What next after Oli resignation in Nepal: अफगानिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद अब भारत का एक और पड़ोसी देश नेपाल अराजकता का शिकार हो गया है. सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन के बाद भड़के युवाओं के आंदोलन ने आखिरकार पीएम केपी शर्मा ओली समेत पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया. नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच पूरी कैबिनेट के साथ सत्ता पक्ष के सभी सांसदों ने रिजाइन कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घर पर पथराव और आगजनी की. जबकि वित्त मंत्री को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इसके साथ ही नेपाल के राष्ट्रपति के प्राइवेट आवास और संसद भवन को भी फूंक दिया. जान को खतरा देख अब ओली विदेश भागने के प्रयास में है.
बांग्लादेशी पैटर्न पर नेपाल में तख्तापलट
नेपाल में जिस तरीके से युवाओं और स्टूडेंट्स ने हिंसात्मक तरीके से पूरी सत्ता पलट डाली है. यह काफी कुछ बांग्लादेश में पिछले साल हुए तख्तापलट से मिलता-जुलता है. वहां भी कॉलेज स्टूडेंट्स ने विभिन्न मुद्दों को लेकर शेख हसीना सरकार के खिलाफ जबरदस्त अराजक माहौल बनाया था. जब सरकार ने उन्हें सख्ती से रोकने की कोशिश की तो हजारों की भीड़ उनके आवास को घेरने के लिए चल पड़ी. तब अपनी जान बचाने के लिए शेख हसीना को तुरत-फुरत देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
क्या पहाड़ी इलाके की कमान संभालेगा नया 'मोहम्मद यूनुस'?
इस तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में छात्र नेताओं ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार का मुखिया बनाया था. उनका काम 6 महीने में व्यवस्था सुधारकर चुनाव करवाना था. लेकिन एक साल बीतने के बावजूद वे अब भी पद पर बने हुए हैं. बांग्लादेश के पैटर्न पर चलते हुए अब नेपाल के छात्रों ने भी हिंसात्मक तरीके से अपनी चुनी हुई सरकार पलट दी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अब नेपाल में आगे क्या होगा. क्या अब भारत के इस पड़ोसी मुल्क में भी कोई 'मोहम्मद यूनुस' सत्ता पर काबिज होने वाला है.
#WATCH | नेपाल: भक्तपुर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के निजी आवास में आग लगने पर प्रदर्शनकारियों ने नाचते-गाते जश्न मनाया। कथित भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री ने आज दोपहर इस्तीफा दे दिया।
(वीडियो सोर्स: टीवी टुडे नेपाल) pic.twitter.com/Udrw9mGlou
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 9, 2025
नेपाल मे अब आगे की राह क्या?
नेपाल में 2015 में बनाए गए संविधान के मुताबिक, पीएम के इस्तीफे की स्थिति में अब राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल की भूमि महत्वपूर्ण हो गई है. नियमों के अनुसार, उन्हें अब ओली का इस्तीफा स्वीकार करना होगा. इसके बाद, वे संसद में बहुमत साबित करने वाले किसी दल या गठबंधन को नई सरकार बनाने का निमंत्रण देंगे.
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चूंकि मौजूदा संसद (प्रतिनिधि सभा) में नेपाली कांग्रेस (NC) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूएमएल (CPN-UML) का गठबंधन बहुमत में था, लेकिन प्रदर्शनों के बाद NC ने सरकार से समर्थन वापस लेने पर विचार कर रही थी. तभी ओली समेत पूरी कैबिनेट के इस्तीफे की खबर आ गई.
क्या कहता है नेपाल का संविधान?
नेपाली संविधान के मुताबिक, अराजक स्थिति के बीच आगे क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन अगर राष्ट्रपति ने संविधान के हिसाब से काम किया तो वे मौजूदा संसद में किसी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे. उस दल को 30 दिनों के अंदर संसद में बहुमत साबित करना होगा.
कई लोग संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा या फिर पुष्प कमल दहल प्रचंड जैसे पूर्व प्रधानमंत्री नई सरकार का नेतृत्व संभालने के लिए आगे आ सकते हैं. हालांकि आंदोलन कर रहे नेपाली युवाओं में जिस तरह अपने नेताओं के प्रति गुस्सा छलक रहा है, उससे यह संभावना दूर की कौड़ी लगती है.
कोई अनजान शख्स संभाल सकता है सत्ता?
ऐसे में जनता के दबाव में आकर राष्ट्रपति किसी ऐसे शख्स को अंतरिम पीएम बना सकते हैं, जिसका नेपाल की राजनीति में बड़ा नाम न हो. यह नई सरकार प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों जैसे भ्रष्टाचार विरोधी स्वतंत्र जांच आयोग और दोषी नेताओं पर प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए काम करेगी. हालांकि राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) जैसे छोटे दलों ने भी जल्द चुनाव की मांग की है.
यह कुल मिलाकर नेपाल में दूसरा 'बांग्लादेश' बनाने जैसी व्यवस्था हो सकती है, जहां पर अराजक तख्तापलट के बाद उपद्रवी छात्र नेताओं ने चुनी हुई सरकार को बदल डाला था. हालांकि इस गद्दी पलट के बाद बांग्लादेश जिस तरह बदहाली के हाल में समाता चला गया, वह पूरी दुनिया अब देख रही है. भारत और चीन जैसे पड़ोसी देश नेपाल की स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं. हालात को देखते हुए भारत ने अपनी सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है.

1 month ago
