Last Updated:May 06, 2025, 16:38 IST
India Pakistan News: पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक बुला अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली. कई सदस्य देशों ने जब आतंकवाद पर सवाल पूछने शुरू किए तो पाकिस्तानी प्रतिनिधि बगलें झांकते नज...और पढ़ें

कांग्रेस सांसद शशि थरूर (File Photo)
हाइलाइट्स
UNSC की मीटिंग में पाकिस्तान की रणनीति उलटी पड़ी.आतंकवाद पर तीखे सवालों से पाक प्रतिनिधि असहज.शशि थरूर बोले, UNSC में पाकिस्तान की पोल खुल गई.नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया मीटिंग में पाकिस्तान की रणनीति उल्टी पड़ गई. भारत-पाक तनाव पर हुई इस ‘क्लोज्ड डोर कंसल्टेशन’ में पाकिस्तान की उम्मीदों के विपरीत आतंकवाद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे मुद्दे पर उसे तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने कहा कि मीटिंग के भीतर से जो खबरें निकल रही हैं, वे पाकिस्तान के लिए बिल्कुल भी शुभ संकेत नहीं हैं. थरूर के मुताबिक, पाकिस्तान ने यह सोचकर मीटिंग बुलाई थी कि वह भारत को घेर पाएगा, क्योंकि भारत इस वक्त UNSC का सदस्य नहीं है जबकि वह खुद अस्थायी सदस्य है. लेकिन पर्दे के पीछे जो डिप्लोमैटिक फीडबैक सामने आया है, वह कुछ और ही कहानी बयां करता है. उन्होंने ANI से बातचीत में बताया, ‘हम जो सुन रहे हैं वह आधिकारिक नहीं है, लेकिन जो बैकग्राउंड में रिपोर्ट्स आई हैं, उनसे साफ है कि पाकिस्तान की चाल उलटी पड़ गई. सदस्यों ने लश्कर-ए-तैयबा को लेकर गंभीर सवाल पूछे. बातचीत में फोकस आतंकवाद पर रहा, खासकर यह कि कैसे आतंकवाद भारत को जवाबी कार्रवाई के लिए उकसा सकता है.’
UNSC की पॉलिटिक्स समझा गए थरूर
UNSC की यह मीटिंग पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की मांग पर बुलाई गई थी. इसमें मीडिया या पब्लिक को प्रवेश नहीं था, और चर्चाएं पूरी तरह गोपनीय रहीं. थरूर ने यह भी कहा कि मीटिंग का कोई ठोस परिणाम निकलना मुश्किल है क्योंकि चीन जैसे देश पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रस्ताव को वीटो कर देंगे और भारत के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास होना भी संभव नहीं. उन्होंने कहा, ‘मैं यह दावे से कह सकता हूं कि UNSC पाकिस्तान के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास नहीं करेगा क्योंकि चीन उसे वीटो कर देगा. और भारत के खिलाफ प्रस्ताव पर कई देश आपत्ति जताएंगे और वह भी पास नहीं होगा.’
सूत्रों के अनुसार, UNSC के कई सदस्य देशों ने आतंकवादी हमले की निंदा की और जवाबदेही की मांग की. कुछ देशों ने इस बात पर चिंता भी जताई कि पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया हो सकता है. थरूर ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान ‘फॉल्स फ्लैग’ थ्योरी के जरिए खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इस नैरेटिव को भी कई देशों ने सिरे से खारिज कर दिया. चर्चा लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की भूमिका पर केंद्रित रही.
पाकिस्तान भरोसेमंद नहीं: अकबरुद्दीन
UN में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि, सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘दीवार पर लिखी बातें स्पष्ट हैं, मुझे आश्चर्य नहीं है क्योंकि मैं राष्ट्रों की समिति में पाकिस्तान की स्थिति से अवगत हूं. यह एक विश्वसनीय मध्यस्थ नहीं है क्योंकि हर कोई जानता है कि इसका उद्देश्य दिखावा करना है, न कि गंभीरता से बातचीत को आगे बढ़ाना या जुड़ाव के माध्यम से तनाव कम करना…’
#WATCH | On closed-door UNSC meeting on Kashmir & UNSC questioning Pakistan over Pahalgam attack, India’s former permanent representative to the UN, Syed Akbaruddin says, “The writing on the wall is pretty obvious, I am not surprised because I am aware of Pakistan’s standing in… pic.twitter.com/NfEab2WAhd
— ANI (@ANI) May 6, 2025
उन्होंने कहा, ‘पिछली बार जब इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में औपचारिक बैठक में चर्चा हुई थी, वह 1965 थी. साठ साल बीत चुके हैं, पाकिस्तान इसे एजेंडे में वापस लाने और औपचारिक बैठक में इस पर चर्चा करने में सक्षम नहीं है. अनौपचारिक बैठक में भी, यह गति नहीं पकड़ सका.’
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New Delhi,Delhi