Jagdeep Dhankhar: प्राइमरी स्‍कूल से की पढ़ाई, B.Sc, LLB के बाद की वकालत

3 hours ago

Last Updated:July 21, 2025, 22:51 IST

Jagdeep Dhankhar education: उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ की कहानी काफी दिलचस्‍प है. उनकी कहानी राजस्थान के एक छोटे से गांव से शुरू होती है और भारत के शीर्ष संवैधानिक पदों तक पहुंचती है. र...और पढ़ें

 प्राइमरी स्‍कूल से की पढ़ाई, B.Sc, LLB के बाद की वकालतJagdeep Dhankar, education, Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ का इस्‍तीफा.

हाइलाइट्स

राजस्‍थान के रहने वाले हैं धनखड़.सैनिक स्‍कूल से की पढ़ाई.वकालत के बाद की राजनीति में एंट्री.

Jagdeep Dhankhar education: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद वह सुर्खियों में हैं. धनखड़ उन तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल हैं, जो गांव में रहकर बडे सपने देखते हैं. धनखड़ भी उन्‍हीं तमाम नौजवानों में से एक हैं जो अपनी मेहनत और शिक्षा से निकलकर एक छोटे से गांव से निकलकर बडा मुकाम हासिल करते हैं.आइए आपको बताते हैं कि सैनिक स्‍कूल से पढ़कर निकलने वाले धनखड देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद तक कैसे पहुंचे.उनकी पढ़ाई और राजनीतिक सफर दोनों ही प्रेरणादायक है…

Jagdeep Dhankhar Personal Life, Education: गांव के स्‍कूल से हुई पढ़ाई

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ. एक साधारण  जाट परिवार में पैदा हुए धनखड़ ने बचपन से ही पढ़ाई में रुचि दिखाई. उनकी प्रारंभिक शिक्षा किठाना के सरकारी प्राथमिक स्कूल से शुरू हुई. फिर घर्धाना के सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ाई जारी रखी. 1962 में उन्होंने चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास की और फुल मेरिट स्कॉलरशिप पर दाखिला लिया. ये उनके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था जहां से उनका आत्मविश्वास और बढ़ा.

बीएससी के बाद किया एलएलबी

स्कूली पढ़ाई के बाद धनखड़ ने राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से अपनी जर्नी आगे बढ़ाई. उन्होंने महाराजा कॉलेज से बीएससी(ऑनर्स)इन फिजिक्स की डिग्री हासिल की. पढ़ाई का जुनून यहीं नहीं रुका.उन्होंने उसी यूनिवर्सिटी से 1978-79 के सत्र में एलएलबी की डिग्री ली. वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1979 में वह राजस्थान बार काउंसिल में रजिस्टर्ड हुए.उनकी शिक्षा ने उन्हें न सिर्फ कानूनी दुनिया में बल्कि राजनीति में भी मजबूत आधार दिया.

कम उम्र में बड़ी उपलब्धियां, बने सबसे युवा अध्यक्ष

धनखड़ का करियर वकालत से शुरू हुआ. 1987 में वह राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के सबसे युवा अध्यक्ष बने.1990 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला और वह सुप्रीम कोर्ट समेत कई हाईकोर्ट्स में केस लड़ते रहे. राजनीति में कदम रखते हुए 1989-91 में वह जनता दल से झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद बने और 1990 में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहे. 1993-98 में वह किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा के विधायक रहे.

राज्यपाल से बने उपराष्ट्रपति 

20 जुलाई 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था.30 जुलाई 2019 को कोलकाता के राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन उनका कार्यकाल ममता बनर्जी सरकार से टकरावों से भरा रहा.खासकर 2021 के पोस्ट-पोल वायलेंस को लेकर. फिर जुलाई 2022 में NDA ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया और 11 अगस्त 2022 को वह भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने. इस दौरान उन्होंने देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व किया.

अब अचानक दे दिया इस्तीफा

आज धनखड़ ने एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया जिसे संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत स्वीकार किया गया. इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सा सलाह का हवाला दिया. अपने पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसद सदस्यों का धन्यवाद किया.साथ ही भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान देने पर गर्व जताया. ये फैसला उनके 11 अगस्त 2027 तक के कार्यकाल से पहले आया है जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है.

युवाओं के लिए मिसाल हैं धनखड़

धनखड़ की कहानी बताती है कि शिक्षा और मेहनत किसी को भी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है. सैनिक स्कूल से शुरूआत कर राजस्थान यूनिवर्सिटी तक का सफर फिर वकालत और राजनीति में शीर्ष पद तक पहुंचना तमाम युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...

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