारे सैनिकों के कंधों पर टिका है और उनकी समर्पण भावना व बलिदान से यह सपना रोज साकार हो रहा है. उन्होंने 21वीं सदी को भारत का युग बताते हुए विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता के साथ भारत जल्द ही दुनिया की श्रेष्ठ सेनाओं में शामिल होगा.
भुज और कच्छ की धरती को नमन करते हुए राजनाथ सिंह ने इसे केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि भावनाओं और वीरता की गाथा बताया. उन्होंने 1971 के युद्ध, 1999 के कारगिल संघर्ष और 2001 के विनाशकारी भूकंप का उल्लेख करते हुए कहा कि भुज फीनिक्स पक्षी की तरह राख से भी पुनर्जीवित होकर उठ खड़ा हुआ है. रक्षा मंत्री ने कहा, “कच्छ की मिट्टी के कण-कण में वीरता और अटूट जज़्बा समाया हुआ है.” इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, दक्षिणी सेना कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ तथा 12 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आदित्य विक्रम सिंह राठी भी उपस्थित रहे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Bhuj,Kachchh,Gujarat
First Published :
October 01, 2025, 21:31 IST