रूस से भारत को मिला एक और कवच, PAK के मिसाइलों की एंट्री होगी नामुमकिन

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Last Updated:May 04, 2025, 13:58 IST

India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन का माहौल है. मगर, एक बार फिर से रूस करीबी साबित हुआ है. S-400 के बाद भारत को रूस से इग्ला-एस नाम का मानव पोर्टेबल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम मिला है. रूस से यह ...और पढ़ें

रूस से भारत को मिला एक और कवच, PAK के मिसाइलों की एंट्री होगी नामुमकिन

भारत को रूस से इग्ला एस एयर डिफेंस सिस्टम.

India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान में तना-तनी बढ़ गई है. पाकिस्तान डर के साये में जी रहा है. हमले की डर से रात भर सीमा पर गोलीबारी कर रहा है. उसके कई नेताओं ने भारत के हमले पर अपना डर जता चुके हैं. प्रधानमंत्री शाहबज शरीफ ने भी अब डर से शांति की बात कर रहे हैं. मगर, इधर नकेल हमला करने से पहले हथियार, गोले-बंदूक और फाइटर जेट टेस्टिंग शुरू हो गई थी. सेना ने एक ऐसे हथियार को लेकर चिंता जताई थी, जिसकी कमी थी. यह आर्मी के लिए काफी ही खास हथियार है. इससे पाकिस्तान की तरफ आने वाले जहाजों, मिसाइलों या बम को 6 किलोमीटर दूर ही ध्वस्त किया जा सकता है. जी हां… यह वहीं हथियार है, जिसे इंडियन आर्मी ने नाम दिया, मानव पोर्टेबल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, जिसे सैनिक अपने कंधों पर रख कर मिसाइल दाग सकते हैं.

खुशी की बात है कि सेना को रूसी मूल की इग्ला-एस मिसाइलों का खेप मिला है. बता दें कि रूस से इससे पहले एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मिल चुका है. यह वहीं डिफेंस सिस्टम, जिसे डीआरडीओ की मदद से स्वदेशी रूप से विकसित करने की तैयारी 2009 से चल रही है. हालांकि, कई मौकों पर फेल हो जाने के बाद और इसकी जरूरत को देखते हुए इसे रूस से खरीदा गया. सेना के हवाले से बताया गया है कि रूसी इग्ला-एस की पहली खेप कुछ हफ्ते पहले ही सेना को मिल चुकी है. इस मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की वजह से सेना को ताकत मिलेगी.

पहली खेप कब मिली
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इग्ला-एस एयर डिफेंस मिसाइलों की नई खेप कुछ सप्ताह पहले प्राप्त हुई है. इन्हें सीमा पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों और ड्रोन से होने वाले खतरे से निपटने के लिए अग्रिम टुकड़ियों को प्रदान किया जा रहा है. करीब 260 करोड़ रुपये का डील था. भारतीय वायु सेना के हवाले से बताया गया कि यूरोपीय देशों ने भी ऑफर किया था. मगर, हमने रूसी इग्ला-एस जो कि इन्फ्रा रेड सेंसर से लैस है, से डील की.

फास्ट ट्रैक खरीदारी के लिए टेंडर
भारतीय सेना सीमा पर टेंशन की वजह से लगातार अपने सैन्य भंडार को बढ़ा रही है. पिछले कुछ सालों में इमरजेंसी और फास्ट-ट्रैक खरीद के जरिए अपने भंडार को बढ़ा रही है. इग्ला-एस मिसाइलों की ताजा डिलीवरी के साथ-साथ भारतीय सेना ने फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 48 और लॉन्चर और लगभग 90 VSHORADS (IR) मिसाइलों को खरीदने के लिए भी टेंडर पास किया है.

लेजर बीम-राइडिंग की भी होगी खरीदारी
इसके साथ ही सेना जल्द ही लेजर बीम-राइडिंग VSHORADS के एडवांस वर्जन खरीदने पर विचार कर रही है. बताते चलें कि इग्ला-एस, इग्ला मिसाइलों की एडवांस वर्जन है, जो 1990 के दशक से उपयोग में है.

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