ऑपरेशन सिंदूर: PAK और ड्रैगन दोनों चित, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की खुल गई पोल

3 hours ago

Last Updated:May 18, 2025, 23:54 IST

Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर उसके चीनी हथियारों की कमजोरी उजागर की. पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और लड़ाकू विमान बेअसर साबित हुए. भारत की तकनीक और रणनीति ने सफ...और पढ़ें

 PAK और ड्रैगन दोनों चित, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम की खुल गई पोल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गिराए थे. (पीटीआई)

नई दिल्ली. भारत ने 7 से 10 मई के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में घुसकर ड्रोन, मिसाइल और बम से हमले किए, जिससे पाकिस्तान के कमजोर एयर डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ चीन के बनाए हथियारों की नाकामी भी पूरी दुनिया के सामने आ गई.

इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान के पास मौजूद चीनी हथियार और लड़ाकू विमान गंभीर संकट के समय कुछ खास असर नहीं दिखा सके. पाकिस्तान अपने कुल रक्षा आयात का लगभग 82 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता है. इनमें रडार, एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल और फाइटर जेट्स शामिल हैं, लेकिन भारत के हमलों के सामने ये सब बिलकुल बेअसर साबित हुए.

लाहौर में चीन का बना एयर डिफेंस रडार भारतीय हमले में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ. पंजाब के चुनियां एयरबेस में तैनात चीन का वाईएलसी-8ई एंटी-स्टील्थ रडार पूरी तरह तबाह कर दिया गया. चीन से मिले ड्रोन और एआर-1 लेजर गाइडेड मिसाइलें, जो पाकिस्तान ने भारत पर दागीं, भारतीय डिफेंस सिस्टम ने उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया.

पाकिस्तान ने चीन का बना एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया था ताकि भारतीय मिसाइलों और विमानों को रोका जा सके, लेकिन भारत ने इन सिस्टम्स को आसानी से जाम कर दिया और बिना रुकावट पाकिस्तान के अंदर तक हमला किया. इन सिस्टम्स की विफलता पर चीन में भी चर्चा हुई और कई चीनी सोशल मीडिया अकाउंट्स ने इसके लिए पाकिस्तान की कम ट्रेनिंग और खराब ऑपरेशन प्लानिंग को जिम्मेदार ठहराया.

चीन की पीएल-15 मिसाइल को अमेरिका की एआईएम-120डी जैसी आधुनिक मिसाइलों का मुकाबला करने वाली बताया गया था, लेकिन यह अपने लक्ष्यों को छू भी नहीं सकी. भारतीय अधिकारियों ने होशियारपुर में एक पीएल-15 मिसाइल का टुकड़ा बरामद किया, जो जमीन पर गिरा मिला था.

पाकिस्तान ने चीन के जे-10सी और जेएफ-17 ब्लॉक- III जैसे लड़ाकू विमानों को तैनात किया था, लेकिन ये भारतीय हमलों को रोक पाने में असफल रहे. इन जेट्स के पास पीएल-15 मिसाइलें थीं, फिर भी वे भारत की एयर स्ट्राइक को न तो रोक पाए और न ही कोई प्रभावशाली जवाब दे पाए.

इस हार के बीच पाकिस्तान ने प्रोपेगैंडा फैलाते हुए दावा किया कि उसने भारत के कई विमान, जिनमें राफेल भी शामिल हैं, गिरा दिए, लेकिन इन दावों को कोई सबूत नहीं मिला, न ही किसी भारतीय विमान का मलबा पाकिस्तान दिखा सका. जहां पाकिस्तान चीनी तकनीक के सहारे भारत को रोकने की कोशिश कर रहा था, वहीं भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक और कुछ पश्चिमी रक्षा उपकरणों के सहारे न केवल खुद को बचाया, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा में गहरी सेंध लगाई.

प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा, “भारत ने यह दिखा दिया कि आधुनिक रक्षा प्रणाली सिर्फ हमले रोकने के लिए नहीं, बल्कि दुश्मन की रक्षा में भी सेंध लगाने की ताकत रखती है. यह सब एक मजबूत रणनीति और सिस्टम के सही इस्तेमाल का नतीजा है.”

अब सबको पता चल चुका है कि चीन के बनाए हथियार और सिस्टम जमीनी हकीकत में फेल हो गए. पाकिस्तान की सुरक्षा में गंभीर खामियां सामने आईं. वहीं, भारत की तकनीक और रणनीति ने एक बार फिर खुद को सक्षम और भरोसेमंद साबित किया. बतौर हथियार निर्यातक देश चीन की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि हथियारों की गुणवत्ता और उनका सही इस्तेमाल युद्ध में सबसे ज्यादा मायने रखते हैं और इसमें भारत ने बाजी मार ली. यह ऑपरेशन भारत के लिए एक बड़ी सफलता रही और इससे पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की तकनीक की कमजोरी खुलकर सामने आ गई.

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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