इजरायली मंत्री ने अपने पवित्र Mount Temple में की प्रार्थना तो हंगामा क्यों है बरपा? मुसलमान बता रहे उकसावे की साजिश

10 hours ago

Israeli Minister Visit to Mount Temple: इजरायल पर हमास के बर्बर आतंकी हमले के बाद दोनों पक्षों में शुरु हुए युद्ध को इस अक्टूबर में 2 साल पूरे हो जाएंगे. लेकिन हमास के बुजदिल जिहादी आमने-सामने लड़ने के बजाय अपने ही लोगों को मरवाने पर जुटे हैं. उन जिहादियों ने अब भी इजरायल के 50 ज्यादा नागरिक बंधक बना रखे हैं, जिन्हें छुड़ाने के लिए इजरायल नियमित रूप से गाजा में बम बरसा रहा है, जिससे मारे जा रहे लोगों की संख्या 60 हजार से ज्यादा पहुंच गई है. दोनों के बीच पसरे तनाव भरे हालात में इजरायल के एक मंत्री ने  रविवार को यरुशलम के सबसे संवेदनशील पवित्र स्थल का दौरा कर प्रार्थना की. इस कदम को भड़काऊ मानते हुए मुस्लिम देशों ने निंदा की है. 

इजरायल के किस मंत्री ने टेंपल माउंट का दौरा किया?

पूर्वी यरुशलम की धार्मिक यात्रा पर जाने वाले इजरायली मंत्री का नाम इतामार बेन-ग्वीर है. वे वहां पर टेंपल माउंट यात्रा और दर्शन करने गए थे. यह प्राचीन यहूदी मंदिर की एक दीवार है, जिसे दुनियाभर के यहूदियों में बेहद पवित्र माना जाता है और वहां जाकर प्रार्थना करने को हरेक यहूदी अपना सौभाग्य मानता है. 

पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने का अंदेशा

प्राचीन काल में रोमन आक्रमणकारियों और बाद में इस्लामी हमलावरों ने इस यहूदी मंदिर को तोड़ डाला था. अब उस मंदिर की केवल एक दीवार बची है. जिसके दर्शनों के लिए हर साल लाखों यहूदी वहां पहुंचते हैं. यहूदियों को इस स्थल का दौरा करने की अनुमति तो है, लेकिन उन्हें प्रार्थना नहीं करने दी जाती है. ऐसे में कुछ लोग इजरायली मंत्री के इस दौरे को मुसलमानों को भड़काने की कोशिश करार दे रहे हैं. अंदेशा जताया जा रहा है कि इस कदम से तनाव और बढ़ सकता है. 

अंतरराष्ट्रीय मध्यस्था के प्रयासों में लग सकता है झटका

मंत्री इतामार बेन-ग्वीर की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब गाजा में खाद्य सहायता की मांग कर रहे फ़िलिस्तीनियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. घेरेबंदी वाले क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति को लेकर इज़राइल की वैश्विक आलोचना हो रही है. पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे ऐसे माहौल में इतामार बेन-ग्वीर की टेंपल माउंट की यात्रा से गाजा में इजरायल के लगभग दो साल से चल रहे सैन्य अभियान को रोकने के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों के प्रयासों को और झटका लगने का खतरा है.

बताते चलें कि पूर्वी यरुशलम मे जिस क्षेत्र को यहूदी टेंपल माउंट कहा जाता है. वह यहूदी धर्म का सबसे पवित्र स्थल है. इस पर ईसाई भी अपना अधिकार जताते हैं. वहीं मुसलमान इस स्थल को नोबल सैंक्चुरी कहते हैं. उसी जगह पर अल-अक्सा मस्जिद स्थित है, जो इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है.

मुस्लिम देशों ने की इजरायली मंत्री की निंदा

जब भी इजरायली नेता या अधिकारी अपने इस प्राचीन स्थल पर जाकर प्रार्थना करते हैं तो उसे मुस्लिम जगत में उकसावे की कार्रवाई माना जाता है. साथ ही इसे लंबे समय से चली आ रही यथास्थिति का उल्लंघन भी करार दिया जाता है. मुस्लिम देशों का दावा है कि यह उनकी जमीन है और यहां पर यहूदी कोई प्रार्थना नहीं कर सकते. 

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