Last Updated:December 10, 2025, 17:38 IST
Startup in India : देश में स्टार्टअप की बढ़ती संख्या के पीछे सरकार की दो योजनाओं का बड़ा योगदान है. इसमें एक तो स्टार्टअप इंडिया है और दूसरा पीएलआई. इन योजनाओं ने स्टार्टअप पैदा करने के साथ ही बड़ी संख्या में नौकरियों को भी जन्म दिया.
स्टार्टअप ने अभी तक 1.88 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित किया है. नई दिल्ली. मोदी सरकार ने छोटे और नवाचार वाले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप योजना शुरू की थी. इसका असर अब बखूबी दिखाई देने लगा है. वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि अब तक 2 लाख से अधिक फर्मों को स्टार्टप के रूप में मान्यता दे दी गई है. इसका फायदा सीधे तौर पर स्टार्टअप को मिलेगा, क्योंकि इस दायरे में आने के बाद इन फर्मों को इनकम टैक्स छूट का भी लाभ दिया जाएगा.
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर होने वाली मान्यताप्राप्त फर्मों को इनकम टैक्स छूट का भी लाभ दिया जाता है. ऐसी फर्म स्टार्टअप नियमों के तहत कई मदों में इनकम टैक्स छूट पाने के लिए पात्र हो जाती हैं. मंत्रालय ने बताया कि 10 दिसंबर तक उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कुल 2,01,335 स्टार्टअप को मान्यता दी है. इन स्टार्टअप ने देश भर में 21 लाख से अधिक रोजगार भी सृजित किए हैं.
पीएलआई ने पलट दिया पासा
मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव जैसी योजना से भी उत्पादन और कारोबार को काफी मदद मिली है. मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत 14 सेक्टर में जून, 2025 तक 1.88 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश आ चुका है. इसका मतलब है कि स्टार्टअप को निवेश दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका पीएलआई जैसी योजनाओं की रहती है.
पीएलआई से आसमान पर निर्यात
सरकार ने वैसे तो कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन सबसे ज्यादा असर पीएलआई जैसी योजनाओं से मिला है. पीएलआई के तहत अब तक 7.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निर्यात हो चुका है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, टेलीकॉम, नेटवर्किंग और फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टर का रहा है. इन सेक्टर की कंपनियों को भी इस योजना का लाभ मिला है, जिससे उत्पादन बढ़ाने और नौकरियां बांटने में मदद मिली है.
सरकारी प्लेटफॉर्म से भी बड़े ऑडर
मंत्रालय ने बताया कि खुले नेटवर्क की प्रगति के साथ ही सरकारी ई-कॉमर्स मंच ओएनडीसी ने अक्टूबर 2025 तक 32.6 करोड़ से अधिक ऑर्डर पूरे किए हैं. कारोबारी सुगमता पर मंत्रालय ने कहा कि नवंबर, 2025 तक 47,000 से अधिक अनुपालन नियमों को हटाया जा चुका है. जाहिर है कि इससे नई कंपनियों और नवाचार को बढ़ावा देने में बड़ी मदद मिली. इतना ही नहीं, इन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए 18 अगस्त 2025 को जन-विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश किया गया.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 10, 2025, 17:38 IST

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