न ब्रह्मोस न ही राफेल की जरूरत, फिर भी एक झटके में खाक होगा दुश्‍मन

22 hours ago

Last Updated:July 25, 2025, 08:09 IST

₹87000 Crore Defence Deal: रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच जारी जंग अभी समाप्‍त भी नहीं हुआ था कि एक और सैन्‍य टकराव की शुरुआत हो चुकी है. थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सशस्‍त्र संघर्ष छ‍िड़ गया है. ऐसे में डिफे...और पढ़ें

न ब्रह्मोस न ही राफेल की जरूरत, फिर भी एक झटके में खाक होगा दुश्‍मनAWACS और तेजस MK1A फाइटर जेट की नई खेप के लिए हजारों करोड़ की डील की गई है.

हाइलाइट्स

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत एयरफोर्स को ताकतवर बनाने में जुटा हैहजारों करोड़ के NETRA MK-II प्रोजेक्‍ट को सरकार ने मंजूरी दे दी हैतेजस MK1A फाइटर जेट की नई डील को जल्‍द हरी झंडी मिलने की उम्‍मीद

₹87000 Crore Defence Deal: देश और दुनिया के हालात तेजी से बदल रहे हैं. एक जंग के समाप्‍त होने से ही दूसरा छिड़ जा रहा है. रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बाद अब ईस्‍ट एशिया युद्ध की आग में जलने लगा है. थाईलैंड ने बॉर्डर डिस्‍प्‍यूट को लेकर कंबोडिया पर एयरस्‍ट्राइक कर दिया. कंबोडिया ने भी जवाबी हमला किया है. यह सशस्‍त्र संघर्ष कितना लंबा चलेगा, फिलहाल यह भविष्‍य के गर्भ में है. हालांकि, इससे डिफेंस सिस्‍टम को मजबूत करने की रणनीति को और बल मिला है. रक्षा प्रणाली को मजबूत करने की कोशिश में हथियारों की होड़ बढ़नी तय है. भारत की स्थिति और भी संवेदनशील है. देश की सीमा एक तरफ पाकिस्‍तान तो दूसरी तरफ चीन से लगती है. दोनों देशों के रवैये के बारे में देश के नीति निर्धारक से लेकर हर देशवासी भी अवगत है. चीन की विस्‍तारवादी नीतियों का ही असर है कि लेह लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में भी भारत ने एयरस्ट्रिप तैयार कर ली है. इसके अलावा रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी लगातार काम चल रहा है. सीमाई इलाकों से जुड़े इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. भारत सरकार सेना के तीनों अंगों (आर्मी, एयरफोर्स और नेवी) को अपग्रेड करने के प्रोजेक्‍ट पर ताबड़तोड़ फैसले रही है. इंडियन नेवी में हाल के दिनों में सामरिक तौर पर अहम कुछ वॉरशिप को शामिल किया गया. कई वॉरशिप के डेवलपमेंट पर काम चल रहा है और आने वाले कुछ महीनों में नौसेना के बेड़े में इसके शामिल होने की उम्‍मीद है. वहीं, आर्मी को नए रॉकेट सिस्‍टम और अल्‍ट्रा मॉडर्न गन मुहैया कराए जा रहे हैं.

पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्‍च किया था. इंडियन एयरफोर्स ने प्रचंड साहस का परिचय देते हुए पाकिस्‍तान को महज चार ही दिनों में घुटनों पर ला दिया. इस दौरान पाकिस्‍तान को चीन और तुर्की का भी साथ मिला. इंडियन आर्मी के एक टॉप जनरल ने चीन की पोल खोल दी. उन्‍होंने बताया कि किस तरह चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्‍तान को इंडियन एसेट्स का रियल टाइम डेटा मुहैया कराया था. बालाकोट से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक की घटनाओं को ध्‍यान में रखते हुए भारत ने एयरफोर्स को और भी अपडेट और अपग्रेड करने का फैसला किया है. कटिंग एज टेक्‍नोलॉजी के जरिये एयरफोर्स और ताकतवर बनाने के प्रोजेक्‍ट में लाखों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. वायुसेना की शक्ति को बढ़ाने के लिए 87 हजार करोड़ रुपये की डिफेंस डील पर काम चल रहा है. जानकारी के अनुसार, 20000 करोड़ रुपये के एक डील को तो सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है, जबकि 67000 करोड़ के एक अन्‍य डील को मंजूरी जल्‍द ही मिलने की संभावना है. रिपोर्ट की मानें तो यह समझौता फाइनल स्‍टेज में है और इसका कभी भी ऐलान किया जा सकता है. 87000 करोड़ की इन दोनों डिफेंस डील से एक तरफ जहां एयरफोर्स की ताकत में और वृद्धि होगी तो वहीं डोमेस्टिक डिफेंस मार्केट को भी नई उड़ान मिलेगी. दिलचस्‍प बात यह है कि इन दोनों डील में तो ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और न ही राफेल की तरह किसी विदेशी फाइटर जेट की खरीद शामिल है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडियन एयरफोर्स को और ताकतवर बनाने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. (फोटो: पीटीआई)

