Last Updated:July 31, 2025, 09:39 IST
Kachav 4.O in Indian Railway: भारतीय रेलवे का कुल नेटवर्क 70000 किमी. से लंबा है. लेकिन इसमें से सबसे सुरक्षित सेक्शन कौन सा है? आपको पता है, नहीं तो यहां जानें-

हाइलाइट्स
व्यस्त रूट दिल्ली मुंबई में लगाया गया है कचव इस सेक्शन में हादसों की संभावना नहींKachav 4.O.भारतीय रेलवे ने दिल्ली-मुंबई के व्यस्त रेल मार्ग पर मथुरा-कोटा सेक्शन में स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को शुरू किया है. इस तकनीक से ट्रेन और सुरक्षित होंगी. कवच 4.0 एक अत्याधुनिक तकनीकी सिस्टम है. इसे रिसर्च डिज़ाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने मंजूरी दी. कई विकसित देशों को इस तकनीक को विकसित करने में दशकों लगे, लेकिन हमने कम समय में मथुरा-कोटा खंड में इसे लागू कर लिया. इससे ट्रेन हादसों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
भारतीय रेलवे अगले छह साल में देश के कई रेल मार्गों पर कवच 4.0 को लागू करने की तैयारी है. इसके लिए 30,000 से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. तकनी लोको पायलट को ट्रेन की गति नियंत्रित करने में मदद करती है. जिससे जरूरत पड़ने पर ब्रेक अपने आप लग सकती है. कोहरे जैसे कम दृश्यता वाले मौसम में भी पायलट को सिग्नल देखने के लिए बाहर देखने की जरूरत नहीं है. सारी जानकारी उनके केबिन में लगे डैशबोर्ड पर उपलब्ध होती है.
कवच पर एक नजर
कवच एक स्वदेशी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जो ट्रेन की गति को नियंत्रित कर हादसों को रोकती है. इसे सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 (SIL 4) के उच्चतम सुरक्षा मानकों पर बनाया गया है. इस पर काम 2015 में शुरू हुआ और तीन साल के कठिन परीक्षण के बाद 2018 में दक्षिण मध्य रेलवे में पहली बार सफलता मिली. इसके अनुभवों के आधार पर कवच 4.0 बनाया गया, जिसे मई 2025 में 160 किमी/घंटा की गति के लिए मंजूरी मिली. कवच के सभी हिस्से भारत में ही बनाए जा रहे हैं.
यहां जानें खासियत
कवचन लगाना किसी टेलीकॉम नेटवर्क लगाना जैसा होता है. हर किलोमीटर और सिग्नल पर लगे, जो ट्रेन की सटीक लोकेशन बताते हैं. ऑप्टिकल फाइबर और बिजली के साथ हर कुछ किलोमीटर पर लगे, जो संचार सुनिश्चित करते हैं. RFID टैग से जानकारी लेता है और आपातकाल में ब्रेक लगाता है. स्टेशनों पर लगा कवच सुरक्षित गति के लिए गाइड करता है. तेज़ डेटा संचार के लिए ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है.
Location :
New Delhi,Delhi