DNA Analysis: हमारा सिस्टम अगर कमजोर नहीं होता तो 187 लोगों के हत्यारे आजाद नहीं घूमते और ना ही कोई ड्रग तस्कर जेल से छूटने पर जश्न मनाने की हिम्मत जुटा पाता. अब हम सिस्टम से सनातन की तरफ चलते हैं. सवाल यह है कि क्या हिंदू सॉफ्ट टारगेट हो रहे हैं? क्या शांति, सहिष्णुता, सौहार्द्र, सद्-भावना कायम रखने की जिम्मेदारी सिर्फ सनातनियों की है? कोई हिंदुओं को उत्तेजित करे और सनातनी संयम रखे. आखिर कब तक, आखिर कहां तक? आज हम अहिंसक सनातनी समाज को भड़काने वाली सोच का विश्लेषण करेंगे.
एक वीडियो वायरल है, जो लंदन में इस्कॉन की ओर से संचालित किए जाने वाले 'गोविंद' नाम के एक वेज रेस्टोरेंट का है. इस्कॉन दुनिया भर में कृष्ण भक्ति का प्रचार-प्रसार करने वाली संस्था है. इस रेस्टोरेंट में यह शख्स आकर 'मीट' की मांग करता है. ये दोनों महिलाएं इसे बताती हैं कि यहां मीट नहीं मिलता और यहां के खाने में प्याज, लहसून का इस्तेमाल भी नहीं होता. फिर ये अपने बैग से चिकन निकाल कर उनके सामने रख देता है और उसे खाना शुरू कर देता है. ये महिलाएं उससे शांतिपूर्ण तरीके से बाहर जाने को कहती हैं. लेकिन ये उपद्रवी बाहर जाने के बजाए रेस्टोरेंट के अंदर चला जाता है. वहां ये रेस्टोरेंट कर्मचारी को भी चिकन दिखाता है. फिर ये ग्राहकों को भी चिकन खाने का ऑफर देता है. यह काम इसने पूरी प्लानिंग से किया. अपने साथ ये एक कैमरामैन भी ले गया और इसने अपनी इस शर्मनाक हरकत की रिकॉर्डिंग भी की.
#DNAWithRahulSinha | इस्कॉन के रेस्टोरेंट में घुसा..चिकन का टुकड़ा दिखाया! हिंदुओं का धर्म..भ्रष्ट करने की साजिश का DNA टेस्ट#DNA #London #ISKCONTemple #Viral #UnitedKingdom @RahulSinhaTV pic.twitter.com/hhGW4Vnamd
— Zee News (@ZeeNews) July 21, 2025
आखिर इसकी हिम्मत कैसे हुई? रेस्टोरेंट की महिलाएं इसे रोक रही हैं, लेकिन ये उन्हें चिढ़ा रहा है. महिला बुरी तरह शॉक्ड हैं. लेकिन ये बेशर्मी से चिकन खा रहा है और आगे बढ़ा रहा है. यह सोच कर आया था कि ये सनातनी हैं. इनका धर्म भ्रष्ट करना है. कुछ लोग यह कह सकते हैं कि इसे पूरी जानकारी नहीं थी कि यहां सिर्फ वेज डिशेज ही परोसे जाते हैं. लेकिन नहीं, ये इतना सरल नहीं है. इसके बर्ताव से यह साफ समझ आ रहा है कि यह शख्स जो कर रहा है, उसके पीछे एक सुनियोजित साजिश काम कर रही है.
वो चिकन का टुकड़ा दिखा कर हिंदुओं की भावनाएं भड़काने की कोशिश क्यों कर रहा है? दरअसल वो यह जता रहा है कि जैसे सनातन कोई धर्म नहीं, चिकन का टुकड़ा है. ये जानते हुए भी कि ये सनातन से जुड़ा रेस्टोरेंट है. यहां नॉनवेज नहीं खाया जाता. फिर भी वो आक्रामक तरीके से चिकन ऑफर कर रहा है. यह वैचारिक हिंसा नहीं है तो क्या है? अगर इसके हाथ में चिकन के बदले चाकू होता तो वो चाकू भी चला सकता था. यह मन बना कर आया था.
वे ऐसा क्यों कर रहे हैं?
