वो कौन-कौन जज हैं, जिनके ख‍िलाफ संसद में महाभ‍ियोग शुरू हुआ?

6 hours ago

Last Updated:July 21, 2025, 19:48 IST

वो कौन-कौन जज हैं, जिनके ख‍िलाफ संसद में महाभ‍ियोग शुरू हुआ?हाईकोर्ट के कई जजों के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा चुका है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग की प्रक्रिया शरू हो चुकी है, जिसके बाद उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है. यह पहली बार नहीं है कि किसी जज के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है. भारत में जजों के विरुद्ध कई महाभियोग प्रस्ताव आए हैं, परंतु आज तक किसी भी न्यायाधीश पर सफलतापूर्वक महाभियोग नहीं लगाया जा सका है और न ही उन्हें पद से हटाया जा सका है. यहां तक कि तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा भी महाभियोग से अछूते नहीं रह सके थे.

यहां उन जजों की लिस्ट दी गई है जिनके विरुद्ध महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई थी:

जस्टिस वी. रामास्वामी (सुप्रीम कोर्ट): वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में 1993 में महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई थी. हालांकि, एक जांच समिति ने उन्हें दोषी पाया, लेकिन प्रस्ताव लोकसभा में आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में विफल रहा. बाद में वे रिटायर हो गए.

जस्टिस सौमित्र सेन (कलकत्ता हाईकोर्ट): धन के दुरुपयोग के आरोप में उनके विरुद्ध महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई थी. राज्यसभा ने 2011 में महाभियोग प्रस्ताव पारित किया, जिससे वे पहले ऐसे न्यायाधीश बन गए जिनके विरुद्ध उच्च सदन द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया था. हालांकि, उन्होंने लोकसभा द्वारा मामले पर विचार किए जाने से पहले ही इस्तीफा दे दिया, जिससे महाभियोग की पूरी प्रक्रिया और निष्कासन से बच गए.

जस्टिस पी.डी. दिनाकरन (सिक्किम हाईकोर्ट): भ्रष्टाचार सहित विभिन्न आरोपों में उनके विरुद्ध महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई थी. महाभियोग प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही उन्होंने 2011 में इस्तीफा दे दिया.

जस्टिस एस.के. गंगेले (मध्य प्रदेश हाईकोर्ट): यौन उत्पीड़न के आरोप में 2015 में उनके खिलाफ महाभियोग का नोटिस लाया गया था। एक जाँच समिति गठित की गई, लेकिन बाद में उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया और प्रस्ताव खारिज कर दिया गया.

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला (गुजरात हाईकोर्ट): आरक्षण पर की गई उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए 2015 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. बाद में, उनके द्वारा टिप्पणी को हटा दिए जाने के बाद प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया.

जस्टिस सी.वी. नागार्जुन रेड्डी (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट): 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. हालांकि, कुछ सांसदों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के कारण यह प्रस्ताव विफल हो गया.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा: 2018 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. हालांकि, राज्यसभा के सभापति ने प्रारंभिक चरण में ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.

जस्टिस यशवंत वर्मा (इलाहाबाद हाईकोर्ट): हाल ही में, जुलाई 2025 में, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर जली हुई नकदी मिलने के बाद, 200 से अधिक सांसदों ने संसद में उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया था. यह प्रक्रिया अभी चल रही है.

संक्षेप में, हालांकि कई जजों पर महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो चुकी है, लेकिन संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित होने के बाद भी राष्ट्रपति द्वारा किसी पर औपचारिक रूप से महाभियोग नहीं लगाया गया और न ही उन्हें पद से हटाया गया. कुछ ने प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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