अमेरिका में H1B वीजा की फीस बढ़ाने के बाद एक और देश ने अपने यहां नौकरी की तलाश में आने वालों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं. ब्रिटेन ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को और सख्त कर दिया है. ब्रिटिश सरकार अब दूसरे देशों से नौकरी करने आने वालों को पहले की तरह स्थायी निवास यानि Permanent Residency की गारंटी नहीं देगी. साथ ही ऐसे लोगों को अपने परिवार को ब्रिटेन बुलाने का अधिकार भी नहीं मिलेगा. ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इन बदलावों से अवैध प्रवासियों पर रोक लगेगी, खासकर उन लोगों पर जो फ्रांस से नावों के जरिए ब्रिटेन पहुंचते हैं.
पहले क्या था नियम?
अभी तक शरणार्थी पांच साल पूरे करने के बाद स्थायी निवास के हकदार हो जाते थे. लेकिन नए नियमों में इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. अब नागरिकता चाहने वालों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा और देश के लिए विशेष योगदान देना होगा.
ब्रिटिश नागरिकता पाने की क्या हैं शर्तें
सामाजिक सुरक्षा (Social Security) में योगदान देना होगा. आपराधिक रिकॉर्ड साफ होना चाहिए. अंग्रेजी भाषा बोलने की क्षमता अनिवार्य होगी. स्थानीय समुदाय में सेवा या योगदान देना जरूरी होगा. इसके साथ ही स्थायी निवास के लिए पात्रता अवधि बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है. परिवार बुलाने का अधिकार खत्मसरकार ने यह भी ऐलान किया है कि शरणार्थी अब अपने परिवार को ब्रिटेन नहीं बुला पाएंगे. सितंबर में ही फैमिली रीयूनियन के सभी आवेदन रद्द कर दिए गए थे.
अब मिलेगी केवल मूल सुरक्षा
सरकार ने यह साफ किया है कि शरणार्थियों को उनके मूल देशों में वापस नहीं भेजा जाएगा. उन्हें बुनियादी सुरक्षा का अधिकार मिलेगा. लेकिन नागरिकता के लिए कितने साल इंतजार करना होगा, इस पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. सरकार ने कहा है कि इस बारे में पूरी डिटेल साल के अंत तक जारी किया जाएगा.
ब्रिटेन की होम मिनिस्टर शबाना महमूद ने कहा कि बदलाव इस बात की जांच करेंगे कि शरणार्थी ब्रिटिश समाज में कितना योगदान दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि सिर्फ समय बिताना पर्याप्त नहीं है. आपको अपने कार्य और योगदान से ब्रिटेन में रहने का हक कमाना होगा.
ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोग भी काफी संख्या में हैं जो वहां नौकरी कर रहे हैं. सरकार की ओर से नियम सख्त करने से उनकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं.