RSS की रूट मार्च में शामिल होने पर कर्नाटक के असिस्टेंट कुक पर बड़ी कार्रवाई

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Last Updated:October 22, 2025, 16:24 IST

Karnataka RSS Row: कर्नाटक के बीदर में RSS की रूट मार्च में शामिल असिस्टेंट कुक पर बड़ी कार्रवाई हुई है. विभाग ने सरकारी नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उसे सेवा से हटा दिया है. बता दें कि कर्नाटक में RSS को लेकर बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है.

RSS की रूट मार्च में शामिल होने पर कर्नाटक के असिस्टेंट कुक पर बड़ी कार्रवाईकर्नाटक के बीदर में RSS की रूट मार्च में शामिल होने पर असिस्टेंट कुक को हटाया गया. (फाइल फोटो PTI)

Karnataka RSS Row: कर्नाटक के बीदर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. सरकार ने बैकवर्ड क्लास वेलफेयर विभाग के एक असिस्टेंट कुक को नौकरी से हटा दिया है. आरोप है कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की रूट मार्च में शामिल हुआ था. यह कार्रवाई एक व्हाट्सऐप शिकायत के बाद की गई, जिसमें बताया गया कि प्रमोद कुमार नामक कर्मचारी संघ के मार्च में भाग ले रहा था.

शिकायत मिलने के बाद विभाग ने जांच शुरू की और फिर 21 अक्टूबर की सुबह प्रमोद कुमार को उसके पद से हटा दिया गया. वह बसवकल्याण के प्री-मैट्रिक बॉयज हॉस्टल में बतौर असिस्टेंट कुक काम कर रहा था. सरकार ने साफ किया है कि सरकारी वेतन पाने वाले किसी भी स्थायी या अनुबंधित कर्मचारी को किसी भी राजनीतिक संगठन से जुड़ने या उसकी गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं है.

कानूनी आधार पर की गई कार्रवाई
बसवकल्याण तालुक बैकवर्ड क्लास वेलफेयर अधिकारी ने बीदर जिला लेबर सर्विस मल्टीपरपज़ को-ऑपरेटिव सोसायटी के सचिव को पत्र लिखकर कुमार को सेवा से मुक्त करने का निर्देश दिया. अधिकारी के अनुसार यह निर्णय कर्नाटक सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स के तहत लिया गया है, जो सरकारी कर्मचारियों को किसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े संगठनों में भाग लेने से रोकता है.

मंत्री प्रियांक खड़गे की सिफारिश के बाद बढ़ी सख्ती
इससे पहले भी सरकार ने इसी तरह की सख्ती दिखाई थी. पिछले हफ्ते लिंगसुगुर (रायचूर) में RSS की शताब्दी समारोह में भाग लेने पर पंचायत विकास अधिकारी प्रवीण कुमार को निलंबित कर दिया गया था. ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर ऐसी गतिविधियों में शामिल कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी.

सरकारी नियम क्या कहते हैं?
कर्नाटक सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स के मुताबिक सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या उससे जुड़े संगठन का सदस्य नहीं बन सकते, न ही उनके कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं. अगर कोई ऐसा करता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है और उसे निलंबन या बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

October 22, 2025, 16:24 IST

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