Last Updated:October 07, 2025, 19:22 IST
सुप्रीम कोर्ट ने SIR पर दखल से इनकार किया, चुनाव आयोग को पूर्ण अधिकार दिया. ममता बनर्जी और टीएमसी के मुस्लिम वोट बैंक पर असर पड़ सकता है. अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.

विपक्षी दलों, खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बुरी खबर! सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को साफ कर दिया कि देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के जरिए वोटर लिस्ट की सफाई में वह दखल नहीं देगा. यह चुनाव आयोग का पूर्ण अधिकार है. जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा, ये पूरी तरह से चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है. इस टिप्पणी ने विपक्ष के उन दावों पर ठंडा पानी डाल दिया, जो SIR को वोट चोरी का हथियार बता रहे थे. खासकर ममता बनर्जी की टीएमसी, जो बंगाल में SIR को लेकर सबसे ज्यादा मुखर थी, अब बैकफुट पर है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेंच ने याचिकाकर्ताओं से तीखा सवाल पूछा, आप चाहते क्या हैं? कोर्ट सारी जिम्मेदारी ले ले? कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की, भारत में कुछ लोग अवैध रूप से रह रहे हैं, उन्हें डर है कि उनकी पोल खुल जाएगी. यानी SIR के जरिए अवैध वोटरों को हटाने की प्रक्रिया को कोर्ट ने जायज ठहराया. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे कम से कम 100 ऐसे लोगों की लिस्ट दें, जिन्हें बिना नोटिस के वोटर लिस्ट से हटाया गया और वे अपील करना चाहते हैं. बेंच ने सवाल उठाया, हम ये सब किसके लिए कर रहे हैं? लोग सामने क्यों नहीं आ रहे?
टीमएसी के लिए झटका क्यों
ममता बनर्जी के लिए ये सबसे बड़ा झटका है. टीएमसी ने बंगाल में SIR को मुस्लिम वोटरों को टारगेट करने का आरोप लगाया था. ममता ने जुलाई में कहा था, SIR के नाम पर वोटरों को डराया जा रहा है. लेकिन कोर्ट की टिप्पणी ने उनके इस नैरेटिव को कमजोर कर दिया. विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले SIR लागू होने पर टीएमसी का वोट बैंक प्रभावित हो सकता है, क्योंकि कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वो बिहार में 3.66 लाख वोटर रद्द करने और 21 लाख जोड़ने का डेटा जमा करे और एक नोट तैयार करे. अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
वोट बैंक हिलने का डर
विश्लेषकों का मानना है कि कोर्ट का रुख चुनाव आयोग को मजबूत करता है. लेकिन SIR पर कोर्ट की मुहर से ममता की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष का वोट चोरी का दावा अब कमजोर पड़ गया. बिहार में SIR के नतीजे सामने हैं. वोटर लिस्ट साफ हुई, डुप्लिकेट और फर्जी नाम हटे. लेकिन ममता के लिए टेंशन ये है कि अगर बंगाल में ऐसा हुआ, तो उनका ‘वोट बैंक’ हिल सकता है. विपक्ष के लिए ये सपने बिखरने जैसा है, क्योंकि कोर्ट ने साफ कर दिया कि यह चुनाव आयोग का काम है और वही करेगा, कोर्ट नहीं.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 07, 2025, 19:22 IST