Last Updated:May 24, 2025, 21:38 IST
Gujarat: भावनगर के उमराला गांव में प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने अनोखी योजना शुरू की है. तीन प्लास्टिक बोतलों के बदले 20 रुपये दिए जाते हैं, जिससे गांव साफ और लोग जागरूक हो रहे हैं.

प्लास्टिक मुक्त गांव
भावनगर ज़िले का उमराला गांव इन दिनों पूरे गुजरात में मिसाल बन गया है. जब देशभर में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की कोशिशें हो रही हैं, तब यह छोटा सा गांव बड़े बदलाव की राह पर निकल पड़ा है. भारत सरकार ने 22 मई से 5 जून तक “प्लास्टिक स्वच्छता अभियान” की शुरुआत की है, और इसी दौरान उमराला ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसकी चर्चा अब दूर-दूर तक हो रही है.
प्लास्टिक दो, पैसे लो – गांववालों में बढ़ी जागरूकता
उमराला ग्राम पंचायत के सरपंच धर्मेंद्रभाई हेजम ने एक नई स्कीम शुरू की है. इसके तहत अगर कोई भी व्यक्ति तीन इस्तेमाल की गई प्लास्टिक बोतलें लाकर जमा करता है, तो उसे 20 रुपये दिए जाते हैं. इस पहल से गांव के लोगों में जागरूकता बढ़ी है और अब गांव की गलियों में पहले जैसी प्लास्टिक की गंदगी नहीं दिखती.
छात्रों ने भी छुट्टियों में उठाई मुहिम की कमान
गांव में गर्मी की छुट्टियों के दौरान छात्र-छात्राएं भी इस अभियान से जुड़ गए हैं. वे जगह-जगह से प्लास्टिक इकट्ठा कर ग्राम पंचायत में जमा करवा रहे हैं. इससे न केवल गांव साफ हो रहा है, बल्कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी पैदा हो रहा है. अब हर कोई प्लास्टिक बोतलों को इधर-उधर फेंकने के बजाय पंचायत में जमा कर पैसे भी कमा रहा है.
हजारों बोतलें जमा, गांव बन रहा प्लास्टिक मुक्त
सरपंच धर्मेंद्रभाई हेजम बताते हैं कि अब तक 1,000 से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलें गांववालों ने जमा की हैं और बदले में उन्हें पैसे दिए गए हैं. यह पहल ना सिर्फ गांव की सफाई में मदद कर रही है, बल्कि लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित भी कर रही है.
सफाई के साथ मिल रहा है आर्थिक लाभ भी
इस योजना से एक तरफ जहां गांव साफ हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोगों को इसका आर्थिक फायदा भी मिल रहा है. खास बात यह है कि इस पहल में किसी को मजबूर नहीं किया गया, बल्कि लोगों ने खुद ही इसे अपनाया. इसका नतीजा यह हुआ कि आज उमराला गांव धीरे-धीरे प्लास्टिक मुक्त बनता जा रहा है.
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