Last Updated:September 04, 2025, 13:48 IST
PhonePe IPO : फोनपे ने अपना आईपीओ लाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. कंपनी के सूत्रों का कहना है कि सितंबर के आखिर तक आईपीओ के पेपर जमा करा दिए जाएंगे और 2026 की शुरुआत में इसे बाजार में लिस्ट कराया जाएगा.

नई दिल्ली. वॉलमार्ट की अगुवाई वाले पेमेंट ऐप फोनपे (PhonePe) ने आईपीओ लाने की तैयारी कर ली है. कंपनी ने सितंबर के आखिर तक अपने आईपीओ का ड्राफ्ट पेपर जमा कराने की बात कही है. कंपनी के सूत्रों का कहना है कि आईपीओ के ड्राफ्ट पेपर जमा कराने के लिए कॉन्फिडेंशियल रूट का इस्तेमाल किया जाएगा. आईपीओ से पहले कंपनी का वैल्यूएशन पूरा किया जाएगा. इसके बाद ही ड्राफ्ट पेपर जमा कराए जाएंगे. अनुमान है कि इस आईपीओ की 10 फीसदी इक्विटी को ऑफर फॉर सेल के जरिये पेश किया जाएगा.
फोनपे ने इस आईपीओ के जरिये बाजार से फ्रेश पूंजी जुटाने की तैयारी की है. माना जा रहा है कि इस आईपीओ के जरिये कंपनी बाजार से 10 से 13 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कंपनी का वैल्यूएशन करीब 10 से 12 अरब डॉलर यानी 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है. कंपनी का टार्गेट है कि आईपीओ को साल 2026 की शुरुआत में लाकर लिस्ट कराना है. इसका मतलब है कि फोनपे अगले साल तक बाजार में लिस्ट हो जाएगी.
वॉलमार्ट बेचेगी अपनी हिस्सेदारी
इस आईपीओ के जरिये वॉलमार्ट ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है. वॉलमार्ट कंपनी की प्रमोटर है, जो अपने हिस्से के शेयर आईपीओ में उतार सकती है. इसके अलावा कंपनी के छोटे निवेशक जैसे टाइगर ग्लोबल और जनरल अटलांटिक ने भी आईपीओ के जरिये अपनी हिस्सेदारी घटाने की बात कही है. फोनपे में वॉलमार्ट की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है, जबकि जनरल अटलांटिक और टाइगर ग्लोबल का हिस्सा 9-9 फीसदी है.
भुगतान में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी फोनपे की
भारत में होने वाले कुल यूपीआई भुगतान का 45 फीसदी फोनपे के जरिये किया जाता है. यह ऐप क्यूआर आधारित भुगतान प्रणाली का मार्केट लीडर भी है. ऐप ने पेमेंट गेटवे ऑप्शन भी शुरू किया है. इसके अलावा अपने प्लेटफॉर्म पर इंश्योरेंस और लोन जैसी सुविधाएं भी शुरू की है.
किसे मिला आईपीओ का जिम्मा
निवेश बैंकर JP Morgan, Morgan Stanley, Citigroup और Kotak Mahindra Capital को आईपीओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कंपनी की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. तब यह फ्लिपकार्ट की सब्सिडियरी के तौर पर काम करती थी. वॉलमार्ट के निवेश के बाद फोनपे का ऑनरशिप ढांचा बदल गया और बाद में यह फ्लिपकार्अ से अलग भी हो गया.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 04, 2025, 13:48 IST