US-Iran Conflict: अमेरिका और ईरान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका की जिद है कि ईरान किसी तरह परमाणु हथियार न बना पाए, दूसरी तरफ ईरान हर हाल में इसे बनाना चाहता है. इसको लेकर आए दिन टकराव के हालात बनते हैं. इसी सिलसिले में अमेरिका ने ईरान के तीन नागरिकों और एक इकाई पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह इकाई तेहरान के डिपेंशिव इनोवेशन और रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ी है. फारसी में इसे एसपीएनडी के नाम से जाना जाता है. एसपीएनडी ईरान के 2004 से पहले के परमाणु हथियार कार्यक्रम का प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी है. इसके जरिए ही ईरान परमाणु बम बनाने की परियोजना शुरू किया था.
किस पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को एक बयान में कहा, "जिन व्यक्तियों को प्रतिबंधित किया गया है वे सभी ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार में भौतिक रूप से योगदान करते हैं. ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का पर्याप्त विस्तार करना जारी रखता है और परमाणु हथियारों और परमाणु हथियार वितरण प्रणालियों पर लागू दोहरे उपयोग वाले अनुसंधान और विकास गतिविधियों को अंजाम देता है. ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं है, लेकिन फिर भी वह 60 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है. वह विदेशी कंपनियों से दोहरे इस्तेमाल वाली चीजें खरीदने के लिए नकली कंपनियों और एजेंटों का इस्तेमाल करके अपने प्रयासों को छिपा रहा है."
किसी भी हाल में अमेरिका नहीं बनने देगा परमाणु हथियार
बयान में आगे कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाई का उद्देश्य परमाणु हथियारों के अनुसंधान और विकास के लिए एसपीएनडी की क्षमता कम करना है. आज की कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त न कर सके." अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान रविवार को अमेरिका और ईरान द्वारा ओमान की राजधानी मस्कट में अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता के चौथे दौर के समापन के बाद आया.
दोनों देशों के बीच चौथी वार्ता
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने 'एक्स' पर लिखा, "ईरान-अमेरिका की अप्रत्यक्ष वार्ता का चौथा दौर संपन्न हुआ, एक-दूसरे की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और मतभेदों को दूर करने के लिए उचित और तरीके खोजने के लिए कठिन लेकिन उपयोगी वार्ता रही. अगले दौर का बात की घोषणा ओमान के द्वारा की जाएगी." ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा, "2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ओमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता "बहुत अधिक गंभीर और स्पष्ट" हो गई है.
परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का सवाल ही नहीं उठता
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने तेहरान द्वारा अपने परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की अमेरिकी मांगों को मना कर दिया. पेजेशकियन ने कहा, "ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु अधिकारों को नहीं छोड़ेगा. हमारा परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है. इसलिए इसे रोकना स्वीकार नहीं है."