Last Updated:October 22, 2025, 21:26 IST
Karnataka Voter Deletion: कर्नाटक SIT ने दावा किया है कि अलंद सीट पर हर वोटर को डिलीट करने के लिए ₹80 दिए गए. करीब 6,000 मतदाताओं की फर्जी डिलीशन से बड़ा चुनावी घोटाला सामने आया है.

बेंगलुरु: कर्नाटक में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. SIT की जांच में पता चला है कि अलंद विधानसभा सीट पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए प्रति फर्जी डिलीट आवेदन पर ₹80 का पेमेंट किया गया. यानी एक वोटर को सूची से हटाने की ‘कीमत’ तय थी. जांच में यह भी पाया गया कि चुनाव से पहले करीब 6,018 फर्जी आवेदन चुनाव आयोग को भेजे गए थे ताकि असली मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें.
यह वही मामला है जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी “वोट चोरी” वाली टिप्पणी में उठाया था. राहुल ने आरोप लगाया था कि अलंद सीट पर हजारों मतदाताओं की पहचान बनाकर जाली आवेदन दिए गए थे ताकि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम लिस्ट से हट जाएं. अब SIT की रिपोर्ट ने इस विवाद को नया मोड़ दे दिया है.
कैसे हुआ खुलासा?
SIT की जांच टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी अलसन बाशा कर रहे हैं. टीम ने हाल ही में पूर्व विधायक और भाजपा नेता सुभाष गुट्टेदार के घर पर छापा मारा. जांच के दौरान SIT ने पाया कि काला बुरगी जिले में एक डेटा ऑपरेटिंग सेंटर से ये फर्जी आवेदन भेजे जा रहे थे.
इस सेंटर का संचालन मोहम्मद अशफाक और मोहम्मद अकबर नाम के दो लोगों के हाथ में था. SIT के अनुसार डेटा एंट्री ऑपरेटरों को प्रति डिलीशन ₹80 दिए जाते थे. यानी कुल 6,018 मतदाता नाम हटाने पर लगभग ₹4.8 लाख खर्च किए गए. जांच के दौरान टीम को एक लैपटॉप भी मिला. इसका इस्तेमाल इन फर्जी आवेदनों के लिए किया गया था.
SIT ने बरामद किए लैपटॉप और मोबाइल
छापेमारी के दौरान SIT ने भाजपा नेता सुभाष गुट्टेदार, उनके बेटों हर्षानंद और संतोश, और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट मल्लिकार्जुन महांतगोल के ठिकानों पर भी तलाशी ली. वहां से सात लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए.
जांच में यह भी सामने आया कि चुनाव आयोग के पोर्टल पर फर्जी वोटर डिलीट आवेदन डालने के लिए 75 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया था. इनमें कई नंबर ऐसे लोगों के नाम पर थे जो मुर्गी फार्म के मजदूर, स्थानीय निवासी या पुलिसकर्मियों के रिश्तेदार थे.
SIT की जांच किस दिशा में जा रही है
SIT अब इस बात की जांच कर रही है कि डेटा सेंटर संचालकों को चुनाव आयोग के पोर्टल की एक्सेस और लॉगिन क्रेडेंशियल्स कैसे मिले. जांच के अनुसार जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी. SIT ने यह भी पाया कि अशफाक को 2023 में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था, लेकिन वह अब दुबई चला गया है.
पूर्व विधायक सुभाष गुट्टेदार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. उन्होंने कहा कि उनका या उनके परिवार का इस हेराफेरी से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, SIT की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
राहुल गांधी के आरोपों को मिला आधार?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2023 में इस पूरे घटनाक्रम को “वोट चोरी” बताया था. अब SIT की रिपोर्ट ने उनके आरोपों को एक तरह से मजबूती दी है. राहुल ने तब कहा था कि भाजपा ने चुनाव से पहले मतदाता सूची में जालसाजी करके लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की थी. SIT की अब तक की रिपोर्ट यह संकेत दे रही है कि अलंद विधानसभा क्षेत्र में संगठित स्तर पर वोटर डिलीट अभियान चलाया गया था. हालांकि, अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि इसके पीछे असली जिम्मेदार कौन थे.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
October 22, 2025, 21:24 IST