Last Updated:May 13, 2025, 12:02 IST
IIT Kanpur Combat Drone: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एरियल फाइट में ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई. इसके साथ ही मॉडर्न वॉरफेयर में ड्रोन का घातक इस्तेमाल भी देखने को मिला. IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने अल्ट्रा ...और पढ़ें

IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने दो अल्ट्रा मॉडर्न ड्रोन डेवलप किए हैं. (फाइल फोटो/पीटीआई)
हाइलाइट्स
IIT कानपुर ने अल्ट्रा मॉडर्न कॉम्बेट ड्रोन डेवलप किया है, ट्रायल जल्दहाई पेलोड लॉजिस्टिक्स ड्रोन इंडियन आर्मी के लिए होगा बहुत उपयोगीऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन के इस्तेमाल की मिली झलक, दुश्मन की तबाही तयओलिवर फ्रेडरिक
पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार ने देश के साथ दुनिया को भी सन्न कर दिया था. बर्बर आतंकवादी घटना के बाद भारत ने इसके जिम्मेदार टेररिस्ट और उन्हें संरक्षण देने वालों को गंभीर खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी. इंडियन आर्मी, एयरफोर्स और नेवी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पूरे को-ऑर्डिनेशन के साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप पर एयर स्ट्राइक कर दी. इसमें आतंकवादियों के कई पनाहगाहों को मिट्टी में मिला दिया गया. इंडिया की ओर से की गई स्ट्राइक में ड्रोन का महत्व सामने आया. मॉडर्न वॉरफेयर में ड्रोन ऐसे वेपन के तौर पर सामने आया है, जिससे बिना दुश्मन की जद में गए उन्हें तबाह करना संभव है. अब IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने दो ऐसे ड्रोन डेवलप किए हैं, जो इंडियन आर्मी के लिए आने वाले समय में अचूक हथियार साबित हो सकते हैं. IIT कानपुर के डेवलपर्स 25 मई 2025 को दो कैटेगरीज में बनाए गए ड्रोन का फाइनल ट्रायल करेंगे.
आईआईटी कानपुर इससे पहले इंडियन आर्मी को करीब 30 ड्रोन की सप्लाई कर चुका है. इनमें से कुछ पूर्वोत्तर क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हालांकि, इनकी खासियत और ऑपरेशनल डिटेल को सार्वजनिक नहीं किया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इन ड्रोन ने निगरानी, टेरेन मैपिंग और लिमिटेड कॉम्बेट रोल में बेहतर प्रदर्शन किया है. माना जा रहा है कि आईआईटी कानपुर की ओर से डेवलप नया ड्रोन और भी दुरुस्त और बेहतर होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बीच आईआईटी कानपुर की ओर से नई और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ ड्रोन डेवलप किया गया है. IIT कानपुर ने दो कैटेगरी में ड्रोन डेवलप किए हैं – एफपीवी (फर्स्ट पर्सन व्यू) कॉम्बेट यानी लड़ाकू ड्रोन और दूसरा हाई-पेलोड लॉजिस्टिक्स ड्रोन. मॉडर्न वॉरफेयर की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए इन्हें डिज़ाइन किया गया है और जल्द ही एक्टिव ऑपरेशन के लिए तैनात किया जा सकता है.
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FPV कॉम्बैट ड्रोन
FPV ड्रोन एक हाई-स्पीड, कम ऊंचाई वाला सामरिक UAV है, जिसे नजदीकी सीमा पर अटैकिंग रोल के लिए बनाया गया है. 10 किलोग्राम से कम वजन वाले इस ड्रोन में एक कॉम्पैक्ट फ्रेम, अल्ट्रा-फास्ट मोटर और फ्रंट-माउंटेड हाई-डेफिनिशन कैमरा है जो ग्राउंड कंट्रोलर को रियल-टाइम वीडियो ट्रांसमिट करने में सक्षम है. इसे ‘कामिकेज़’ मिशनों के साथ-साथ सटीक-टारगेटेड पेलोड डिलीवरी के लिए डिज़ाइन किया गया है. ड्रोन 120 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है और इसकी फ्लाइट कैपेसिटी 30 मिनट तक की है. खास बात यह है कि इस ड्रोन को GPS से ट्रैक नहीं किया जा सकता है. यह जाम या सिग्नल-कॉम्प्रोमाइज्ड कंडीशन में काम कर सकता है. भौगोलिक रूप से डिफिकल्ट एरिया में भी यह ड्रोन उड़ान भरने में सक्षम है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह ड्रोन सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन और दुश्मनों के ठिकानों में घुसपैठ करने के चलते काफी कारगर साबित हो सकता है.
हैवी-लिफ्ट लॉजिस्टिक्स ड्रोन
हाई-पेलोड लॉजिस्टिक्स ड्रोन एक मजबूत, मल्टी-रोटर UAV है जो 40 किलोमीटर की रेंज में 30 किलोग्राम तक का कार्गो (सामान) उठाने में सक्षम है. ज्यादा ऊंचाई या आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए इंजीनियर इस ड्रोन में लंबी दूरी के एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन लिंक और ऑटो-रिटर्न, पैराशूट डिप्लॉयमेंट और ऑटोनोमस नेविगेशन जैसे अपग्रेडेड फेल-सेफ सिस्टम लगे हैं. यह विभिन्न मौसम स्थितियों में काम कर सकता है और इसे बिना तैयारी वाले इलाकों में उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ड्रोन का मॉड्यूलर पेलोड बे विभिन्न प्रकार के कार्गो ले जा सकता है. जैसे मेडिकल किट और फूड पैकेट से लेकर गोला-बारूद के बक्से तक को ढाने में सक्षम है.
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