राहुल में क्या सुधार, मोदी के मुकाबले में हैं? प्रशांत किशोर का पढ़िए जवाब

3 weeks ago

Prashant Kishore Interview: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इसी बीच जन सुराज अभियान के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर लगातार सुर्खियों में हैं. कई महीनों से वह गांव-गांव जाकर लोगों से जुड़ रहे हैं और अब खुद सीधे चुनावी मैदान में कूद गए हैं. न्यूज18 से खास बातचीत में प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव, नीतीश कुमार, लालू-तेजस्‍वी, राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक… हर बड़े सवाल पर खुलकर अपनी बात रखी.

सवाल: प्रशांत किशोर जी अब तक तो आप अखाड़े के बाहर से नेताओं को दांव-पेंच सिखा रहे थे, अब खुद अखाड़े में उतर गए हैं, कौन सा काम बेहतर था?

जवाब: काम हम वही कर रहे हैं जो पहले करते थे, पहले नेताओं को और दलों को दांव-पेंच सिखाते थे, नेताओं को राजा बनाते थे. अब बिहार की जनता को राजा बनाने के लिए आ गया.

सवाल: 2017 में आपने कहा कि प्रियंका गांधी को दीजिए मुख्यमंत्री पद के लिए तभी मैं यूपी में कैंपेन करूंगा- खुद क्यों नहीं बनते चेहरा?

जवाब: देखिए, उस समय मेरी यह सोच थी कि चेहरा जरूरी है चुनाव जीतने के लिए. मैं प्रियंका गांधी की बात कर रहा था कि उनको मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करो. आज यह सोच नहीं है आज बिहार के लोगों की सोच अलग है. एक रणनीति हर जगह नहीं चलती. आज एक व्यक्ति या एक चेहरा बिहार को नहीं जीत सकता, पूरे बिहार को साथ लेना पड़ेगा.

सवाल: काशीराम कहते थे कि पहले चुनाव हारने के लिए, दूसरा हराने के लिए, तीसरा जीतने के लिए लड़ा जाता है- आप किस लिए चुनाव लड़ रहे हैं?

जवाब: देखिए, कांशीराम की बहुत इज्जत करता हूं. अगर उन्होंने यह बात कही है तो गलत नहीं है वह. लेकिन एक फर्क यह है कि जिस दौर में यह बात कही गई थी, तब टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया नहीं था. उस दौर में अपनी बात पहुंचाने में जितना समय लगता था. आज उतना समय नहीं लगता. अगर आज भी सोशल मीडिया न हो तो उतना ही समय लगेगा, लेकिन अब टाइम नहीं लगता. लोग आपकी बात समझ जाते हैं.

सवाल: आप किसका वोट बैंक ले रहे हैं- अपना या बीजेपी का? आप तो वोटकटवा हैं?

जवाब: पहले महागठबंधन ने कहा कि वोट कटवा है, अब एनडीए कह रहे हैं कि हम वोट कटवा हैं. हम वोट कटवा हैं और दोनों का वोट काटेंगे. इतना काटेंगे कि दोनों साफ हो जाएंगे. जन सुराज का राज आएगा. आप कैमरे पर नोट कर लीजिए, तारीख नोट कर लीजिए. जैसे बंगाल में नोट किया था, वैसे ही जब आप नवंबर में आएंगे तो बिहार में इतिहास रचता दिखेगा.

सवाल: पीएम की मां को दोबारा गाली दी गई.

जवाब: इसी गाली-गलौज की राजनीति बदलने का मैं प्रयास करता हूं. पिछले 3 साल से यही कह रहा हूं- गाली-गलौज करने से कुछ नहीं होगा. राहुल गांधी आएंगे मोदी को गाली देंगे, मोदी आएंगे राहुल गांधी को गाली देंगे. इससे बिहार के लोगों के लिए क्या होगा? पलायन और रोजगार की बात क्यों नहीं करते ये लोग.

सवाल: बिहार की बदहाली के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं या नहीं – अगर आप ‘बदल बिहार’ की बात करते हैं?

जवाब: जब मुझे लगा कि नीतीश कुमार बिहार के लिए अच्छा नहीं कर रहे हैं, तभी तो मैं उनका विरोध करना शुरू किया. जब लगता था अच्छा करते थे तब मैं साथ था.

जवाब: नीतीश कुमार जी स्वस्थ नहीं हैं. अगर स्वस्थ होते तो उनके नेतृत्व में जो बिहार में हो रहा है, वह कभी नहीं होता- वह संभव ही नहीं था. नीतीश कुमार के रहते अपने परिवार को लोग पार्टी में या पद पर बैठा देना वह नहीं होता. नीतीश कुमार के रहते इस तरह का भ्रष्टाचार हो ही नहीं सकता था.

नीतीश कुमार किसी के कहने पर काम नहीं कर रहे हैं, वह काम करने की स्थिति में ही नहीं है. नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए. जब चुनाव का रिजल्ट आया था तब मैंने मना किया था, मैंने कहा था कि नीतीश जी आप मुख्यमंत्री मत बनिए. उसके बाद दो बार मिले, तब भी मैंने मना किया कि आप मुख्यमंत्री मत बनिए. अपनी गरिमा का ख्याल रखिए और मुख्यमंत्री पद छोड़ दीजिए. अगर उन्होंने अपनी बात मानी होती तो इतिहास में महान नेता साबित होते. अब लिखा जाएगा कि नीतीश के मुख्यमंत्री रहते हुए सबसे भ्रष्टतम सरकार थी.

