Last Updated:August 31, 2025, 11:40 IST

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में अमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. 30 अगस्त को हुई इस गिरफ्तारी से फर्जी कंपनियों के जरिए विदेशी मुद्रा का अवैध हस्तांतरण करने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है. अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने नकली दस्तावेजों और शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर भारत से हांगकांग और सिंगापुर में 696.69 करोड़ रुपये की रकम भेजी. यह धोखाधड़ी मालभाड़े (फ्रेट चार्ज) और सामान-सेवाओं के आयात के नाम पर की गई, जबकि वास्तव में कोई आयात नहीं हुआ, जिससे देश को भारी विदेशी मुद्रा का नुकसान पहुंचा.
ईडी के मुताबिक यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एक पुरानी एफआईआर पर आधारित है. ईओडब्ल्यू ने मेसर्स किंजल फ्रेट फॉरवर्डिंग (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों समेत कई आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट विकास मोहपाल के क्रेडेंशियल्स का दुरुपयोग कर फॉर्म 15सीबी और 15सीए जैसे फर्जी दस्तावेज तैयार किए. इनके जरिए करोड़ों रुपये विदेश भेजे गए. अग्रवाल इस सिंडिकेट का प्रमुख सदस्य था, जो फर्जी बिलों और आयात दस्तावेजों के सहारे धन हस्तांतरण करता था.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस टेकओवर कर तफ्तीश तेज कर दी. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि 696.69 करोड़ रुपये हांगकांग और सिंगापुर की शेल कंपनियों को ट्रांसफर किए गए. नाममात्र पर माल या सेवाओं का आयात दिखाया गया, लेकिन हकीकत में कोई सप्लाई नहीं हुई. इससे न केवल विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ, बल्कि बैंकिंग सिस्टम में भी धोखाधड़ी फैली.
ईडी ने अग्रवाल को 5 दिनों की रिमांड पर लिया है, जहां पूछताछ से अन्य सहयोगियों और रूट का खुलासा होने की उम्मीद है. एजेंसी ने संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी. यह गिरफ्तारी ईडी की विदेशी धन हस्तांतरण रोकने की मुहिम का हिस्सा है. हाल ही में ईडी ने इसी तरह के मामलों में सिंगापुर और हांगकांग से जुड़े कई नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जहां अरबों रुपये की लॉन्ड्रिंग हुई. विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी आयात के इस तरीके से सालाना हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है. सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत सख्ती बढ़ाई है. अग्रवाल की गिरफ्तारी से अन्य आरोपी डर सकते हैं. जांच जारी है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. यह मामला आर्थिक अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
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First Published :
August 31, 2025, 11:40 IST