फीकी न पड़ जाए जीएसटी की सारी छूट! सरकार ने एक चीज पर बढ़ा दिया टैक्‍स

2 days ago

Last Updated:September 04, 2025, 17:14 IST

GST on Petrolium Product : पेट्रोल‍ियम उत्‍पादों की खोज और निकालने की सेवाओं पर जीएसटी की दरें बढ़ा दी गई हैं. इसका असर घरेलू उत्‍पादन पर दिखेगा, जिससे आने वाले समय में पेट्रोलियम उत्‍पाद महंगे हो जाएंगे.

फीकी न पड़ जाए जीएसटी की सारी छूट! सरकार ने एक चीज पर बढ़ा दिया टैक्‍सजीएसटी परिषद ने तेल-गैस की खोज करने वाली सेवाओं पर जीएसटी बढ़ा दिया है.

नई दिल्‍ली. जीएसटी परिषद ने बुधवार को 56वीं बैठक में खाने-पीने की चीजों से लेकर गाड़ी तक पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं. उम्‍मीद लगाई जा रही है कि त्‍योहारी सीजन में उपभोक्‍ताओं को इससे काफी राहत मिलेगी. लेकिन, जीएसटी परिषद ने एक ऐसे उत्‍पाद पर टैक्‍स की दर बढ़ा दी है, जो अन्‍य सभी चीजों पर घटाए गए जीएसटी के फायदे को खत्‍म कर सकता है. जीएसटी परिषद ने तेल एवं गैस की खोज और उत्‍पादन से जुड़े उपकरणों पर जीएसटी बढ़ा दिया है. इससे देश में तेल का उत्‍पादन महंगा हो जाएगा, जिसका असर तेल की खुदरा कीमतों पर भी दिखेगा.

जीएसटी परिषद ने तेल एवं गैस खोजने वाली सेवाओं पर टैक्‍स की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. पेट्रोलियम कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस की खोज, खनन अथवा ड्रिलिंग से संबंधित सेवाओं पर अब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 फीसदी की दर से लगेगा और इसके साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) भी मिलेगा. यही व्यवस्था इस क्षेत्र की सहयोगी सेवाओं के लिए भी होगी.

जीएसटी बढ़ने से क्‍या असर पड़ेगा
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत वशिष्ठ ने कहा कि कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के जीएसटी के दायरे से बाहर होने के कारण इनकी बिक्री पर टैक्स ऑफसेट उपलब्ध नहीं होगा. कंपनियां उत्पादन पर दिए गए अतिरिक्त जीएसटी को बिक्री के समय समायोजित नहीं कर पाएंगी जिससे उनके लिए फंसे हुए टैक्‍स की स्थिति पैदा होगी. इसका मतलब है कि कंपनियां इन पर आईटीसी का लाभ नहीं ले सकेंगी. जाहिर है कि वह अपनी बढ़ी हुई लागत उपभोक्‍ताओं से वसूलेगी और पेट्रोलियम उत्‍पाद महंगे हो जाएंगे.

आने वाली है दोहरी चुनौती
प्रशांत ने बताया कि अप्रैल, 2025 से वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और ओपेकप्लस द्वारा उत्पादन कटौती में ढील देने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल एवं गैस के दाम काफी घट गए हैं. ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ने और दामों में कमी आने से पेट्रोलियम खोज एवं उत्पादन क्षेत्र के लिए दोहरी चुनौती पैदा होगी. चॉइस इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के धवल पोपट ने कहा कि तेल और गैस की खोज, उत्पादन और पाइपलाइन सेवाओं पर जीएसटी दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने से परिचालन लागत बढ़ेगी और पेट्रोलियम कंपनियों का मुनाफा घटेगा.

घरेलू उत्‍पादन पर होगा असर
वरिष्‍ठ ने कहा कि जीएसटी दरें बढ़ाए जाने से खोज एवं उत्पादन परियोजनाएं प्रतिस्पर्धी नहीं रह जाएंगी जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात निर्भरता घटाने के प्रयासों को झटका लगेगा. घरेलू कंपनियों के लिए तेल एवं गैस खोजने से लेकर उसे निकालने और उत्‍पादन करने तक का प्रोसेस महंगा हो जाएगा. जाहिर है कि इसकी भरपाई के लिए कंपनियां दाम बढ़ाकर उपभोक्‍ताओं से वसूली करेंगी.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 04, 2025, 17:14 IST

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