सवाल: तेजस्वी पर हमला? तेजस्वी को ‘नवी फेल’ कहते हैं, सम्राट को ‘सातवीं फेल’? लेकिन आपके आरोपों के बाद बीजेपी ने पलटवार किया है: “जो कंपनी 10 करोड़ की है उसने 10 करोड़ आपको दे दिया चंदा? जिनकी हैसियत 19 करोड़ की है उसने 14 करोड़ दे दिया आपको?” बीजेपी कह रही है आप नटवरलाल हैं, सबसे बड़ा नटवरलाल.

जवाब: हमें लोगों ने सौदागर कहा, बिजनेसमैन कहा, ठग कहा- सब कहा दिया. लेकिन सम्राट चौधरी बताएं कि 7वीं फेल है कि नहीं? क्या सम्राट चौधरी मर्डर के इल्जाम में जेल में नहीं थे? जेल से इसलिए छूट क्योंकि उनके पिताजी या घर वालों ने उनके नाबालिग होने का सर्टिफिकेट दे दिया. पहले इनका नाम सम्राट कुमार मौर्य था, फिर राकेश कुमार हुए, फिर सम्राट चौधरी हो गए. हर दो साल पर नाम बदलते हैं. सीधा सवाल है: क्या आपका मर्डर का केस था कि नहीं था? जेल में थे कि नहीं थे? 1998 में आपने लिखा ‘सातवीं पास’ है, अब कह रहे हैं कि आप ग्रेजुएशन कर लिए, डॉक्टरेट हो गए यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से. सम्राट चौधरी सिर्फ यह बताओ- आपकी मेट्रिक कब पास हुई?

सवाल: राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप और वोट चोरी के दावों के बारे में?

जवाब: मैं राहुल गांधी का समर्थन इसलिए नहीं कर रहा कि वह राहुल गांधी हैं, बल्कि इसलिए कि वह देश में लोकतंत्र में विपक्ष के नेता हैं और एक तरीके से 60 करोड़ लोगों की आवाज हैं. उन्होंने कुछ तथ्य रखे हैं कि वोट चोरी हुई- तो चुनाव आयोग को उसकी जांच करनी चाहिए, उसको जवाब देना चाहिए. और अगर जवाब नहीं है तो जांच करने की बात कहनी चाहिए थी. यह कहना कि ‘आप एफिडेविट दीजिए’ इसका कोई महत्व नहीं है. विपक्ष के नेता ने चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, उसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए.

सवाल: राहुल में क्या सुधार हुआ? क्या वह मोदी के मुकाबले में हैं?

जवाब: बिल्कुल, वह विकल्प बन सकते हैं मोदी के. वह आज विपक्ष के नेता हैं- वही तो उम्मीद बनते हैं. ये अलग बात है कि आगे वह फेल हो जाएं या कोई उन्हें विपक्ष के नेता के तौर पर रिप्लेस कर दे. वह भी हो सकता है. जो आज की व्यवस्था है, उसमें जो नेता विपक्ष है वही तो चुनौती देता है प्रधानमंत्री को.

सवाल: तेजस्वी कहते हैं कि मैं प्रशांत किशोर की बात पर ध्यान ही नहीं देता अब?

जवाब: मैंने लालू यादव की तारीफ की क्योंकि उन्होंने वंचितों-शोषितों को आवाज दी. इस बात के लिए लालू यादव का सम्मान होना चाहिए. लेकिन उन्होंने तबके के पढ़ाई, रोजगार की व्यवस्था नहीं की. कभी भूमि सुधार नहीं किया. उन बच्चों का आवाज दे दी और कह दिया कि ‘मेरा और मेरे बच्चों का’ नारा लगाओ अपने घर-परिवार, अपने बच्चों का ध्यान मत रखो.

तेजस्वी यादव का कुछ नहीं है मैंने तेजस्वी की कभी मदद नहीं की; मैं लालू और नीतीश की मदद की 2015 में. तब तेजस्वी यादव कहीं थे नहीं. उस अभियान को नीतीश कुमार, मैं और लालू चला रहे थे. तेजस्वी यादव का अपना कोई अस्तित्व नहीं है. वह क्रिकेटर के तौर पर फेल हैं, नवी फेल हैं. लालू यादव के लड़के हैं इसलिए राजद के नेता हैं.

सवाल: यहां क्या होगा? बिहार में चुनाव के बाद?

जवाब: यहां बदलाव होना है. नीतीश कुमार और एनडीए का जाना तय है. सिर्फ दो ही विकल्प हैं लोगों के पास: एक लालू यादव और एक जन सुराज (मेरी पार्टी). क्या लोग ‘जंगल राज’ के साथ जाएंगे? या जो लोग नया चोला पहनकर आए हैं, कलम फेंक रहे हैं और नौकरी की बात करते हैं… तो जनता को इतना करना है कि क्या ‘जंगल राज’ वालों को मौका दिया जाएगा? या फिर एक नई व्यवस्था जो जन सुराज बना रही है, उसको दिया जाएगा.

बिहार में नवंबर में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. नया मुख्यमंत्री बनेगा. कौन बनेगा यह तभी तय होगा. बीजेपी का भी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाला है. हर आदमी बदलाव की बात कर रहा है.

सवाल: पीके और गृह मंत्री का बिहार में फोकस है?

जवाब: क्या मोदी जी ने कोई फैक्ट्री लगाई 15 साल में? पलायन के लिए कुछ कहा? बाढ़ से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने कोई बैठक की? गरीबी को लेकर कोई बैठक की? और बिहार की जनता उन्हें वोट दे रही थी क्योंकि कुछ लालू के डर से और कुछ इन पर थोड़ा भरोसा करते थे. इसलिए वोट मिलता था. लेकिन इस बार जन सुराज को मिलेगा.

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