US-India Friendship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगा है. एक दिन पहले ही उन्होंने भारत पर आरोप लगाया था कि वह यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग को फंडिंग कर रहा है. अब इस पर फिनलैंड ने आपत्ति जताई है. फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब ने कहा है कि पश्चिमी देशों को भारत, रूस और चीन के खिलाफ गुट नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत जरूरी है.
चीन और रूस का डायरेक्ट कनेक्शन
एक पॉडकास्ट में स्टब ने कहा कि चीन और रूस का डायरेक्ट कनेक्शन है. उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में रूस की जंग को फंड देने की क्षमता है लेकिन भारत को रूस-चीन के गठजोड़ से भारत को अलग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका का करीबी सहयोगी है. उनका बयान यूक्रेनी प्रेसिडेंट वोलोडिमीर जेलेंस्की के बयान से काफी मेल खाता है, जिन्होंने कहा था कि भारत 'ज्यादातर' यूक्रेन के साथ रहा है. भारत ने हमेशा यह तय किया है कि उसके एक्शन से भारतीयों को फायदा हो.
भारत यूएस-ईयू का करीबी सहयोगी
उन्होंने कहा, 'वहां कुछ मल्टी वेक्टरल विदेश नीतियां अपनाई जा रही हैं. मुझे लगता है, बेशक, रूस और चीन का सीधा संबंध है. 1990 के दशक की शुरुआत में चीन और रूस की इकोनॉमी का आकार लगभग एक जैसा ही था. लेकिन अब चीन दस गुना से भी ज्यादा बड़ा है और असल में तेल, गैस खरीद और तकनीकी लेनदेन के जरिए रूस को जंग छेड़ने की संभावना मिलती है, इसलिए दोनों के बीच बहुत गहरा संबंध है'.
उन्होंने आगे कहा, 'बेशक भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका का भी बहुत करीबी सहयोगी है, इसलिए मैं उन्हें एक ही कैटेगरी में नहीं रखूंगा, लेकिन भारत साफ तौर से एक उभरती हुई महाशक्ति है. उसकी डेमोग्राफी अच्छी है. उसकी अर्थव्यवस्था इसके पक्ष में है और मैं हमेशा यह तर्क देता हूं कि पश्चिमी देशों के लिए भारत के साथ जुड़ना और उनके साथ काम करना बहुत जरूरी है.
ट्रंप ने कर दिया नया दावा
दूसरी ओर, रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपने रुख में बड़ा बदलाव करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया दावा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन 'लड़ने और जीतने' की स्थिति में है और अपने देश को मूल स्वरूप में वापस ला सकता है.
मंगलवार को ट्रुथ सोशल पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कीव यूरोपीय संघ के समर्थन से अपना खोया हुआ क्षेत्र वापस ले सकता है. ट्रंप ने दावा करते हुए लिखा, "यूक्रेन-रूस की सैन्य और आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से जानने और समझने के बाद और रूस को हो रही आर्थिक परेशानी को देखने के बाद, मुझे लगता है कि यूक्रेन, यूरोपीय संघ के समर्थन से लड़ने और पूरे यूक्रेन को उसके मूल स्वरूप में वापस लाने की स्थिति में है. समय, धैर्य, यूरोप और विशेष रूप से नाटो के वित्तीय समर्थन के साथ, जहां से यह युद्ध शुरू हुआ था, मूल सीमाएं एक बहुत अच्छा विकल्प हैं. क्यों नहीं?"
'रूस लड़ रहा लक्ष्यहीन लड़ाई'
उन्होंने तर्क दिया कि रूस 'लक्ष्यहीन' लड़ाई लड़ रहा है और यह संघर्ष उन्हें 'कागजी शेर' जैसा बना देता है. ट्रंप ने कहा, "रूस साढ़े तीन साल से बिना किसी उद्देश्य के एक ऐसा युद्ध लड़ रहा है, जिसे जीतने में एक वास्तविक सैन्य शक्ति को एक हफ्ते से भी कम समय लगना चाहिए था. यह रूस को अलग नहीं कर रहा है. वास्तव में, यह उन्हें 'कागजी शेर' जैसा बना रहा है."