Last Updated:July 18, 2025, 13:46 IST
Elon Musk: केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X फ्री स्पीच की आड़ में गैरकानूनी कंटेंट बढ़ा रहा है. सरकार ने कहा कि 'सेफ हार्बर' कोई बुनियादी अधिकार नहीं है.

केंद्र सरकार के खिलाफ मस्क हाईकोर्ट पहुंचे.
हाइलाइट्स
सरकार ने X पर गैरकानूनी कंटेंट बढ़ाने का आरोप लगाया.कोर्ट में कहा- 'सेफ हार्बर' जिम्मेदारी से जुड़ी एक सुविधा है.X ने सरकारी आदेशों को बिजनेस के लिए नुकसान बताया है.केंद्र सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. सरकार का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म पर कई बार ऐसा कंटेंट डाला जा रहा है जो समाज में नफरत फैलाता है, लोगों को भड़काता है. ऐसे कंटेंट देश की सुरक्षा के लिए खतरा भी बन सकता है. सरकार का कहना है कि X इस तरह का गैरकानूनी कंटेंट हटाने की बजाय ‘फ्री स्पीच’ का बहाना बनाकर बचने की कोशिश कर रहा है, जो गलत है.
X क्या कह रहा है?
मस्क की कंपनी X ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. कंपनी का कहना है कि भारत सरकार की ओर से उन्हें जो ऑर्डर मिलते हैं, जैसे कि कुछ पोस्ट या अकाउंट ब्लॉक करने के, वो कई बार बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के होते हैं.
X का कहना है कि सरकार के ऐसे फैसले उनके काम में दखल डालते हैं और उनके प्लेटफॉर्म की छवि और कारोबार दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं. कंपनी ने अदालत से अपील की है कि सरकार को उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करने से रोका जाए.
सरकार ने क्यों जताई नाराजगी?
भारत सरकार ने कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को ये समझना होगा कि उनकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. आज इंटरनेट के जरिए कुछ भी कुछ ही सेकंड में लाखों लोगों तक पहुंच जाता है. अगर कोई गलत बात या अफवाह फैलती है, तो वो देश में गड़बड़ी पैदा कर सकती है.
सरकार ने कहा कि X जैसी कंपनियां ये नहीं कह सकतीं कि वो सिर्फ एक ‘प्लेटफॉर्म’ हैं, क्योंकि उनके एल्गोरिद्म (जो तय करते हैं कि कौन-सी पोस्ट ज्यादा लोगों को दिखेगी) बड़ी भूमिलका निभाते हैं. यानी वे खुद यह तय कर रही हैं कि कौन-सी बात लोगों तक ज़्यादा पहुंचे. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और भी ज़्यादा बढ़ जाती है.
क्या होता है ‘सेफ हार्बर’?
सरकार ने अदालत को बताया कि X जिस ‘सेफ हार्बर’ की बात कर रहा है, वह कोई ‘बेसिक राईट’ नहीं है. यह सिर्फ एक सुविधा है जो तभी मिलती है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिम्मेदारी से काम करे.
‘सेफ हार्बर’ का मतलब होता है कि अगर कोई यूजर अपने पोस्ट से कुछ गलत करता है, तो प्लेटफॉर्म को उसकी जिम्मेदारी नहीं लेनी पड़ती- लेकिन ये सुविधा तभी दी जाती है जब कंपनी समय पर गलत कंटेंट को हटाए और कानून का पालन करे. सरकार ने कहा कि X इसे एक तरह से “छूट” समझ रहा है, जबकि असल में यह सुविधा कानून के दायरे में रहकर ही मिलती है.
कानून की कौन-कौन सी धाराएं हैं इसमें?
सरकार ने कोर्ट को बताया कि X दो कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहा है. एक है IT एक्ट की धारा 69A — जिसके तहत सरकार अगर किसी पोस्ट को देश की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरनाक मानती है, तो उसे ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है.
दूसरी है धारा 79- जो कहती है कि अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कानून का पालन करता है और गलत कंटेंट हटाने की कोशिश करता है, तभी उसे ‘सेफ हार्बर’ की सुविधा मिलेगी. सरकार ने आरोप लगाया कि X जानबूझकर इन दोनों के फर्क को नजरअंदाज़ कर रहा है ताकि वह खुद को बचा सके.
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New Delhi,Delhi