इस शख्स के सामने जो लोग थे वो सनातनी थे. इन्होंने सहिष्णुता दिखाई. अगर यही व्यवहार किसी और धर्म के मानने वालों के साथ किया गया होता तो सोचिए क्या हुआ होता? तब यह चिकन दिखाने वाला वीडियो आप नहीं देख रहे होते. तब जो वीडियो सामने आता वो इस शख्स के ऊपर पत्थर बरसाए जाने वाला वीडियो हो सकता था. वो वीडियो इस पर कोड़े बरसाए जाने का हो सकता था. लेकिन सनातनियों से ऐसा कुछ नहीं किया. इसे शांति से बाहर जाने को कहा गया. सनातनियों की यही शराफत और सहिष्णुता शायद इसे शिकार बना रही है.
बांग्लादेश में 27 से 30 मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं
जो लोग सनातन को टारगेट कर रहे हैं, वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? आखिर क्यों दुनिया भर में कुछ लोग सनातनियों से डर रहे हैं? आखिर क्या वजह है कि दुनिया के कई हिस्सों में हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़े है. पिछले साल अगस्त से लेकर इस साल के जुलाई महीने तक कम से कम 27 से 30 मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं दर्ज की गई हैं. मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. इस्कॉन के पुजारी संत चिन्मय दास को पिछले साल नवंबर में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. वे बांग्लादेश की जेल में 6 महीने तक बंद थे. भारत ने इसपर कड़ा विरोध जताया तो बांग्लादेश इसे अपना अंदरूनी मामला बताया.
यूटा के स्पैनिश फोर्क में श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर 20-30 गोलियां चलाई गईं
इसी तरह अमेरिका में पिछले डेढ़ साल में मंदिरों पर हमले के 5 बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. जुलाई 2025 में यूटा के स्पैनिश फोर्क में श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर 20-30 गोलियां चलाई गईं. मार्च 2025, कैलिफोर्निया के चिनो हिल्स में स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ हुई. सितंबर 2024 में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ हुई. जनवरी 2024 में कैलिफोर्निया में तीन मंदिरो को निशाना बनाया गया. दिसंबर 2023 में कैलिफोर्निया में स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए, जिसमें खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का नाम भी शामिल था.
कनाडा की मिसाल लें तो विश्व हिंदू परिषद के अनुसार, 2022 से अब तक 20 से अधिक मंदिरों पर हमले हो चुके हैं। 4 नवंबर 2024 में ब्रैम्पटन में मंदिर पर हमला हुआ था। आरोप खालिस्तान समर्थकों पर लगा था।2023 में मिसिसॉगा के राम मंदिर और ब्रैम्पटन के गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की गई। 2022 में ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में मंदिरों से दानपेटी और मूर्तियों के आभूषण चोरी की घटनाएं भी सामने आईं।
भारत-पाक एशिया कप मैच
ब्रिटेन में साल 2022 में भारत-पाक एशिया कप मैच के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया था. इस दौरान, अज्ञात लोगों ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और मंदिर के बाहर लगे भगवा झंडे को उखाड़ दिया था. 2025 तक, ब्रिटेन में हिंदू मंदिरों पर हमलों की कोई नई बड़ी घटना सामने नहीं आई है, लेकिन हिंदुओं पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं.
ब्रिटेन में 39 लाख मुस्लिम आबादी
आज जो रेस्टोरेंट की घटना सामने आई है वो भी ब्रिटेन से ही है. ऐसे में ब्रिटेन में हिंदुओं के हालात को लेकर भी थोड़ी चर्चा जरूरी है. 2021 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में 39 लाख मुस्लिम आबादी है जबकि 10 लाख से ज्यादा हिंदू हैं. हिंदुओं की तादाद ईसाई और इस्लाम धर्म को मानने वालों के बाद सबसे ज्यादा है. पिछले दस सालों में मुस्लिम आबादी जहां करीब 5 फीसदी से 6.5 फीसदी हो गई जबकि हिंदू आबादी 1.5 फीसदी से 1.7 फीसदी बढ़ी. इस लिहाज से देखें तो जहां मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर जहां 44 फीसदी है तो हिंदू आबादी में वृद्धि दर 22 फीसदी है। ईसाई आबादी में 13 फीसदी से ज्यादा कमी हुई है. यानी साफ है कि ब्रिटेन में मुस्लिम आबादी सबसे तेजी से बढ़ रही है.
