पहला स्वदेशी होवर क्राफ्ट का निर्माण शुरू, 2030 तक ICG का बेड़ा होगा 200 पार

20 hours ago

Last Updated:July 30, 2025, 13:54 IST

COAST GUARD ACV: कोस्टगार्ड के हाईटेक शिप और प्लेटफॉर्म भारतीय तटीय संपत्तियों और द्वीपीय क्षेत्रों की सुरक्षा में खास मदद करेंगे. कोस्ट गार्ड की प्राथमिक भूमिका इकॉनोमिक एक्सक्लूसिव जोन (EEZ) और समुद्री तट की ...और पढ़ें

पहला स्वदेशी होवर क्राफ्ट का निर्माण शुरू, 2030 तक ICG का बेड़ा होगा 200 पारस्वदेशी होवर क्राफ्ट का निर्माण शुरू

हाइलाइट्स

भारत में पहला स्वदेशी होवर क्राफ्ट का निर्माण शुरू हुआ.2030 तक कोस्ट गार्ड का बेड़ा 200 समुद्री प्लेटफार्म पार करेगा.कोस्ट गार्ड के लिए एक साथ 37 प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है.

COAST GUARD ACV:  भारत आधुनिकरण के दौर में स्वदेशी तकनीक पर पूरी तरह से आगे बढ़ रहा है. शिप बिल्डिंग में भारत एक प्रमुख डेस्टिनेशन बनने जा रहा है। एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रॉयर, फ्रीगेट, फास्ट पेट्रोल वेसेल, एंटी सबमरीन वॉरफेयर शिप, पॉल्यूशन कंट्रोल शिप, सबमरीन और न्यूक्लियर सबमरीन अब भारत में ही बन रहे हैं. नेवी और कोस्ट गार्ड की सभी सामरिक जरूरतों को यहीं पूरा किया जा रहा है. इसी कड़ी में देश का पहला एयर कुशन वेहिकल (ACV) यानी होवर क्राफ्ट का निर्माण शुरू हो गया है. गोवा के चौगुले एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शिपयार्ड में बुधवार को C-326 का गर्डर बिछाने का काम शुरू किया गया. यह होवरक्राफ्ट ग्रिफ़ॉन होवरवर्क डिज़ाइनों पर आधारित है. इसे विभिन्न कोस्टल सिक्योरिटी ऑपरेशन को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. स्वदेशी होवरक्राफ्ट कोस्ट गार्ड में शामिल होने के बाद स्पीड, टैक्टिकल फ्लेक्सिबिलिटी और उथले पानी में ऑपरेशन की बेहतरीन क्षमता प्रदान करेगा. इससे देश की लंबी समुद्री सीमा पर पेट्रोलिंग, इंटरडिक्शन और सर्च एंड रेस्क्यू में मील का पत्थर साबित होगा. रक्षा मंत्रालय ने कोस्ट गार्ड के लिए 6 होवर क्राफ्ट के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट किया था. फिलहाल कोस्ट गार्ड के पास 14 होवर क्राफ्ट मौजूद हैं, जिन्हें विदेशों से खरीदा गया है. इनकी तैनाती सभी महत्वपूर्ण कोस्ट गार्ड बेस पर की गई है.

कोस्ट गार्ड के एक साथ चल रहे 37 प्रोजेक्ट
भारत की शिप बिल्डिंग क्षमता का लोहा पूरी दुनिया मान रही है. जितने भी वॉरशिप कोस्ट गार्ड और नेवी में शामिल किए जा रहे हैं, वे सभी स्वदेशी निर्मित हो रहे हैं. फिलहाल कोस्ट गार्ड के लिए एक साथ 37 प्रोजेक्ट पर काम जारी है. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में 8 फास्ट पेट्रोल वेसेल के साथ 2 पॉल्यूशन कंट्रोल वेसेल का निर्माण हो रहा है. मजगांव डॉक लिमिटेड में 1 कैडेट ट्रेनिंग शिप, 6 नेक्स्ट जेनेरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसेल, 14 फास्ट पेट्रोल वेसेल, और चौगुले शिपयार्ड में 6 होवरक्राफ्ट का निर्माण हो रहा है.

एक दिन पहले समंदर में लॉन्च हुआ FPV
29 जुलाई को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए फास्ट पेट्रोल वेसेल “अटल” को लॉन्च किया. गोवा शिपयार्ड में कोस्ट गार्ड के लिए कुल 8 फास्ट पेट्रोल वेसेल का निर्माण हो रहा है. अटल इस कड़ी का छठा FPV है. इसके अलावा GSL 2 पॉल्यूशन कंट्रोल वेसेल का भी निर्माण कर रही है. पहला वेसेल 29 अगस्त 2024 को लॉन्च किया गया था. जल्द ही वह कोस्ट गार्ड में शामिल हो जाएगा. 23 जुलाई को पॉल्यूशन कंट्रोल वेसेल GSL यार्ड 1268 को समुद्र में लॉन्च किया गया.

2030 तक 200 समुद्री प्लेटफॉर्म
कोस्ट गार्ड ने लगभग पांच दशक पहले अपनी शुरुआत केवल 7 समुद्री प्लेटफार्मों से की थी. चुनौतियों के बढ़ने के साथ उनसे निपटने के लिए उनकी ताकत में भी इजाफा किया गया. इस वक्त कोस्ट गार्ड के पास 151 जहाज और 76 एयरक्राफ्ट मौजूद हैं. कोस्ट गार्ड का लक्ष्य है, साल 2030 तक अपने बेड़े की ताकत को 200 समुद्री प्लेटफार्म और 100 विमानों तक पहुंचाना. ICG भारत के 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के इलाके में 24 घंटे निगरानी बनाए रखता है. हर दिन 55 से 60 समुद्री प्लेटफार्मों और 10 से 12 विमानों के जरिए निगरानी की जाती है, ताकि भारत के विशाल समुद्री क्षेत्र की रक्षा की जा सके. आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की मुहिम के तहत स्वदेशी क्षमताओं को अपनाया जा रहा है.

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