Last Updated:May 06, 2025, 18:29 IST
रूस ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर में स्टालिनग्राड में सोवियत सेना को सप्लाई पहुंचाने के लिए उड़ान भरने वाले ओडिशा के पूर्व सीएम दिवंगत बीजू पटनायक को सम्मानित करने का फैसला किया है. इस मौके पर उनके बेटे नवीन पटनायक को ...और पढ़ें

रूस इस बार विक्ट्री डे के मौके ओडिशा के सीएम बीजू पटनायक को सम्मानित करेगा. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
रूस विजय दिवस पर बीजू पटनायक को सम्मानित करेगा.नवीन पटनायक को विशेष स्वागत समारोह में आमंत्रित किया गया.बीजू पटनायक WWII में साहसी पायलट के रूप में याद किए जाते हैं.नई दिल्ली. रूस नाजी जर्मनी पर विजय दिवस के मौके पर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को सम्मानित करेगा. नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने दिवंगत ओडिया नेता के बेटे और बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर उनके पिता की बहादुरी के सम्मान में आयोजित एक विशेष स्वागत समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. यह कार्यक्रम विजय दिवस पर आयोजित किया जाएगा, जो हर साल 9 मई को मनाया जाता है. इस साल द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत विजय की 80वीं वर्षगांठ होगी, जिसे सोवियत संघ में महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के रूप में जाना जाता है.
रूसी दूतावास शुक्रवार (9 मई) को नई दिल्ली में विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक रिसेप्शन का आयोजन कर रहा है. ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर मुख्य अतिथि होंगे. रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने निमंत्रण में लिखा कि ‘गर्व, दुख और अटूट याद के इस गंभीर क्षण में, हम उन लोगों का सम्मान करते हैं जो हिटलर विरोधी गठबंधन में नाजीवाद के खिलाफ एक साथ खड़े थे और पूर्व सोवियत संघ और उसके सहयोगियों के लोगों के वीरतापूर्ण कार्यों को याद करते हैं, जिन्होंने मानव इतिहास के सबसे क्रूर संघर्ष का खामियाजा उठाया.’
1995 में रूस से मिला जुबली मेडल
उन्होंने कहा कि ‘जिन नायकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं उनमें आपके दिवंगत पिता बीजू पटनायक भी शामिल हैं. जो एक विशाल व्यक्तित्व और भारतीय राष्ट्रीय एयरवेज के एक बहादुर पायलट थे. जिन्होंने स्टेलिनग्राद ऑपरेशन में भाग लिया था और घिरी हुई लाल सेना को हथियार उपलब्ध कराए थे.’ अलीपोव ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि ‘1995 में, रूस ने बीजू पटनायक को उनकी बहादुरी और साहस के लिए जुबली मेडल से सम्मानित किया.’
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द्वितीय विश्व युद्ध में बीजू पटनायक की वीरता
बीजू पटनायक को एक ‘साहसी पायलट’ के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने 1930 में दिल्ली फ्लाइंग क्लब में प्रशिक्षण लेना शुरू किया और 1936 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में शामिल हो गए. पटनायक 1940 के दशक की शुरुआत में इंडियन नेशनल एयरवेज में पायलट थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने नाजी सेनाओं से डरे बिना सोवियत सैनिकों को महत्वपूर्ण सप्लाई पहुंचाने के लिए उड़ानें भरी. उनके प्रयासों ने सोवियत को स्टेलिनग्राद की घेराबंदी के दौरान दृढ़ रहने में मदद की.
Location :
New Delhi,Delhi