Nepal Protest: नेपाल इन दिनों बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. देश के युवा सड़कों पर उतरकर सत्ता के खिलाफ सीधी टक्कर ले रहे हैं. यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि देश की नई पीढ़ी की खुली बगावत है, जो प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की उम्रदराज़ और भ्रष्टाचार से घिरी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है. ऐसे में सूत्रों से इस बात की खबरें भी आ रहीं हैं कि नेपाल में क्या तख्ता पलट होने वाला है. अगर ऐसा हुआ तो उसके पहले पीएम केपी शर्मा ओली देश छोड़कर भाग सकते हैं.
नेपाल में चल रही इस नई क्रांति को इतिहास की सबसे व्यापक और उग्र जनभावना कहा जा रहा है. राजधानी काठमांडू से लेकर अन्य प्रमुख शहरों तक हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है. अब तक 15,000 से अधिक युवा सड़कों पर उतर चुके हैं, जिनमें ज़्यादातर 18 से 28 साल की उम्र के Gen-Z प्रदर्शनकारी शामिल हैं. सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों कि देश की 43 फीसदी युवा आबादी अचानक से सड़कों पर आ गई. क्या यह सिर्फ भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ गुस्सा है, या इसके पीछे कुछ और?
देश छोड़कर भाग सकते हैं पीएम ओली!
घटनाक्रम को देखते हुए इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि अगर नेपाल में तख्ता पलट की नौबत आई तो नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली देश छोड़कर भाग सकते हैं. नेपाली की सियासी उठापटक के बीच सियासी गलियारों में इस बात की काना-फूसी तेजी से चल रही है. इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ ओली सरकार को दबाव में ला दिया है, बल्कि यह संकेत भी दे दिया है कि नेपाल की युवा पीढ़ी अब चुप बैठने के मूड में नहीं है. यह बगावत आने वाले समय में देश की राजनीतिक दिशा को बदल सकती है.
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युवाओं के प्रदर्शन पर पीएम केपी शर्मा ओली ने जताया दुःख
नेपाल में बीते 8 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया बैन के विरोध में युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. नई पीढ़ी यानी Gen Z युवाओं ने सरकार के खिलाफ दिनभर काठमांडू की सड़कों को घेरे रखा. इस दौरान युवाओं और पुलिस-सेना के बीच झड़प भी देखने को मिली, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल हो गए. हालात बेकाबू होता देख नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और देश में हुई हिंसा पर दुख जताया.
गृह मंत्री रमेश लेखक ने दिया इस्तीफा
पीएम ओली ने आगे कहा कि सरकार की सोशल मीडिया बैन करने की कोई मंशा नहीं थी. वह इसे रेगुलेट करना चाहते हैं. विरोध प्रदर्शन को लेकर नेपाली सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करने का फैसला लिया है. साथ ही इस गंभीर स्थिति की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है. सरकार ने मृतकों के परिवारों को राहत प्रदान करेगी और घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का फैसला किया है.
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