Last Updated:December 05, 2025, 12:15 IST
India-America Defence Deal: आत्मनिर्भर भारत मुहिम के तहत डिफेंस सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा देसी टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है. फाइटर जेट से लेकर मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम तक में देसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत ने अपने दम पर 5th जेनरेशन फाइटर जेट बनाने के लिए AMCA प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसके बावजूद डिफेंस सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए हजारों-लाखों करोड़ में जेट, हेलीकॉप्टर से लेकर मिसाइल और वायु रक्षा प्रणाली आयात करने पड़ते हैं.
India-America Defence Deal: भारत ने अमेरिका के साथ MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर को लेकर 8000 करोड़ रुपये की डील की है. (फाइल फोटो/PTI)India-America Defence Deal: डिफेंस सिस्टम को अपग्रेड और उसे मजबूत करने के लिए विदशों से वेपन सिस्टम आयात करने के साथ ही फाइटर जेट तक खरीदने पड़ते हैं. इसपर हजारों-लाखों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जो डिफेंस इक्विपमेंट इंपोर्ट किए जाते हैं, उसके मेंटेनेंस पर भी हजारों करोड़ रुपये का खर्च आता है, ताकि रक्षा उपकरणों का लाइफ साइकल बढ़ सके और उसका इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सके. इसके लिए संबंधित देश के साथ अलग से करार किया जाता है. भारत ने एक ऐसा ही करार अमेरिका के साथ किया है. यह कॉन्ट्रैक्ट MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर को लेकर किया गया है. यह करार तकरीबन 8 हजार करोड़ रुपये का है. इस समझौते पर सहमति बनने और औपचारिक तौर पर हस्ताक्षर होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने खुशी जताई है.
MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर सस्टेनमेंट कॉन्ट्रैक्ट की खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं. दरअसल, भारत ने अपनी नौसेना के लिए खरीदे गए MH-60R ‘सीहॉक’ हेलीकॉप्टरों के दीर्घकालिक रखरखाव और सेवा के लिए लगभग 946 मिलियन डॉलर (करीब ₹7,995 करोड़) का बड़ा करार किया है. इस समझौते की अमेरिका ने सराहना की है और इसे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. यह करार यूएस फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) कार्यक्रम के तहत लेटर ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस के माध्यम से साइन किया गया है. यह पैकेज पांच साल के लिए है और इसमें इन हेलीकॉप्टरों के लिए जरूरी स्पेयर पार्ट्स, तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण, मरम्मत सेवाएं और सपोर्ट उपकरण शामिल हैं.
कितना ताकतवर है MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर?
MH-60R दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-रोल नेवल हेलिकॉप्टरों में से एक है. एंटी-सबमरीन वारफेयर में यह डिपिंग सोनार, सोनाबॉय, मल्टी-मोड रडार और MK-54 टॉरपीडो से लैस है. एंटी-सर्फेस मिशन के लिए इसमें AGM-114 हेलफायर मिसाइल, मशीनगन और आधुनिक इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर लगे हैं. यह सर्च एंड रेस्क्यू, निगरानी, मेडिकल इवैक्यूएशन और मानवीय राहत कार्यों में भी उपयोगी है.सीहॉक हेलीकॉप्टर इंडियन नेवी को इंडो-पैसिफिक के साथ ही मैरीटाइम सिक्योरिटी भी मजबूत होगी. (फाइल फोटो/PTI)
क्या है अमेरिका का रिएक्शन?
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के साउथ एंड सेंट्रल एशिया ब्यूरो ने इसे बेहतरीन खबर बताया और कहा कि इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-अमेरिका की इंटरऑपरेबिलिटी और समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी. भारत ने 2020 में 2.4 बिलियन डॉलर की डील के तहत 24 MH-60R हेलीकॉप्टर खरीदे थे, जो नौसेना के पुराने Sea King हेलीकॉप्टरों की जगह ले रहे हैं. साल 2025 के अंत तक इनमें से लगभग 15 हेलीकॉप्टर नौसेना में शामिल हो चुके हैं. पहला स्क्वाड्रन INAS 334 मार्च 2024 में कोच्चि स्थित INS गरुड़ में कमीशन हुआ था. बाकी हेलीकॉप्टरों की डिलिवरी भी तेजी से चल रही है और वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी. ये हेलीकॉप्टर INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर भी ऑपरेट किए जाएंगे.
इंडो-पैसिफिक पर क्या पड़ेगा असर?
डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समझौते से नौसेना की मिशन रेडीनेस बढ़ेगी और उसकी प्राथमिक और सहायक मिशनों में क्षमता बेहतर होगी. यह भारत की समुद्री रणनीति को अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और मलक्का जलडमरूमध्य (Palk Strait) जैसे संवेदनशील इलाकों में और मजबूत करेगा. यह करार भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाता है और क्षेत्र में स्थिरता व सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. नए रखरखाव पैकेज के तहत भारत में ही इंटरमीडिएट लेवल मेंटेनेंस सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इससे स्थानीय कंपनियों और MSMEs की भागीदारी बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य को मजबूती मिलेगी. इससे विदेशी निर्भरता कम होगी और नौसेना को अपने तटीय बेस और युद्धपोतों से निर्बाध संचालन में मदद मिलेगी.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 05, 2025, 12:13 IST

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