सोच से आगे निकल गया IGI Airport, बना पहला 'प्लेटिनम सर्टिफाइड' एयरपोर्ट

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Last Updated:July 18, 2025, 13:34 IST

Delhi IGI Airport: दिल्‍ली का आईजीआईए देश का पहला नेट जीरो वेस्ट टू लैंडफिल प्लेटिनम सर्टिफिकेशन वाला एयरपोर्ट बन गया है.

सोच से आगे निकल गया IGI Airport, बना पहला 'प्लेटिनम सर्टिफाइड' एयरपोर्ट

हाइलाइट्स

दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट को मिली नई उपलब्धि.बना 'प्लेटिनम सर्टिफाइड' वाला देश का पहला एयरपोर्टइंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने दिया है यह सर्टिफिकेशन.

Delhi IGI Airport: देश की राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट एक बार फिर सुर्खियों में है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) द्वारा संचालित आईजीआई एयरपोर्ट भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसे इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने नेट जीरो वेस्ट टू लैंडफिल प्लेटिनम सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया है. यह सम्मान इसके टर्मिनल वन, टू और थ्री को ऑपरेशनल स्‍टेज में मिला है, जो इसे भारत में अपनी तरह का पहला एयरपोर्ट बनाता है.

यह उपलब्धि न केवल आईजीआई एयरपोर्ट की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक एयरपोर्ट आधुनिक तकनीक और जिम्मेदार प्रबंधन के साथ पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा सकता है. इस बाबत, डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि हमने अपने एयरपोर्ट को न केवल एक ट्रैवल सेंटर बनाया है, बल्कि इसे पर्यावरण के लिए एक मॉडल के तौर पर तैयार किया है. यह सर्टिफिकेशन हमारे लिए सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि एक ऐसी जिम्मेदारी है, जो हमें भविष्य में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील एयरपोर्ट बनाने के लिए प्रेरित करती है.

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कैसे हासिल की यह उपलब्धि?
आईजीआई एयरपोर्ट ने कचरे को लैंडफिल में जाने से रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं. यहां हर दिन उत्पन्न होने वाले लगभग 95% ठोस कचरे को लैंडफिल में न भेजकर, उसे कम करने, अलग करने, रिसाइकिल करने और एयरपोर्ट पर ही खाद बनाने में उपयोग किया जाता है. इसके लिए दो-बिन और चार-बिन वेस्‍ट सेप्रेशन सिस्टम, मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ), ऑर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर्स और रियल-टाइम कचरा ट्रैकिंग जैसे आधुनिक तरीके अपनाए गए हैं.

पर्यावरण के लिए और भी कदम
दिल्ली एयरपोर्ट केवल कचरा प्रबंधन तक सीमित नहीं है. यह दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, जिसे एसीआई लेवल 5 नेट जीरो कार्बन स्टेटस प्राप्त है. इसके टर्मिनल भवन यूएसजीबीसी लीड और आईजीबीसी मानकों पर प्लेटिनम रेटिंग के साथ प्रमाणित हैं. साथ ही, यहां 100% वेस्‍ट वॉटर का ट्रीटमेंट कर दोबारा उपयोग में लाया जाता है. ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे, ग्रीन वाहनों, ग्रीन एनर्जी और टैक्सीबॉट्स जैसे इनोवेशन ने इसे पर्यावरण के प्रति और भी जिम्मेदार बनाया है.

क्या है इसका महत्व?
यह सर्टिफिकेशन आईजीआई एयरपोर्ट की पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) रणनीति को और मजबूत करता है. यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है और निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है. साथ ही, यह अन्य भारतीय एयरपोर्ट के लिए प्रेरणा बन सकता है कि वे भी सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाकर नेट जीरो वेस्ट की दिशा में काम करें. दिल्ली एयरपोर्ट न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी एक मिसाल बन रहा है.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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