पीने का रूसी पानी तक साथ लेकर चलते हैं पुतिन, खाना भी बनता है उसी से

41 minutes ago

पुतिन दुनिया के ऐसे बिरले प्रेसीडेंट हैं, जो अपनी सुरक्षा के लिए पीने का पानी तक साथ लेकर चलते हैं. दुनिया में वो कहीं भी जाएं, उनका खाने और पीने का पानी साथ चलता है. यहां तक कि उनका टूथब्रश तक इसी पानी से होता है. गनीमत है कि नहाने और टायलेट के लिए वो होटल के पानी का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन इसे भी उनकी सुरक्षा टीम पहले ही पुख्ता तरीके से चेक करती है.

दुनिया में अमेरिका तक के प्रेसीडेंट अपना पानी साथ लेकर नहीं चलते. लेकिन तीन देशों के राष्ट्रप्रमुख अपने खाने और पीने के पानी को साथ लेकर चलते हैं – ये हैं रूस के पुतिन, उत्तर कोरिया के किम जोंग उन और चीन के शी जिनपिंग. कहा जाता है कि जब पुतिन विदेश के दौरों पर जाते हैं तो उनके साथ एक टीम ऐसी भी चलती है, जो उनके खाने का सामान और पीने का पानी साथ लेकर चलती है.

विमान से चलती हैं उनकी पानी की बोतलें 

जब वो किसी देश में पहुंचते हैं तो विमान से फटाफट उनकी पानी की बड़े पैमाने पर लदी बोतलें निकाली जाती हैं, जो सुरक्षा के बीच उस होटल में पहुंचाई जाती हैं, जहां वो रुकते हैं. दिनभर के उनके कार्यक्रमों,मीटिंग और दूसरे कार्यकलापों के दौरान भी उनकी टीम उनका खास पानी भी साथ रखती है कि जहां वो जरूरत महसूस करें, वहां पानी पी सकें.

उनकी पब्लिक और इंटरनेशन मीटिंग्स में लगातार पानी रखा जाता है. वह बहुत कम मात्रा में छोटे छोटे सिप लेते देखे जाते हैं.

किचन टीम साथ चलती है, इसी पानी का यूज करती है

दुनिया के अधिकांश नेता रोज 1.5 से 3 लीटर पानी रोज पीते हैं. 72 वर्ष की उम्र में पुतिन का रोजाना का पानी इनटेक इतना ही होना चाहिए. वो चाय-कॉफी नहीं पीते. अमूमन सूप पीते हैं. उनके साथ उनकी किचन सेटअप और फूड टेस्टिंग लैब टीम भी साथ चलती है.

कहीं भी पहुंचते ही फटाफट किचन सेट होता है. रूस से लाई खाने की चीजें सेट होती हैं. रूसी बॉटल्स सीलबंद पानी रखा जाता है. हालांकि एक टीम और साथ चलती है जो इन सारी चीजों की निगरानी करती है और वेस्ट का एक तिनका भी बाहर नहीं निकलने देती, उसे नष्ट कर देती है.

कितना पानी साथ लेकर चलते हैं

लेकिन हम आपको बताते हैं कि रूसी पानी कैसे पुतिन के साथ चलता है. हालांकि सार्वजनिक तौर पर ये आंकड़ा नहीं मिलता कि जब पुतिन विदेश यात्राओं पर जाते हैं तो कितनी “पानी की बोतलें या कितना लीटर पानी” साथ लेकर चलते हैं. वो होटल या दूसरी जगह का पानी बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते यहां तक कि मेजबान देश के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा पेश किया गया पानी भी नहीं पीते.

मतलब ये है कि वो पानी पीते हैं, खाना बनाने में जो उपयोग होता है, नहाने को छोड़कर जिस पानी से जुड़ी साफ-सफाई होती है – वह सब रूस से लाए गए पानी से होता है, स्थानीय स्रोतों से नहीं

शायद सुरक्षा कारणों से ये पता नहीं लग पाता कि उनके साथ कितना पानी जा रहा है. रिपोर्ट्स हमेशा बॉटल्ड वाटर या रसियन बॉटल्ड वाटर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं.

पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था बहुत गोपनीय होती है. उनके व्यक्तिगत टीम और सपोर्ट स्टाफ की संख्या, सामान की मात्रा और साथ ले जानी वाली चीजों की लिस्ट सार्वजनिक नहीं होती.

किन कामों में इस्तेमाल होता है ये पानी

– पीने के लिए – साफ, सुरक्षित बॉटल्ड पानी, जिससे वो स्थानीय पानी पर निर्भर न करें. ये पानी 100 फीसदी उनके साथ ही आता है. वो केवल अपने साथ लाया हुआ बोतलबंद पानी पीते हैं. ये पानी उनकी टीम द्वारा सील्ड-प्रोटोकॉल में लाया जाता है. अक्सर, उनका स्टाफ होटल सिंक के पास छोटी बोतलें रख देता है।

– खाना पकाने में और खाना परोसने में – खाना उनकी निजी टीम द्वारा रूसी सामग्री और रूसी बॉटल्ड वॉटर से बनाया जाता है.इस काम में होटल और उस देश के पानी का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित हं

– हाइजीन, सफाई और रोज के जरूरी कामों के लिए – जैसे बर्तन, ग्लास आदि की सफाई, प्लंबिंग आदि में. टूथब्रश करने और मुंह साफ करने में भी अपना पानी इस्तेमाल करते हैं. यहां तक कि अगर उनको हाथ भी धोना होता है तो अपना पानी इस्तेमाल करते हैं. अगर उनकी सुरक्षा टीम ने शॉवर और टैप के पानी को क्लियर कर दिया हो तो इस काम में होटल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. नहाने का काम स्थानीय पानी से कर सकते हैं.

किम जोंग और जिनपिंग भी करते हैं ऐसा

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन भी कहीं बाहर जब भी जाते हैं तो अपना बोतलबंद पानी साथ ले जाते हैं. उनकी सुरक्षा टीम भी खाना टेस्ट करती है. चीन के प्रेसीडेंट शी जिनपिंग भी जहां जाते हैं, वहां सुरक्षित बोतलबंद पानी साथ आता है. उनका खाना स्थानीय शेफ और उनकी चीनी टीम दोनों मिलकर बनाती है. लेकिन किम जोंग उन और शी जिनपिंग का ये मॉडल उतना कठोर नहीं है जैसा पुतिन का. दुनिया में पुतिन का सिस्टम सबसे अनोखा और सबसे कड़ा है.

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