Nicolas Sarkozy: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है लेकिन इस बार वजह सत्ता या विदेश नीति नहीं, बल्कि जेल की सजा है. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में दोषी पाए गए सरकोजी अब पेरिस की ला सान्ते जेल (La Sante Prison) में बंद हैं. वे आधुनिक फ्रांस के पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें जेल भेजा गया है.
गद्दाफी से फंडिंग का आरोप
बता दें, सरकोजी को यह सजा 2007 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए कथित रूप से लीबिया के तत्कालीन नेता मुअम्मर गद्दाफी से अवैध चुनावी फंडिंग लेने के मामले में दी गई है. अभियोजन पक्ष का दावा है कि 2006 में सरकोजी के सहयोगियों ने गद्दाफी से गुपचुप सौदा किया, जिससे चुनावी जीत सुनिश्चित की जा सके. अदालत ने उन्हें षड्यंत्र रचने और अवैध फंडिंग लेने का दोषी पाया और 5 साल की जेल सुनाई गई जिसमें से एक साल की सजा उन्हें जेल में काटनी है.
क्यों कहलाए 'ब्लिंग-ब्लिंग' प्रेजिडेंट ?
सरकोजी को कभी 'ब्लिंग-ब्लिंग प्रेसिडेंट' कहा जाता था. ये नाम उन्हें विलासितापूर्ण जीवनशैली, महंगी घड़ियों और अमीर दोस्तों के साथ छुट्टियों के कारण मिला था. उन्होंने राष्ट्रपति बनते ही न सिर्फ अपना वेतन दोगुना किया, बल्कि फ्रांस की पारंपरिक सादगी वाली राजनीति में दिखावे का दौर भी शुरू कर दिया. 2007 में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपनी जीत का जश्न अरबों के यॉट पर मनाया. एक बार उन्होंने कहा था कि अगर कोई आदमी 50 की उम्र तक Rolex नहीं पहनता, तो वह नाकाम है. इस बयान ने उनकी छवि को और विवादित बना दिया था.
सरकोजी का विवादों से रहा है पुराना नाता
सरकोजी ने अपने कार्यकाल में कई विवादास्पद फैसले लिए. उन्होंने बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया, इमिग्रेशन नीति को कठोर किया और अपराध प्रभावित इलाकों के युवाओं को कचरा (scum) कह दिया, जिससे भारी विवाद हुआ. वे अमेरिका और इजराइल के करीबी माने जाते हैं और 2011 में लीबिया में पश्चिमी हस्तक्षेप का समर्थन करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी जो अब उसी देश से फंड लेने के मामले में उनके खिलाफ गवाही का आधार बन रहा है.
सरकोजी को पहले भी मिल चुकी हैं सजाएं
यह पहली बार नहीं है जब सरकोजी दोषी पाए गए हैं. 2021 में उन्हें एक जज को रिश्वत देने की कोशिश के लिए 1 साल की सजा मिली थी, जिसे उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक टैग के साथ घर में नजरबंद रहकर पूरी की थी. 2024 में, 2012 के चुनाव में अवैध खर्च के लिए 6 महीने की सजा दी गई थी और साथ ही फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'लीजन ऑफ ऑनर' भी उनसे छीन लिया गया था.
सरकोजी की प्रतिक्रिया
सरकोजी अब भी खुद को निर्दोष बताते हैं. जेल जाते समय उन्होंने कहा कि मुझ पर दया नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि मैं निर्दोष हूं. यह एक न्यायिक घोटाला है जो मैं 10 साल से झेल रहा हूं.
उन्होंने अपील करने की बात भी कही है. बता दें, सरकोजी अब उस जेल में हैं जहां 19वीं सदी के प्रसिद्ध यहूदी-विरोधी 'ड्रेफस अफेयर' के आरोपी कैप्टन अल्फ्रेड ड्रेफस भी बंद रहे थे. आज सरकोजी 80000 कैदियों में इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं, जो कभी देश की परमाणु शक्ति के सर्वोच्च अधिकारी रह चुके हैं.
कौन हैं निकोलस सरकोजी?
निकोलस सरकोजी का जन्म 1955 में पेरिस में हुआ. वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जन्म लेने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बने. पेशे से वकील रहे सरकोजी ने 28 साल की उम्र में मेयर बनकर राजनीति में तेजी से करियर बनाया और 2007 से 2012 तक राष्ट्रपति रहे थे.