3 अक्‍टूबर: मैसूर में अंग्रेजों का कब्‍जा, पैदा हुआ टेस्‍ट ट्यूब बेबी, और...

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Last Updated:October 03, 2025, 18:05 IST

History Of 3 October: अतीत के सालों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसका गवाह 3 अक्‍टूबर की तारीख बनी. अतीन में 3 अक्‍टूबर को क्‍या क्‍या हुआ और इतिहास में इसका क्‍या महत्‍व है, जानने के लिए पढ़ें आगे...

 मैसूर में अंग्रेजों का कब्‍जा, पैदा हुआ टेस्‍ट ट्यूब बेबी, और...

History Of 3 October: भारत के इतिहास में 3 अक्टूबर का दिन कई यादगार घटनाओं का गवाह रहा है. सबसे पुरानी तारीख की बात करें तो 1831 में 3 अक्‍टूबर को ब्रिटिश गवर्नर जनरल विलियम बेंटिंक मैसूर पर कब्जा में कामयाब हो गया था. आज की ही तारीख में कोलकाता में डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ने भारत का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी, दुर्गा, को जन्म देकर IVF की दुनिया में तहलका मचा दिया. ये मेडिकल साइंस का गेम-चेंजर मूमेंट था. इसके अलावा, 1984 में हिमसागर एक्सप्रेस ने कन्याकुमारी से जम्मू तवी तक 3790 किमी का सफर शुरू किया, जो आज भी भारत की रेल डायवर्सिटी का प्रतीक है. 1992 में गीत सेठी ने बिलियर्ड्स की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया, वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर रिकॉर्ड ब्रेक बनाया. 1994 में भारत ने यूएनएससी की परमानेंट सीट के लिए दावा ठोका, जो हमारी ग्लोबल पावर बनने की ख्वाहिश दिखाता है. 1995 में हांगकांग के हस्तांतरण पर सहमति और 2002 में वाजपेयी की नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश ने वैश्विक मंच पर भारत की धमक बढ़ाई. आइए विस्‍तार से जाने अतीत के सालों में 3 अक्‍टूबर को क्‍या क्‍या हुआ.

