Last Updated:May 05, 2025, 09:49 IST
Pahalgam terror attack: एनआईए ने पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार की जांच में पाया कि आतंकियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई थी. पाकिस्तान की आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है. आतंकियों को हथियार और धन भी म...और पढ़ें

आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने.
हाइलाइट्स
पहलगाम हमले में आतंकियों को मिलिट्री ट्रेनिंग मिली थी.NIA ने लश्कर और ISI की भूमिका पाई.पाकिस्तान आतंकियों को हथियार और धन दे रहा है.Pahalgam terror Attack NIA: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक हमले में शामिल आतंकवादियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई थी. जम्मू-कश्मीर जेल में बंद लश्कर कमांडरों से पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसियों को कई अहम सबूत मिले हैं.
जांच एजेंसी ने आतंकवादियों के हाइड आउट की जो तफ्तीश की है उसमें भी यही जानकारी सामने आई है. तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की पाकिस्तान मदद कर रहा है. ये आतंकवादी पाकिस्तानी स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडो की ट्रेनिंग ले चुके हैं. खुफिया सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक ऐसे 15-20 एसएसजी कमांडो ट्रेनिंग पा चुके आतंकी कमांडर घाटी में मौजूद हैं.ये पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ और ऐसे दुर्दांत कमांडर कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों के छोटे-छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं. एनआईए ने यह भी पाया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है.
खुफिया सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे आईएसआई का मकसद सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना है. गगनगीर गांदरबल जिसमें 7 लोग मारे गए थे, बूटा पथरी जिसमें आर्मी के कानवाय पर हमला हु़आ था दो आर्मी के जवान शहीद और 2 पोर्टर मारे गए और पहलगाम आतंकी हमला इन सारी वारदातों में पाकिस्तान आर्मी के स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडो की भूमिका सामने आई है. ये आतंकी छोटे-छोटे समूहों में विदेशी और स्थानीय आतंकियों को लीड कर रहे हैं.
जांच में सामने आए तथ्य
NIA की जांच में यह भी पता चला कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को हथियार, धन और रणनीतिक सहायता दे रहा है. प्रशिक्षित आतंकी कमांडर न केवल हमलों की साजिश रच रहे हैं, बल्कि छोटे आतंकी समूहों को संगठित कर रहे हैं. इन हमलों का उद्देश्य घाटी में अस्थिरता फैलाना और सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ना है.