72 घंटे... पुरानी है पाक की फितरत, 1965 हो या करगिल, जोश दिखा पकड़ता है पैर

4 hours ago

Last Updated:May 06, 2025, 15:12 IST

India Pakistan War Situation: बात 1947 का भारत पाकिस्‍तान युद्ध की हो, 1965 की जंग की हो, या फिर कारगिल वार की हो. हर बार पाकिस्‍तान की 72 घंटे वाली फितरत हर बार देखने को मिलती है. क्‍या है पाकिस्‍तान की 72 घंट...और पढ़ें

72 घंटे... पुरानी है पाक की फितरत, 1965 हो या करगिल, जोश दिखा पकड़ता है पैर

1965 और कारगिल की तरह एक बार फिर गलती कर रहा रहा पाकिस्‍तान.

हाइलाइट्स

पाकिस्‍तान की पुरानी है 72 घंटे वाली फितरत.पहले धमकी देता और फिर पकड़ता है पैर.पाकिस्‍तान के सामने कौम से वादा पूरा करने का वक्‍त.

India Pakistan War Situation: पाकिस्‍तान की एक पुरानी फितरत है और इस फितरत में 72 घंटे बेहद अहम हैं. पाकिस्‍तान 72 घंटे वाली यह फितरत हर जंग में देखने को मिली है. चाहे फिर वह 1947 का युद्ध हो, 1965 की जंग हो, या फिर 1971 या करगिल की वॉर हो. इन 72 घंटों में पाकिस्‍तान बढ़चढ़ कर आगे आता है और फिर अपनी जान बचाने के लिए दुनिया के पैर पकड़ते नजर आता है.

न्‍यूज18 इंडिया से बातचीत में भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने बताया कि पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है कि इनकी प्लानिंग बड़ी बहुत बोल्ड और ऑडिशियस होती है, लेकिन इनका बैकअप नहीं होता. इनकी इस फितरत के दो उदाहरण हैं. 1965 में इन्‍होंने रण कच्छ और अखनूर से भारत पर हमला कर दिया. जवाबी कार्रवाई में भारत लाहौर के दरवाजे खटखटाने लगा, तब इनको लगा की बहुत कुछ गड़बड़ हो गई है.

…और फिर सब हाथ से निकल गया
रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने कहा कि पाकिस्‍तान को लगा कि चीजें हाथ से निकल गई हैं. यही इनके साथ कारगिल में हुआ. इनको लगा कि भारत कुछ नहीं करेगा और हम लोग नेशनल हाईवे वन को कट ऑफ कर देंगे. सियाचिन अलग हो जाएगा. इंडियन फौजी भूख से मर जाएंगे और पाकिस्‍तान पैदल चल के सियाचिन ऑक्यूपाइ कर लेंगा. पर जब इंडियन एयर फोर्स के साथ बोफोर्स एक्‍शन में आए तब इनको फिर लगा की चीजें हाथ से निकल गई.

पाकिस्‍तान का बुखार दूध के उफान जैसा
मेजर (रि.) गौरव आर्या ने कहा कि इसके बाद नवाज शरीफ को भेजा गया कि जाओ बिल क्लिंटन के पैर पकड़ो. उन्‍होंने कहा कि ये पाकिस्तान का इतिहास है. ये सोचते नहीं है कर देते हैं, फिर बाद में माफिया मांगते रहते हैं. पाकिस्‍तान का बुखार दूध के उफान जैसा होता है. पाकिस्‍तानियों को बड़ी लंबी चौड़ी बातें करने की आदत है. हम ये कर देंगे, हम बम मार देंगे, न्‍यूक्लियर मिसाइल मार देंगे, थर्ड वर्ल्ड वॉर हो जाएगा. ये सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. 72 घंटे के अंदर इनका टेंपरेचर नीचे आना शुरू हो जाता है.

पाकिस्‍तान को कौम से किया वादा पूरा करना चाहिए
मेजर (रि.) गौरव आर्या ने कहा कि इस बार भी यही हुआ. पाकिस्‍तान के एक मिनिस्‍टर ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि अगर भारत हमारा पानी रुकेगा तो हम मिसाइल मारेंगे. हम टैक्टिकल न्‍यूक्लियर वेपन्स डेप्लॉय करेंगे. अब भारत ने बगलिया डैम के जरिए पानी रोक दिया है. आने वाले दिनों में भारत किशन गंगा का पानी भी रोकेगा. ऐसे में, पाकिस्तान ने अपनी कौम से जो वादा करा था, उसे पूरा करने का वक्‍त आ गया है. पाकिस्‍तान को ऐसा करना चाहिए.

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