₹20000 करोड़: AWACS प्रोजेक्‍ट

भारत ने युद्ध के समय एयरफोर्स की ताकत को बढ़ाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है. सरकार ने ₹20,000 करोड़ की लागत वाली NETRA MK-II परियोजना को मंज़ूरी दे दी है. यह परियोजना रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के नेतृत्व में एक महत्वाकांक्षी अगली पीढ़ी की हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) पहल है. इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्‍ट में एयर इंडिया से पहले प्राप्त 6 एयरबस A321 विमानों को एयरबस और भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से व्यापक रूप से संशोधित किया जाएगा, ताकि वे पूरी तरह से स्वदेशी एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार से लैस अत्याधुनिक हवाई निगरानी प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम कर सकें. NETRA MK-II का टेक्‍नोलॉजिकल सेंट्रल प्‍वाइंट इसका स्वदेशी AESA रडार है, जिसे प्रत्येक विमान के ऊपर इंस्‍टॉल किया जाएगा. इससे रियल टाइम में 360-डिग्री कवरेज मिल सकेगा. इससे भारत की सीमाओं से परे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों, यूएवी और चुनिंदा लैंड एसेट्स का लंबी दूरी तक पता लगाना, ट्रैकिंग और पहचान करना संभव हो जाता है. पुराने सिस्‍टम के उलट MK-II संस्करण अत्याधुनिक गैलियम नाइट्राइड-आधारित (GaN) AESA तकनीक का लाभ उठाता है, जिससे पता लगाने की क्षमता और जैमिंग के प्रति प्रतिरोध में उल्लेखनीय सुधार होता है.

रक्षा मंत्रालय तेजस MK1A फाइटर जेट की नई खेप की खरीद को जल्‍द ही हरी झंडी दे सकता है. (फोटो: पीटीआई)

₹67000 करोड़ की तेजस फाइटर जेट डील

सरकार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 अतिरिक्त तेजस MK-1A फाइटर जेट की खरीद के लिए ₹67,000 करोड़ के कॉन्‍ट्रैक्‍ट को अंतिम रूप देने में जुटी है. यह सौदा भारतीय वायु सेना (IAF) की महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अपने ऑपरेशनल फाइटर जेट स्क्वाड्रनों की संख्या बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को पूरा करना है. वर्तमान में लगभग 30 स्क्वाड्रन हैं, जबकि अधिकृत क्षमता लगभग 42.5 है. इन स्वदेशी लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का उद्देश्य भारतीय वायु सेना की युद्ध तत्परता को बढ़ाना है, जिससे मिग-21 जैसे पुराने बेड़े को धीरे-धीरे रिप्‍लेस किया जा सके और उसकी जगह मॉडर्न फाइटर जेट को एयरफोर्स के बेड़े में शामिल किया जा सके. ₹67000 करोड़ का यह ठेका तेजस MK-1AA संस्करण के लिए दूसरा बड़ा ऑर्डर होगा, इससे पहले फरवरी 2021 में 83 विमानों के लिए ₹48,000 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर किए गए थे.

भारत लगातार बढ़ा रहा एयरफोर्स की ताकत

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयरफोर्स के महत्‍व को देखते हुए भारत वायुसेना को अपग्रेड करने में जुटा है. फ्रांस से राफेल फाइटर जेट की खरीद इसी प्रकिया का हिस्‍सा था. इसके अलावा अब फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए 5th जेनरेशन फाइटर जेट को खरीदने पर भी विचार किया जा रहा है. दूसरी तरफ, देसी तकनीक से पांचवीं पीढ़ का देसी लड़ाकू विमान बनाने के लिए AMCA प्रोजेक्‍ट पर भी तेजी से काम चल रहा है. प्रोटोटाइप डिजाइन तैयार करने के लिए 15000 करोड़ रुपये की बोली भी आमंत्रित की गई है, जिसमें सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी हिस्‍सा ले सकती हैं. फाइटर जेट के साथ ही कटिंग एज मिसाइल डेवलपमेंट पर भी काम चल रहा है. भारत ने हाल में ही हाइपरसोनिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग भी की है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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