DNA: ट्रंप के 'सीजफायर' पर एयर स्ट्राइक हो गई, बस 2 महीने में Expire हो गया

52 minutes ago

Trump Ceasefire: ट्रंप की सीजफायर लिस्ट का एक और सीजफायर टूट गया. ट्रंप के सीजफायर पर थाईलैंड ने एयर स्ट्राइक करते हुए ट्रंप की साख को धमाके से उड़ा दिया. इसके बाद कंबोडिया और थाईलैंड के सैनिकों ने इसे गोलियों से छलनी छलनी कर दिया. जबकि इन दोनों देशों के राष्ट्रअध्यक्षों ने ट्रंप की मौजूदगी में 2 महीने पहले पीस डील की थी. एक दूसरे पर हमला नहीं करने के दस्तावेजों पर साइन किया था. आप कह सकते हैं, कि ट्रंप का सीजफायर सिर्फ 2 महीने में एक्सपायर हो गया.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर क्यों टूटा और क्यों छोटे छोटे देशों के लिए भी आजकल अमेरिका के राष्ट्रप​ति की बातों की कोई हैसियत नहीं रह गई है. क्यों वो बहुत आसानी से बिना किसी हिचक के ट्रंप की साख पर बट्टा लगाने वाले काम खुलकर करते हैं.

थाइलैंड-कंबोडिया टेंशन 

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थाईलैंड ने बॉर्डर पर मौजूद कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, इसके लिए थाईलैंड ने अमेरिका से ही मिले एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया और अपनी एयर स्ट्राइक का वीडियो भी जारी किया. थाईलैंड का आरोप है पहले कंबोडियाई सैनिकों ने उनके ​इलाके में गोलीबारी की जिससे थाईलैंड का एक सैनिक मारा गया और चार सैनिक घायल हो गए. कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक थाई सेना ने पहले कंबोडियाई सैनिकों पर हमला किया जिसका जवाब दिया गया.

ट्रंप ने जिन देशों के बीच सीजफायर करवाया था. जिन देशों ने सीमा से सैनिकों और हथियारों को पीछे ले जाने के समझौते पर ट्रंप की मौजूदगी में दस्तखत किया था. अब वो देश एक दूसरे पर बम और गोलियां बरसा रहे हैं. इस खबर से राष्ट्रपति ट्रंप का मजाक उड़ रहा है. जिन्होने 26-27 अक्टूबर को मलेशिया में अपने सामने युद्धविराम समझौते पर साइन करवाया था.  लेकिन इस समझौते के 44 दिन बाद ही सीमा पर हिंसा हो गई है. आपको ये भी जानना चाहिए ट्रंप की सीजफायर मुहिम कैसे फेल होती रही है.

#DNAमित्रों : ट्रंप के 'सीजफायर' पर एयर स्ट्राइक हो गई.. ट्रंप का 'सीजफायर'..बस 2 महीने में Expire.. अब थाईलैंड-कंबोडिया ने ट्रंप को शर्मिंदा किया#DNA #DNAWithRahulSinha #Thailand #DonaldTrump #Ceasefire #Cambodia | @rahulsinhatv pic.twitter.com/Y40wUEDhAW

— Zee News (@ZeeNews) December 8, 2025

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने 10 अक्टूबर 2025 को 20-सूत्रीय योजना के तहत गाज़ा में भी तथाकथित युद्धविराम लागू करवाया था. सारी दुनिया में इसका जोर शोर से प्रचार प्रसार किया गया था. लेकिन 10 अक्टूबर से दिसंबर की शुरूआत तक गाजा में सीजफायर उल्लंघन के  591 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 370 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

मिस्त्र के शर्म अल शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का अयोजन किया गया. जिसमें  ट्रंप ने दुनिया भर के नेताओं को बुलाया और अपने शांति दूत वाले अवतार को दुनिया के सामने पेश किया. इस शांति समझौते के बाद इजरायल के नागरिक तो रिहा हो गए लेकिन खून खराबा नहीं रुका.

अजब ट्रंप का गजब सीजफायर

ट्रंप के कराए सीजफायर कागजों पर तो हुए लेकिन जमीन पर मौजूद नहीं है. यानी ट्रंप का बहुप्रचारित गाजा सीजफायर का वजूद केवल नाम के लिए है. अब तक इसके आफिशियल खत्म होने का एलान नहीं हुआ. हमास और इज़रायल दोनों अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक इसका उल्लंघन कर रहे हैं. इसके अलावा ईरान भी सीजफायर का इस्तेमाल अपनी ताकत और मिसाइलों के जखीरे बढ़ाने के लिए कर रहा है यानी अगले युद्ध की तैयारी कर रहा है. वहीं अब थाईलैंड और कंबोडिया ने भी ट्रंप के सीजफायर को मानने से इनकार कर दिया है.

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