Last Updated:September 21, 2025, 12:57 IST
Border Road Organization News: बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का गठन 1960 में हुआ था. सिर्फ दो प्रोजेक्ट्स पूर्वोत्तर में प्रोजेक्ट टसकर जिसे आज वर्तक के नाम से जाना जाता है और नॉर्थ में प्रोजेक्ट बीकॉन के साथ शुरू किया था. BRO 11 प्रोजेक्ट्स को देश के सीमावर्ती राज्यों में चला रही है. सबसे ज्यादा निर्माण नॉर्दर्न बॉर्डर के लद्दाख, अरुणाचल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम में हुआ है. पिछले 60 साल में BRO ने 62,214 किलोमीटर की सड़कें, 1,005 पुल, 7 सामरिक महत्त्व की टनल और 21 एयर फील्ड का निर्माण किया है.

Border Road Organization News: भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सीमाएं सबसे दुर्गम इलाकों से होकर गुजरती हैं. हाई एल्टीट्यूड और सुपर हाई एल्टीट्यूड में भारत पाकिस्तान के साथ LOC और चीन के साथ LAC को साझा करता है. साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के दुस्साहस का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. भारतीय सेना ने अपनी तैनाती को कम समय में इतनी तेजी से बढ़ाया कि चीन को बैकफुट पर आना पड़ा. यह संभव हुआ बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के प्रोजेक्ट विजयक की वजह से. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लद्दाख के इलाके में सड़कों का निर्माण और उनका रखरखाव करना है. प्रोजेक्ट विजयक अब 15 साल का हो चुका है.
प्रोजेक्ट विजयक (BRO) की स्थापना साल 2010 में की गई थी. 21 सितंबर 2025 को कारगिल में 15वां स्थापना दिवस मनाया गया. 15 साल में प्रोजेक्ट ने 1,400 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया. 80 से ज्यादा प्रमुख पुलों का निर्माण किया. सड़कों का रखरखाव भी इसी प्रोजेक्ट विजयक के जिम्मे है. दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में काम करते हैं. अप्रैल 2025 में प्रोजेक्ट विजयक ने सर्दियों में बंद रहने वाले जोजिला पास को महज 31 दिनों में खोला था. भविष्य में प्रोजेक्ट विजयक के पास 1,200 करोड़ के सड़क, टनल और पुल प्रोजेक्ट आने वाले हैं.ताबड़तोड़ बिछता सड़कों का जाल
भारतीय सेना 9,000 फीट से लेकर 19,000 फीट की ऊंचाई पर विषम परिस्थितियों में तैनात है. तैनाती और मुस्तैदी के लिए सबसे जरूरी है सड़कें. सरकार ने इस काम को प्राथमिकता देते हुए सड़कों का जाल बिछाया है। बॉर्डर रोड के कई प्रोजेक्ट सीमावर्ती इलाकों में जारी हैं. पहले जंग की सूरत में कम समय में सीमाओं तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होती थी. अब ऐसा नहीं है, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ताबड़तोड़ बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में जुटी है.
नई तकनीक से मिली नई स्पीड
हाई एल्टीट्यूड एरिया में सड़कें बनाना वाकई किसी चुनौती से कम नहीं. बर्फबारी, माइनस तापमान और भारी बारिश के चलते साल में काम करने के लिए महज 4 से 5 महीने ही मिलते हैं. पहाड़ों में टनल के लिए ड्रिलिंग भी बहुत कठिन होती है, लेकिन नई तकनीक के उपकरण और BRO के जज़्बे के सामने सभी कठिनाइयां बौनी साबित हो रही हैं. सरकार ने तकनीक को प्राथमिकता देते हुए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को छूट दी है अपना काम करने के लिए. इस समर्थन से कार्यशैली में परिवर्तन किया और उसी के मिश्रण से यह तेजी आई है. चाहे सड़कें बनानी हों या फिर टनल, BRO दुनिया में तकनीक के मामले में सबसे बेहतर हो गई है. BRO ने साल 2021 में 102 प्रोजेक्ट्स, 2022 में 103 प्रोजेक्ट्स, 2023 में 125 और 2024 में 75 रोड और टनल को तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया है.
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First Published :
September 21, 2025, 12:57 IST