उपराष्ट्रपति चुनाव: बस दूसरों के भरोसे! कैंडिडेट खुद को क्यों नहीं दे सकते वोट

5 days ago

Last Updated:September 09, 2025, 05:58 IST

Vice Presidential Election: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन में आज वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव में सीपी राधाकृष्णन और बी. सुधर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है. आज के मतदान में 781 सांसद वोट डालेंगे, लेकिन दोनों मे...और पढ़ें

 बस दूसरों के भरोसे! कैंडिडेट खुद को क्यों नहीं दे सकते वोटउपराष्ट्रपति चुनाव में आज सुदर्शन रेड्डी और सीपी राधाकृष्णन के बीच मुकाबला है. (फाइल फोटो)

आज देश को नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है. संसद भवन परिसर के कमरा नंबर F-101, वसुधा में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. इसके बाद वोटों की गिनती होगी और नतीजा भी आज ही घोषित कर दिया जाएगा.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है, कौन-कौन इसमें वोट डाल सकता है. वैसे एक बात ध्यान देने वाली है कि इस मौजूदा चुनाव में खड़े दोनों उम्मीदवार खुद को वोट नहीं डाल सकते हैं. तो चलिये एक-एक करके सारे सवालों के जवाब निकालते हैं…

उपराष्ट्रपति चुनाव में किनके बीच मुकाबला?

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हुई इस कुर्सी के लिए आज वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव में एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को और विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुधर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. संख्याओं का गणित एनडीए के पक्ष में है, लेकिन विपक्ष उम्मीद कर रहा है कि ‘अंतरात्मा की आवाज़’ का सहारा लेकर कुछ अतिरिक्त वोट हासिल किए जा सकते हैं.

कौन डाल सकता है वोट?

उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति चुनाव से थोड़ा अलग होता है. राष्ट्रपति चुनाव में जहां सांसदों के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य भी वोट करते हैं, वहीं उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ सांसद ही वोट डालते हैं. इस बार कुल 781 सांसद वोट डालने के पात्र हैं. इनमें लोकसभा के 542 (स्पीकर को छोड़कर) और राज्यसभा के 239 सदस्य शामिल हैं.

कैसे होती है वोटिंग?

यह वोटिंग गुप्त मतदान के जरिये होती है. इस चुनाव में किसी पार्टी का व्हिप भी लागू नहीं होता. इसका मतलब हुआ कि सांसदों को अपनी पसंद और प्राथमिकता के आधार पर वोट (Preferential Voting System) देना होता है. यानी बैलेट पेपर पर अपनी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद अंकित करनी होती है. जिस उम्मीदवार को बहुमत यानी आधे से ज्यादा वैध वोट मिल जाते हैं, वह जीत जाता है.

दोनों उम्मीदवार खुद क्यों नहीं डाल पाएंगे वोट?

असल में, इस चुनाव में मतदान का अधिकार केवल सांसदों को होता है. यानी लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व नामित सभी सांसद इस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. यहां दोनों ही कैंडिडिटे यानी राधाकृष्णन और सुदर्शन… दोनों में से कोई भी वर्तमान में संसद के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में भले ही खुद चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अपनी जीत के लिए दूसरे सांसदों के भरोसे ही रहना होगा.

आज का कार्यक्रम

संसद भवन परिसर में आज होने वाले मतदान में सबसे पहला वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डालेंगे. उनके बाद पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सांसद वोटिंग करेंगे. मतदान खत्म होने के बाद शाम को ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. पीएम मोदी वोटिंग के बाद सीधे बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर रवाना होंगे.

नतीजों का असर

उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति (Chairman) होते हैं, बल्कि सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने की बड़ी जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होती है. यही वजह है कि यह चुनाव सिर्फ पद का सवाल नहीं, बल्कि संसदीय राजनीति की दिशा तय करने वाला अहम मोड़ भी है.

कुल मिलाकर, उपराष्ट्रपति चुनाव ऐसा अनोखा लोकतांत्रिक अभ्यास है जिसमें उम्मीदवार खुद को वोट नहीं दे सकते और उन्हें पूरी तरह अपने समर्थकों और सहयोगियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 09, 2025, 05:58 IST

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