Last Updated:September 21, 2025, 16:18 IST
Nongjrong: मेघालय का नोंगज्रोंग गांव बादलों के बीच बसा एक खूबसूरत स्थल है, जहां प्राकृतिक सुंदरता और खासी संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है. आप हमारी इस खबर में यहां की खासियत, घूमने लायक जगह और यहां जाने का सबसे बेस्ट टाइम के बारे में जान सकते हैं.

Nongjrong: उद्योगपति आनंद महिंद्रा अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स से लोगों का ध्यान देश की खूबसूरती की ओर खींचते हैं. हाल ही में उन्होंने मेघालय के एक छोटे से गांव नोंगज्रोंग (Nongjrong) का एक वीडियो शेयर किया, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा – नॉन्गज्रोंग मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स का एक गांव है, जो अपनी ऊंचाई की वजह से सचमुच बादलों के बीच बसा है. दुनिया को भारत के ऐसे अनोखे स्थानों के बारे में बहुत कम जानकारी है और हममें से भी कई लोग इन्हें नहीं जानते.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (X) पर किए गए इस पोस्ट के बाद नोंगज्रोंग अचानक सुर्खियों में आ गया. यह गांव सच में एक ऐसा प्राकृतिक स्वर्ग है, जिसके बारे में देश-दुनिया अभी बहुत कम जानती है.
कहां है नोंगज्रोंग?
नोंगज्रोंग गांव मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित है. यह शिलांग से लगभग 60 किलोमीटर और मावकनरू से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जबकि निकटतम एयरपोर्ट गुवाहाटी का लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो लगभग 100 किलोमीटर दूर है.
Nongjrong
A village in the East Khasi Hills of Meghalaya, which due to its elevation, literally has its head in the clouds
The world knows little of these exceptional spots in India…
कैसी है इस गांव की झलक?
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, नोंगज्रोंग की जनसंख्या लगभग 1,440 है. यहां ज्यादातर लोग खासी जनजाति से ताल्लुक रखते हैं. दिलचस्प बात यह है कि गांव की साक्षरता दर कुल 41.67% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 29.31% और महिला साक्षरता 54.62% है.
यहां देखने के लिए क्या है खास?
– नोंगज्रोंग व्यूपॉइंट: यह गांव का सबसे बड़ा आकर्षण है. यहां से सूर्योदय के समय का नजारा बेहद मनमोहक होता है, जब पूरा घाटी क्षेत्र बादलों से ढक जाता है. यह व्यूपॉइंट गांव से थोड़ी पैदल दूरी पर है.
– नोंगज्रोंग फॉल्स: गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना घने जंगलों के बीच बहता है. यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को सुकून का अनुभव कराती है.
– संस्कृति और त्योहार: नोंगज्रोंग की पहचान उसकी पारंपरिक खासी संस्कृति है. यहां के त्योहारों में संगीत, नृत्य और स्थानीय व्यंजन खास आकर्षण होते हैं. नोंगज्रोंग फेस्टिवल स्थानीय परंपराओं की झलक पेश करता है.
– प्राकृतिक सुंदरता: चारों ओर फैली लहरदार पहाड़ियां, धुंध से ढके जंगल और पास बहती उमंगोट नदी इस गांव को प्रकृति प्रेमियों और रोमांच चाहने वालों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं.
कब आएं नोंगज्रोंग?
यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच है. इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और ट्रेकिंग व साइटसीइंग के लिए भी परफेक्ट होता है. मानसून में यहां का नजारा भले ही और हरा-भरा हो जाए, लेकिन भारी बारिश के कारण यात्रा थोड़ी मुश्किल हो सकती है.
नोंगज्रोंग क्यों है खास?
नोंगज्रोंग सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि प्रकृति की गोद में बसा एक शांत आश्रय स्थल है. यहां की वादियों में शांति, बादलों में घिरी पहाड़ियां और सादगी से भरी स्थानीय संस्कृति मिलकर पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव देती है.
आनंद महिंद्रा के ट्वीट ने इस छुपे हुए रत्न की ओर सबका ध्यान खींचा है. अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में नोंगज्रोंग पर्यटन के मानचित्र पर किस तरह चमकता है.
कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...और पढ़ें
कुणाल झा एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा का अनुभव है. वह नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई अलग-अलग मुद्दों को कवर करते हैं. करियर, एजुकेशन, जॉब और स्पोर्ट्स जैसी फील्ड में...
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First Published :
September 21, 2025, 16:14 IST