मालेगांव केस में आरोपियों के बरी होने के लिए कौन जिम्मेदार? ओवैसी ने पूछा

20 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 21:39 IST

मालेगांव केस में आरोपियों के बरी होने के लिए कौन जिम्मेदार? ओवैसी ने पूछाएआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मालेगांव ब्लास्ट के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. (फाइल फोटो)

हैदराबाद. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों को ‘जानबूझकर की गई घटिया जांच’ के कारण बरी कर दिया गया. ओवैसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मालेगांव विस्फोट में छह नमाजी मारे गए थे और लगभग 100 घायल हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया था.

ओवैसी ने कहा, “विस्फोट के 17 साल बाद अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. क्या (केंद्र की नरेन्द्र) मोदी और (महाराष्ट्र की देवेंद्र) फडणवीस सरकार इस फैसले के खिलाफ उसी तरह अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने (2006 के) मुंबई ट्रेन धमाकों में सभी दोषियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी?”

उन्होंने सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र के ‘धर्मनिरपेक्ष’ राजनीतिक दल मालेगांव विस्फोट मामले में जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग करेंगे. ओवैसी ने दावा किया कि 2016 में मामले की तत्कालीन अभियोजक रोहिणी सालियान ने ‘रिकॉर्ड’ पर यह बात रखी थी कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उनसे आरोपियों के प्रति ‘नरम रुख अपनाने’ को कहा था.

एआईएमआईएम प्रमुख ने आरोप लगाया कि 2017 में एनआईए ने मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बरी करवाने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, ‘वही व्यक्ति 2019 में भाजपा की सांसद बनी.’ ओवैसी ने कहा कि पूर्व पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे ने मालेगांव विस्फोट मामले में साजिश का पर्दाफाश किया था, लेकिन दुर्भाग्य से 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान उनकी मौत हो गई.

एआईएमआईएम प्रमुख ने सवाल किया कि क्या एनआईए और एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते) के अधिकारियों को उनकी कथित दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें इसका जवाब पता है. यह ‘आतंकवाद पर सख्त’ मोदी सरकार है. दुनिया याद रखेगी कि इसने आतंकवादी घटना की एक आरोपी को सांसद बनाया.”

उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत के लगभग 17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनके खिलाफ ‘कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं’ है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

और पढ़ें

Location :

Hyderabad,Telangana

homenation

मालेगांव केस में आरोपियों के बरी होने के लिए कौन जिम्मेदार? ओवैसी ने पूछा

Read Full Article at Source