2000 या 400... दिल्ली में असल AQI कितनी... डेटा में कोई जादूगरी तो नहीं?

11 hours ago

Last Updated:October 22, 2025, 08:13 IST

Delhi AQI News: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर चरम पर है. सीपीसीबी और आईक्यूएयर के AQI आंकड़ों में भारी अंतर है. CPCB के मॉनिटर 400 से नीचे जबकि IQAir ने AQI का स्तर 2000 से ऊपर दिखाया. चलिये जानते हैं आंकड़ों में इतने बड़े अंतर की वजह क्या है?

2000 या 400... दिल्ली में असल AQI कितनी... डेटा में कोई जादूगरी तो नहीं?दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (AQI) का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली की हवा इन दिनों काफी ‘जहरीली’ हो चुकी है. बीते पांच दिनों से यहां वायु प्रदूषण का स्तर (AQI) 350 के आसपास बना हुआ है. दिवाली के बाद हवा में घुला यह जहर और बढ़ गया है. दिल्ली और आसपास इलाकों में आसमान धुएं और धूल की चादर में लिपटा हुआ था. कई लोग यहां वायु प्रदूषण की वजह से आंखें की जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत भी कर रहे थे. हालांकि इस बीच लोगों को सबसे ज़्यादा हैरान किया एक्यूआई के आंकड़ों ने… एक तरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मॉनिटर दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से नीचे दिखा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म IQAir के ऐप्स पर वही इलाका 2000 से ऊपर जा रहा था.

इन आकंड़ों से सवाल उठने लगे कि दिल्ली-एनसीआर में असल AQI का स्तर क्या है? सीपीसीबी या IQAIR में से असली आंकड़ा कौन दे रहा है? क्या हवा में जहर का स्तर सही मापा जा रहा है या फिर यह किसी ‘डेटा जादूगरी’ का खेल है?

CPCB और IQAIR के आंकड़ों में कितना अंतर?

उदाहरण के तौर पर दिवाली की रात यानी मंगलवार तड़के 12:30 बजे सिरी फोर्ट इलाके का हाल देखिए… सीपीसीबी के आंकड़े में एक्यूआई 272 था, जबकि IQAir उसी वक्त 2449 दिखा रहा था. दोनों में इतना भारी अंतर देखकर दिल्लीवासी सकते में आ गए.

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, दोनों आंकड़े तकनीकी तौर पर सही हैं. बस उनके मापने के तरीके और पैमाने अलग हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एमपी जॉर्ज बताते हैं कि भारत का एयर क्वालिटी इंडेक्स छह मुख्य मानकों PM2.5, PM10, ओज़ोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड पर आधारित है. इसका पैमाना 0 से 500 तक चलता है, जिसमें 400 से ऊपर की श्रेणी को ‘गंभीर’ माना जाता है.

दूसरी तरफ IQAir अमेरिकी मॉडल पर चलता है. यह भी 0 से 500 तक का इंडेक्स है, लेकिन 500 से ऊपर के आंकड़ों को भी दर्शाता है, जिन्हें अत्यंत खतरनाक श्रेणी में रखा जाता है. भारत में ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि 500 के पार का स्तर पहले ही गंभीर स्वास्थ्य खतरे की स्थिति को दर्शाता है, और उससे ऊपर का डेटा ‘व्यवहारिक रूप से उपयोगी नहीं’ होता.

इस अंतर की वजह क्या है?

दिल्ली के AQI आंकड़ों में इतने बड़े फर्क की असल वजह डेटा के स्रोत और उपकरणों में है. CPCB के मॉनिटर एनालाइज़र-बेस्ड रेफरेंस ग्रेड मशीनें होती हैं, जो वैज्ञानिक रूप से कैलिब्रेटेड और मानकीकृत हैं. जबकि IQAir के सेंसर-आधारित डिवाइस कम लागत वाले होते हैं और उनकी कैलिब्रेशन प्रक्रिया और एल्गोरिद्म सार्वजनिक नहीं हैं.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. जॉर्ज कहते हैं, ‘मैं CPCB के डेटा पर ज़्यादा भरोसा करूंगा, क्योंकि उनकी मॉनिटरिंग पद्धति और मानक दोनों पारदर्शी हैं. IQAir के एल्गोरिद्म की हमें जानकारी नहीं है.’

फिर भी, विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि दोनों प्लेटफॉर्म एक ही सच्चाई दिखा रहे हैं कि दिल्ली की हवा बेहद खराब है और PM2.5 का स्तर खतरनाक सीमा से कई गुना ऊपर है. यानी चाहे 400 मानिए या 2000, नतीजा एक ही है… दिल्ली की सांसों में जहर घुल चुका है.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 22, 2025, 08:13 IST

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