Last Updated:September 24, 2025, 20:30 IST
बीजेपी का आरोप है कि लेह में दंगा कांग्रेस के काउंसलर ने भड़काया. जबकि सोनम वांगचुक ने इसे गलत बताया. इस घटना में चार लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है. प्रशासन पूरी तरह सख्त है और शहर में फिलहाल शांति है.

बर्फीले और शांत लेह शहर में बुधवार को हुई हिंसा ने पूरे लद्दाख को हिलाकर रख दिया. युवा गुस्से और असंतोष में सड़कों पर उतर आए़. बीजेपी दफ्तर और कई वाहन फूंक डाले. कई सरकारी भवनों को नुकसान पहुंचाया. हिंसा में चार युवाओं के मारे जाने की भी खबरें आ रही हैं. प्रशासन ने पूरे इलाके में प्रदर्शन और सभा करने पर रोक लगा दी है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल उपद्रव भड़काया किसने? बवाल के पीछे कांग्रेस कनेक्शन क्यों तलाशा जा रहा? अनशन करने वाले क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने क्या कहा? सरकार की ओर से क्या कहा जा रहा है?
लेह में आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक ने कहा, लेह में यह प्रदर्शन लद्दाख राज्य और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के लिए किया जा रहा था. पांच सालों से शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं आ रहा था. इसकी वजह से युवाओं में घोर निराशा बढ़ती जा रही थी. हिंसा का तत्काल ट्रिगर मंगलवार को हुआ जब अनशन में बैठे एक 72 वर्षीय बुजुर्ग पुरुष और 62 वर्षीय महिला को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. यही घटना “जेनरेशन Z” के युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाने का कारण बनी.
क्या-क्या हुआ
सोनम वांगचुक ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बुधवार को लगभग 2,000 से 5,000 युवा प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. वे पहले प्रार्थना और भाषण कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन कुछ युवा नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर गए और फिर हिंसक हो गए. इस दौरान पुलिस और CRPF की गाड़ियों को आग के हवाले किया गया और BJP कार्यालय भी जल गया. आज जो हुआ वह बहुत दुखद है. तीन से चार युवाओं की मौत हुई है. यह अप्रत्याशित था. हजारों लोग अचानक सड़कों पर निकले और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
This man rioting in Ladakh is Phuntsog Stanzin Tsepag, Congress Councillor for Upper Leh Ward.
He can be clearly seen instigating the mob and participating in violence that targeted the BJP office and the Hill Council.
कांग्रेस पर सवाल क्यों
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पार्षद फुन्त्सोग स्टैंजिन त्सेपाग की भूमिका हिंसा में रही. बीजेपी नेता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में एक तस्वीर दिखाई, जिसमें एक आदमी प्रदर्शन के बीच हथियार लेकर घूमता नजर आया. बीजेपी ने इसे कांग्रेस का खेल बताया. इस पर वांगचुक ने कहा, यहां कांग्रेस का इतना प्रभाव नहीं है कि वह 5,000 युवाओं को सड़कों पर उतार सके. एक पार्षद केवल गुस्से में अस्पताल गए थे क्योंकि उनके गांव के दो लोग घायल होकर आए थे. वांगचुक ने यह भी कहा कि लेह के राजनीतिक दल इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को कंट्रोल करने में सक्षम नहीं हैं. “जेनरेशन Z के युवा, जो सड़कों पर निकले, प्रदर्शन में पहले कभी दिखाई नहीं दिए। उनके दिलों में निराशा और गुस्सा था.
हिंसा भड़काने की हो रही थी कोशिशें
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इसे हिंसक तरीके से नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों से लोगों को भड़काने की कोशिशें की जा रही थीं. गुप्ता ने कहा, अगर यह प्रदर्शन रोका नहीं जाता, तो लेह शहर पूरी तरह से तबाह हो सकता था. हिंसा के लिए बाहर से लोगों के शामिल होने की जांच की जाएगी. हिंसक प्रदर्शन में कुल 10 लोग घायल हुए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बताई गई है. एक CRPF जवान भी घायल हुआ.
सरकार क्या सोच रही
उधर, सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार हमेशा से बातचीत के प्रति ईमानदार रही है. बातचीत पहले ही 6 अक्टूबर के लिए तय थी और उसे 25-26 सितंबर को अनौपचारिक वार्ता के लिए आगे बढ़ाने की योजना थी. जब सरकार के साथ संवाद सक्रिय था तो हिंसा भड़काने की ज़रूरत क्यों पड़ी? इससे पहले भी सरकार ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) की बैठक के लिए तारीखें प्रस्तावित की थीं, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली. भूमि, रोजगार, संस्कृति और ऐसे सभी संवेदनशील मुद्दों की सुरक्षा और उनके लिए पर्याप्त प्रावधान करना हमेशा से सरकार की प्राथमिकता रही है और सरकार इन विषयों पर खुले मन से चर्चा करने को इच्छुक है. लद्दाखियों के हितों की रक्षा हमेशा प्राथमिकता रही है. यह विभिन्न कदमों से स्पष्ट होता है, जैसे आरक्षण को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करना और अन्य निर्णय लेना. चर्चा खुले मन से और मित्रतापूर्ण माहौल में होनी चाहिए, न कि विरोधी संबंधों की तरह। लद्दाख की जनता सभी नीतिगत फैसलों का केंद्रबिंदु रहेगी.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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First Published :
September 24, 2025, 20:19 IST