1831 – मैसूर पर ब्रिटेन का कब्जा
1831 में 3 अक्‍टूबर को ही ब्रिटिश गवर्नर जनरल विलियम बेंटिंक ने मैसूर पर कब्जा किया था. इससे पहले मैसूर पर वैद्यर राजाओं का शासन था, परन्तु ब्रिटिशों ने प्रशासनिक असमर्थता का हवाला देते हुए प्रत्यक्ष शासन संभाला. मैसूर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इंपीरियल ब्रिटेन के नियंत्रण में आ गया. यह कब्जा ब्रिटेन के भारत में दक्षिणी क्षेत्रीय प्रभुत्व को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण था. इसके पहले टीपू सुल्‍तान के नेतृत्व में मैसूर ने कई बार ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष किया था लेकिन अंततः 1799 में उसका साम्राज्य समाप्त हो गया था. 1831 में ब्रिटिश प्रशासन ने राज्य पर सीधे नियंत्रण स्थापित कर अपने सत्ता विस्तार को सुनिश्चित किया. 1978 – कलकत्ता में पहला और दुनिया का दूसरा टेस्ट ट्यूब बेबी
3 अक्टूबर 1978 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में भारत का पहला और विश्व का दूसरा टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ था. डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय और उनकी टीम ने इस सफलता को हासिल किया. यह उपलब्धि IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक में बड़ी क्रांति थी. यह बच्चे का जन्म इंग्लैंड के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के 67 दिन बाद हुआ था. इस तकनीक ने बांझपन के इलाज में नए रास्ते खोले जो तब तक बहुत सीमित थे. डॉ. मुखोपाध्याय द्वारा अपनाई गई तकनीकें आगे चलकर बहुत मान्यता प्राप्त हुईं. इस बच्चे का नाम कुानुप्रिया अग्रवाल (दुर्गा) था. IVF तकनीक अब भारत समेत विश्व में बांझपन दूर करने की एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति बन गई है. 1984 – भारत को मिली सबसे लंबी ट्रेन हिमसागर एक्सप्रेस
1984 में भारत की सबसे लंबी दूरी की ट्रेन हिमसागर एक्सप्रेस को कन्याकुमारी से जम्मू तवी के लिए चलाया गया. यह ट्रेन देश के 12 राज्यों से होकर गुजरती है तथा लगभग 3790 किमी की दूरी 71 घंटे में तय करती है. यह ट्रेन भारतीय रेल की दूसरी सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन है. इस ट्रेन से यात्रियों को भारत के अलग-अलग भौगोलिक और सांस्कृतिक हिस्सों का अनुभव होता है. यह ट्रेन सप्ताह में एक बार चलती है और 75 स्टेशनों पर ठहराव करती है. इसका परिचालन दक्षिण रेलवे क्षेत्र द्वारा किया जाता है. हिमसागर एक्सप्रेस भारतीय रेल के नेटवर्क की दरअसल विशालता और विविधता को दर्शाता है. 1992 – गीत सेठी का विश्व पेशेवर बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप जीतना
3 अक्टूबर 1992 को गीत सेठी ने विश्व पेशेवर बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप जीती थी. वे भारत के प्रसिद्ध और सम्मानित बिलियर्ड्स खिलाड़ी हैं. इस प्रतियोगिता में उन्होंने माइक रसेल को हराकर पहली बार विश्व खिताब हासिल किया. गीत सेठी ने 1276 का विश्व रिकॉर्ड बनाया जो पांच दशकों में सबसे बड़ा प्रभावशाली ब्रेक था. उन्होंने इस सफलता के बाद कई बार विश्व और एशियाई चैम्पियनशिप भी जीती. वे अपने खेल कौशल और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. उनका नाम भारतीय बिलियर्ड्स और स्नूकर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. 1994 – भारत ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए दावा पेश किया
1994 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिए औपचारिक दावा पेश किया. यह प्रयास तब हुआ जब विश्व में नए वैश्विक शक्तिशाली देशों के समावेशन की आवश्यकता महसूस हुई. भारत एक प्रमुख लोकतंत्र और विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण इस उच्च स्थान का हकदार मानता है. भारत ने कहा कि उसे अपनी बढ़ती आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक भूमिका के कारण यूएनएससी में स्थायी सीट मिलनी चाहिए. भारत के इस दावे ने वैश्विक राजनीति में अपनी जगह मजबूत की है, 1995 – हांगकांग के सुगम हस्तांतरण पर सहमति
1995 में चीन और इंग्लैंड के बीच हांगकांग के हस्तांतरण पर सहमति बनी, जो 1997 में अमल में आई. यह समझौता 1984 के चिन-विलायत संयुक्त घोषणा के अंतर्गत था. हांगकांग 1842 से ब्रिटिश उपनिवेश था, जिसमें धीरे-धीरे इसकी सीमाएं बढ़ीं. इस समझौते में भविष्य में हांगकांग को ‘एक देश, दो प्रणाली’ के सिद्धांत के आधार पर चीन के तहत विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में रखा जाना तय हुआ. इसे 50 सालों तक अलग शासन और आर्थिक स्वायत्तता की गारंटी दी गई. यह हस्तांतरण वैश्विक राजनीति और उपनिवेश काल के अंत के संदर्भ में महत्वपूर्ण था और चीन के उदय का प्रतीक है. 2002 – नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश
2002 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश की गई. यह सिफारिश उनके शांति प्रयासों, विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए की गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी के भारत-पाकिस्तान संबंध सुधारने के प्रयास और उनके ‘लाहौर बस यात्रा’ जैसे कदमों को विशेष रूप से सराहा गया. यह सिफारिश वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उनके काम को मान्यता देने का प्रयास था. हालांकि, इन्हें पुरस्कार उपलब्ध नहीं हुआ, परन्तु यह वैश्विक स्तर पर उनकी शांति की प्रतिबद्धता का परिचायक था.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

October 03, 2025, 18:05 IST

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