लीडिंग ब्रिटिश थिंक टैंक हेनरी जैक्सन सोसायटी ने पिछले साल दावा किया था कि ब्रिटेन में बसे मुस्लिम स्टूडेंट्स हिंदू धर्म को लेकर अभद्र बयान देते हैं और उन्हें कंन्वर्ट होने को कहते हैं। करीब 50 फीसदी अभिभावकों ने माना कि मजहब के चलते उनके बच्चों को स्कूल में नफरत झेलनी पड़ी।
हिंदुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है. ब्रिटेन की राजधानी लंडन के मेयर सादिक खान पाकिस्तानी मूल के हैं. वे मई 2024 में तीसरी बार चुनाव जीत कर आए हैं. लेकिन हिंदुओं पर बार-बार हो रहे हमलों को रोकने में नाकाम रहे हैं. हाल ही में अमेरिका के उप राष्ट्रपति जे.डी वेंस का एक बयान आया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन को इस्लामिक राष्ट्र बताया था. सवाल है कि आखिर सनातनियों पर हमले क्यों बढ़ रहे हैं तो जवाब है कि दुनिया भर में सनातनियों का प्रभाव बढ़ रहा है.
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी हिंदू हैं
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी हिंदू हैं. अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गेबार्ड सनातनी हैं. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदू हैं. एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स सनातन विचारधारा से प्रभावित थे. उनकी पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ के दौरान सनातन धर्म में दीक्षा ली और उनका नाम कमला रखा गया. हॉलीवुड सुपर स्टार जूलिया रॉबर्ट्स सनातनी हैं. ये सारे बड़े-बड़े लोग सनातनी हैं लेकिन इन्होंने कभी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेद नहीं किया. लेकिन क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि लंडन में पिछले दस सालों में हिंदुओं पर हमले बढ़े, और यही वो काल है जब लंडन के मेयर एक पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति हैं?
पाकिस्तानियों की क्या बात करना, कुछ भारतीय मूल के लोग भी हैं, जिनकी बात करना जरूरी है. खुद को इस्लामिक स्कॉलर होने का दावा करने वाला जाकिर नाइक भारत में पैदा हुआ, पला और बड़ा हुआ लेकिन यहां से मलेशिया जाकर भारत और हिंदुओं के खिलाफ द्वेष फैलाने में लगा हुआ है. हाल के दिनों में कई आतंकी गतिविधियों में पाए गए लोग जाकिर नायक के विचारों से प्रभावित पाए गए हैं. वैष्णव, बौद्ध और जैन परंपराओं की वो खुलेआम खिल्लियां उड़ाता है.
वो अपने भाषणों में कहता है कि अल्लाह ने जंगली जानवरों को मांस खाने वाले दांत दिए, गाय-भैंस-बकरियों को घास-फूस खाने वाले दांत दिए लेकिन इंसानों को ऐसे दांत दिए जिनसे साग और मांस दोनों खाए जा सकें। यानी ऊपरवाला इंसानों को यह पैगाम दे रहा है कि वो वेज और नॉनवेज दोनों खाए. जाकिर नायक शायद ये भूल गया कि ऊपरवाले ने मानव को समझ और विवेक भी दिया कि वो यह खुद फैसला करे कि किस तरह का खाना उनके लिए सही है.
छांगुर का जाकिर नाइक से कनेक्शन
जाकिर नाइक अपने फॉलोअर्स को नॉनवेज खाने के लिए प्रेरित करे, इससे किसी को एतराज नहीं है, लेकिन जिनकी आस्था वेज खाने को लेकर है, उसकी खिल्ली उड़ाने का या उसे तर्क से गलत सिद्ध करने की कोशिश वैचारिक हिंसा की ही मिसाल है. जाकिर नाइक जैसे लोग देश में भी आस्तीन के सांप पाल कर रखते हैं और हिंदुओं के धर्म परिवर्तन की साजिशों को अंजाम देने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं. छांगुर का भी जाकिर कनेक्शन सामने आया है. जाकिर नाइक से जुड़ी कई कंपनियों ने छांगुर के नेटवर्क को फंडिंग की है. यूपी एटीएस और ईडी को इससे जुड़े कई ठोस सबूत मिले हैं.