बड़ी राहत: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान, यमन में मौत की सजा रद्द

10 hours ago

Last Updated:July 29, 2025, 05:38 IST

Nimisha Priya News: यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार के कार्यालय के बयान के अनुसार, उनकी मौत की सजा...और पढ़ें

 केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान, यमन में मौत की सजा रद्दभारतीय नर्स निमिषा प्रिया.

हाइलाइट्स

निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द हो गई है.यमन में मौत की सजा का सामना कर रही थीं.अब बहुत जल्द उनकी घर वापसी हो सकती है.

Nimisha Priya News: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को जीवनदान मिल गया है. यमन में उनकी मौत की सजा रद्द हो गई है. इसका मतलब है कि बहुत जल्द निमिषा प्रिया की घर वापसी होगी. निमिषा प्रिया यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के केस में मौत की सजा का सामना कर रही थीं. अब उनके लिए राहत की खबर आई है. भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार के दफ्तर ने कन्फर्म किया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी गई है.  के

भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘निमिषा प्रिया की मौत की सजा, जिसे पहले निलंबित किया गया था, अब पूरी तरह से रद्द कर दी गई है. सना में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. ‘ बहरहाल, ग्रैंड मुफ्ती ने ही उनकी सजा टलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, निमिषा प्रिया 37 साल की हैं. वह केरल की रहने वाली हैं. वह यमन में नर्स का काम करती थीं. निमिषा प्रिया ने यमन में साल 2015 में स्थानीय व्यक्ति तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक खोला था. यह एक कानूनी तरीका था क्योंकि विदेशी वहां व्यवसाय नहीं चला सकते. मगर निमिषा प्रिया की यह चाहत बहुत जल्द खतरनाक हो गई.

क्या निमिषा पर आरोप?

यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी ने निमिषा का शोषण करना शुरू कर दिया. उसका पासपोर्ट और वीजा रख लिया. क्लिनिक पर कब्जा कर लिया और उसकी मासिक कमाई को डकारना शुरू कर दिया. निमिषा के परिवार का आरोप है कि महदी ने उसे बार-बार शारीरिक यातना, ड्रग्स के जरिए हमले और पासपोर्ट जब्त करके यमन से भागने से रोका. यमन में उनकी जिंदगी भयावह हो गई. इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी को अंधेरे से बचाने के लिए जो किया, उसकी सजा ही उन्हें मिली थीं.

कैसे निमिषा को हुई मौत की सजा

तालाल ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के जरिए खुद को निमिषा का पति बताकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. उसने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया, पैसे की उगाही की, और बार-बार धमकियां दीं. इन परिस्थितियों से तंग आकर साल 2017 में निमिषा प्रिया ने यमन से भागने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने तालाल को बेहोश करने की योजना बनाई ताकि अपना पासपोर्ट-वीजा वापस ले सकें. लेकिन कथित तौर पर दवा की अधिक डोज के कारण तालाल की मौत हो गई. इसके बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर हत्या का आरोप लगाया गया. साल 2018 में यमन की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई.

कौन हैं निमिषा प्रिया
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली है. अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 2011 में यमन गई थीं. उनके माता-पिता ने मजदूरी करके अपनी बेटी को यमन भेजने लायक बनाया. यहां उन्होंने नर्स का काम करना शुरू किया. उनके पति केरल में ही रहते हैं. उनकी एक बेटी भी है. उनकी मौत की सजा रद्द करने में उनकी मां और भारत सरकार का बड़ा रोल है.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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