वक्फ बोर्ड Act पर सुप्रीम सुनवाई, दिनभर होगी बहस, CJI गवई करेंगे बड़ा फैसला?

5 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 08:40 IST

Waqf Board Act 2025 Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 पर याचिकाओं की सुनवाई करेगा. CJI बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच इस मामले को सुनेगी. याचिकाकर्ताओं में असदुद्द...और पढ़ें

वक्फ बोर्ड Act पर सुप्रीम सुनवाई, दिनभर होगी बहस, CJI गवई करेंगे बड़ा फैसला?

चीफ जस्टिस गवई आज दिन भर वक्फ बोर्ड काकनू मामले पर बहस सुनेंगे.

Waqf Board Act 2025: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी मंगलवार को वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट ने पिछले हफ्ते याचिकाकर्ताओं और केंद्र को 19 मई तक संक्षिप्त नोट दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसके बाद दोनों पक्षों ने अपनी लिखित दलीलें सौंप दी हैं. कोर्ट आज पूरे दिन इस मामले को सुनेगा और किसी अन्य मामले पर आज सुनवाई नहीं होगी.

दरअसल, पूर्व CJI संजीव खन्ना की बेंच ने 5 मई को मामले को स्थगित कर दिया था. उनका कहना था कि इस मामले पर फैसला सुरक्षित सही नहीं रहेगा क्योंकि वह 13 मई को रिटायर होने वाले थे. 15 मई को CJI गवई की बेंच ने मामले को 20 मई के लिए सूचीबद्ध किया था.

कौन हैं याचिका डालने वाले?

याचिकाकर्ताओं में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी और अन्य शामिल हैं. इन्होंने संक्षिप्त नोट दाखिल कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं. उनकी मुख्य चिंता ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने, केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्ति की जांच का अधिकार देने से संबंधित है.

तुषार मेहता: बिना सुनवाई के रोक न लगाएं

केंद्र ने पहले 17 अप्रैल को कोर्ट को आश्वासन दिया था कि 5 मई तक न तो वक्फ संपत्तियों, जिसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ शामिल हैं, को गैर-अधिसूचित किया जाएगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद या बोर्डों में कोई नियुक्ति की जाएगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से यह भी आग्रह किया था कि बिना सुनवाई के कानून पर रोक न लगाई जाए.

केंद्र: संशोधन जरूरी था

केंद्र ने अपनी 1,332 पेज की प्रारंभिक हलफनामे में कहा कि 2013 के बाद वक्फ संपत्तियों में 116% की वृद्धि हुई, जिसे रोकने के लिए यह संशोधन जरूरी था. हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र पर गलत डेटा देने का आरोप लगाया है. यह सुनवाई वक्फ कानून की संवैधानिकता और धार्मिक स्वतंत्रता पर एक अहम फैसले की दिशा में कदम है.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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